दुनिया-जगत

अफगानिस्तान में इस साल 6,34,000 से ज्यादा लोग हुए विस्थापित : यूएन एजेंसी

झूठा सच @ रायपुर :- अफगानिस्तान में इस साल संघर्षों के दौरान छह लाख 34 हजार से ज्यादा अफगान विस्थापित हुए हैं। युद्धग्रस्त देश में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने ओसीएचए के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा है कि 12 सितंबर, 2021 को 282,246 विस्थापित लोगों को सहायता मिली थी। अफगानिस्तान के अधिकारियों और मानवीय एजेंसियों ने देश में विस्थापित परिवारों की जीवन स्थिति पर चिंता व्यक्त की है क्योंकि इससे महिलाओं और बच्चों के जीवन पर असर पड़ा है। उन तक स्वास्थ्य सुविधाएं और स्कूली शिक्षा नहीं पहुंच पा रही है। ओसीएचए द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक इसके अलावा इस साल 28,000 से अधिक अफगान देश में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित भी हुए हैं।

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि अफगानिस्तान में आर्थिक संकट की काफी ज्यादा संभावना है उन्होंने जिनेवा में अफगानिस्तान की मानवीय स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक में वित्त पोषण सहायता की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने देशों से अफगानिस्तान के लिए एक अरब 20 करोड़ डालर की राहत देने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए अफगानिस्तान को तत्काल समर्थन देने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा।
 
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अफगानिस्तान में जल्द ही तालिबान की औपचारिक सेना की होगी, पूर्व सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा

झूठा सच @ रायपुर :- अफगानिस्तान में जल्द ही तालिबान की औपचारिक सेना की होगी। तालिबान की कार्यवाहक सरकार बनाने की घोषणा के हफ्तों बाद तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकारी प्रमुख करी फैसिहुद्दीन ने बुधवार को कहा कि वे एक औपचारिक सेना बनाने पर काम कर रहे हैं और इस योजना को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। 

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फैसिहुद्दीन ने कहा, 'हमारे देश की रक्षा करने के लिए एक नियमित और मजबूत सेना होनी चाहिए। इसमें पूर्व सरकार में सेवा करने वाले सेना के पूर्व सदस्यों को भी नई सेना में शामिल किया जाएगा। उन्होंने उल्लेख किया कि तालिबान किसी भी खतरे के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा होगा, चाहे वह बाहरी हो या आंतरिक।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है और पेशेवर हैं, उन्हें हमारी नई सेना में इस्तेमाल किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में इस सेना का गठन हो जाएगा। हालांकि, पूर्व सैनिकों का कहना है कि उन्हें अभी तक अपने काम को फिर से शुरू करने के लिए नहीं कहा गया है। एक पूर्व सैन्य अधिकारी शकोरुल्ला सुल्तानी ने कहा कि तालिबान को 3,00,000 सैनिकों के भाग्य के बारे में फैसला करना चाहिए।

एक महीने से अधिक समय हो गया है जब देश से अमेरिका और नाटो सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। काबुल के तालिबान के हाथों में पड़ने और पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार गिरने के बाद देश पिछले महीने संकट में पड़ गया था।
 
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रूस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facbeook, Twitter और Telegram पर भारी जुर्माना लगाया

झूठा सच @ रायपुर / मास्को, रायटर :- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सख्ती का दौर जारी है। दुनियाभर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सिक्योरिटी को लेकर संदेह की नजरों से देखा जा रहा है। भारत में हाल ही में भारत सरकार और Twitter के साथ टकराव पैदा हुआ था। भारत के बाद अब रूस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facbeook, Twitter और Telegram पर भारी जुर्माना लगाया गया है। रूस की एक अदालत ने मंगलवार को कहा कि उसने अवैध सामग्री नहीं हटाए जाने पर अमेरिकी मीडिया कंपनियों फेसबुक व ट्विटर तथा मैसेजिंग एप टेलीग्राम पर जुर्माना लगाया है

जानिए किस पर लगा कितना जुर्माना

टैगांस्की जिला अदालत ने बताया कि फेसबुक पर पांच मामलों में कुल 2.1 करोड़ रूबल (करीब 2.12 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है, जबकि ट्विटर को दो मामलों में कुल 50 लाख रूबल (करीब 50.49 लाख रुपये) का जुर्माना अदा करना होगा। कोर्ट ने मैसेजिंग एप टेलीग्राम पर भी 90 लाख रूबल (करीब 90.88 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है। इस मामले में फेसबुक, ट्विटर व टेलीग्राम ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रूस ने इंटरनेट पर नियंत्रण की दिशा में सख्त कदम उठाते हुए विदेशी इंटरनेट कंपनियों के लिए अपने देश में पूर्णकालिक दफ्तर खोलना अनिवार्य कर दिया है। कंपनियों को उनके क्षेत्र में ही रूसी नागरिकों से संबंधित डाटा का संग्रह करना होगा।

Google पर लगा था जुर्माना

बता दें कि कल यान 14 सितंबर को दक्षिण कोरिया के एंटीट्रस्ट नियामक ने Google पर भारी जुर्माना लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम और एप मार्केट में बाजार के प्रभुत्व के कथित दुरुपयोग के लिए दिग्गज कंपनी गूगल पर 207.4 बिलियन वोन (17.68 करोड़ डालर) का जुर्माना लगाने का फैसला किया है। भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब 13.02 अरब रुपये के बराबर है। वहीं इस पर गूगल ने आपत्ति जताई है और कहा है कि इस जुर्माने को वह चुनौती देगा। गूगल ने दक्षिण कोरिया पर मानहानि का आरोप लगाया है।
 
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ईरान और अफगानिस्तान के बीच हवाई सेवा फिर से हुई शुरू

झूठा सच @ रायपूर :- ईरान और अफगानिस्तान के बीच हवाई सेवा फिर से शुरू हो गई है। यह जानकारी ईरानी सरकारी मीडिया ने दी है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से करीब एक महीने तक दोनों देशों के बीच हवाई सेवा बंद थी। रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी महान एयर का विमान 15 सितंबर को मशहद शहर से 19 यात्रियों को लेकर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचा है। बता दें कि इससे पहले 13 सितंबर को एक पाकिस्तानी फ्लाइट भी काबुल पहुंचा था।


ईरान अफगानिस्तान संबंध
ईरान व्यापार, सुरक्षा, ऊर्जा और परिवहन समझौते को मजबूत करने को लेकर तालिबान के साथ काम कर रहा है। मौजूदा वक्त में ईरान और अफगानिस्तान के बीच सालाना ट्रेड करीब 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। बता दें कि ईरान, अफगानिस्तान का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। अफगानिस्तान का 40 फीसद से अधिक तेल ईरान से पहुंचता है|

मौजूदा वक्त की बात
ईरान और तालिबान दोनों ही अमेरिका को अपना दुश्मन मानते हैं। तेहरान के लिए अमेरिका का अफगानिस्तान से जाना एक अमेरिकी विरोधी मोर्चा का बेहतर मौका हो सकता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ईरान और तालिबान 'दुश्मन का दुश्मन मेरा दोस्त है' वाले राह पर चल रहे हैं। ईरानी सरकार ने हाल ही में तालिबान के साथ संबंध सामान्य करने के अपने इरादे स्पष्ट किए हैं एनालिस्ट्स का मानना है कि ईरान तालिबान सरकार को जल्द मान्यता देने नहीं जा रहा है। ईरान रूस और चीन जैसे देशों को देखकर की मान्यता के बारे में कोई फैसला लेगा। ईरान अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। हमेशा की तरह ईरान तालिबान से संपर्क बनाए रखने के साथ ही अन्य विकल्प बनाए रखेगी।
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पाकिस्तान में पत्रकारों पर हो रहे हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद पुलिस को लगाई फटकार

झूठा सच @ रायपुर :-  पाकिस्तान में पत्रकारों पर हो रहे हमले को लेकर वहां की सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद पुलिस को फटकार लगाई है। एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पत्रकारों पर अत्याचार के लिए इस्लामाबाद पुलिस के आईजी, काजी को फटकार लगाते हुए कहा कि मीडियाकर्मियों पर हो रहे हमले अराजकता को दर्शाता है। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में पत्रकारों के उत्पीड़न के संबंध में एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति काजी मुहम्मद अमीन  ने यह टिप्पणी की।


अबसार आलम के मामले में भी कोर्ट ने पुलिस बलों को लगाई फटकार
अदालत ने इस्लामाबाद में अबसार आलम को गोली मारने वाले दोषियों को पकड़ने में तेजी से कार्रवाई नहीं करने के लिए पुलिस बलों को भी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति काजी ने कहा, 'इस्लामाबाद पुलिस के आईजी काजी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पत्रकारों पर हमला करने वालों को गिरफ्तार किया जाए। अगर संदिग्धों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो यह उनकी विफलता होगी।' बता दें कि पाकिस्तान में पत्रकारों पर हो रहे हमले लगातार बढ़ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार और पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया अथारिटी (PEMRA) के पूर्व अध्यक्ष अबसार आलम को इस्लामाबाद में गोली मार दी गई थी।

नहीं हो रही कोई कार्रवाई-द न्यूज इंटरनेशनल
काउंसिल आफ पाकिस्तान न्यूजपेपर्स एडिटर्स (CPNE) मीडिया फ्रीडम रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच कम से कम 10 पत्रकारों की हत्या कर दी गई और कई अन्य लोगों का अपहरण किया गया है। द न्यूज इंटरनेशनल की मानें तो पाकिस्तान में पत्रकारों को प्रताड़ित करने और मारने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पिछले दिनों पाकिस्तान में सैकड़ों पत्रकार प्रस्तावित पाकिस्तान मीडिया डेवलपमेंट अथारिटी कानून के विरोध में रविवार को संसद भवन के बाहर जमा हुए थे। द न्यूज इंटरनेशल के मुताबिक, प्रस्तावित कानून न केवल पत्रकारों और मीडिया संगठनों को प्रेस की स्वतंत्रता से वंचित करेगा बल्कि छात्रों, वकीलों, शिक्षकों, कानून निर्माताओं, ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक, धार्मिक कार्यकर्ताओं को भी उनके मूल अधिकारों से वंचित करेगा।
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नाइजीरिया की जेल में एक बार फिर हुआ हमला ,अब तक 266 कैदी फरार

झूठा सच @ रायपुर : - नाइजीरिया में एक बड़ा हमला हुआ है जहां पर हमलावरों ने एक जेल को निशाना बनाकर 266 कैदियों को आजाद करा लिया है. नाइजीरिया के गृह मंत्रालय की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. मंत्रालय ने बताया है कि हमले में एक सैनिक और एक पुलिस ऑफिसर की मौत हो गई है और साथ ही दो गार्ड्स भी फरार हैं.यह नाइजीरिया की किसी जेल पर साल का दूसरा सबसे बड़ा हमला है. अथॉरिटीज की तरफ से बताया गया है कि साउथ-सेंट्रल नाइजीरिया के राज्‍य कोगी के काबा में स्थित जेल पर रविवार को देर रात भारी हथियारों से लैस हमलावरों ने हमला किया था. यह जगह राजधानी अबुजा से दक्षिण पश्चिम की तरफ है.

जेल के सभी कैदी आजाद
हमलावरों ने जेल की दीवार विस्‍फोट करके उड़ा दी और 266 कैदियों यानी लगभग जेल के सभी बंदियों को रिहा करा दिया. बताया जा रहा है कि हमलावरों ने दीवार को तीन तरफ से नष्‍ट किया और उन्‍होंने एक खतरनाक एक्‍सप्‍लोसिव का प्रयोग किया था. जेल के गार्ड्स और हमलावरों के बीच भारी गोलीबारी भी हुई. इस जेल में सुरक्षा मध्‍यम स्‍तर की है और माना जा रहा है कि हमले के पीछे सुरक्षा में कमी होना एक बड़ी वजह है. नाइजीरिया वो देश है जो अपनी सीमा में सुरक्षा की कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. अक्‍सर क्रिमिनल गैंग्‍स हथियारों को लूट लेते हैं.

अप्रैल में हुआ था सबसे बड़ा हमला
इस देश के उत्‍तर-पूर्व में इस्‍लामिक आतंकवाद का बोलबाला है और उत्‍तर-पश्चिम में स्‍कूलों में बच्‍चों को किडनैप कर लिया जाता है. काबा की जेल में 294 कैदी थे जिसमें 28 ही जेल में बचे हैं. जेल अथॉरिटीज की तरफ से पहले यह संख्‍या 240 बताई गई थी. इस साल नाइजीरिया की किसी जेल पर यह दूसरा बड़ा हमला है. इससे पहले अवेरी की जेल पर अप्रैल के महीने में हमला हुआ था. उस हमले में 1800 कैदी भाग गए थे. पुलिस ने उस हमले के लिए प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन Indigenous People of Biafra (IPOB) को जिम्‍मेदार बताया था. यह संगठन नाइजीरिया के कई दक्षिणी-पूर्वी राज्‍यों के लिए अभियान चला रहा है.

जेल में थे क्षमता से ज्‍यादा कैदी
रविवार को जो हमला हुआ है, उसमें शामिल हमलावरों की अभी पहचान नहीं हो पाई है. काबा की इस जेल की शुरुआत साल 2008 में की गई थी. जेल की क्षमता 200 कैदियों की है. हमले के समय 224 कैदी ट्रायल शुरू होने का इंतजार कर रहे थे तो 70 को अलग-अलग आरोपों में दोषी माना गया था. नाइजीरिया में संदिग्‍धों को ट्रायल से पहले हिरासत में लेकर जेल भेज दिया जाता है. मानवाधिकार संगठनों की मानें तो जेल में क्षमता से ज्‍यादा कैदी हैं और कानूनी प्रक्रियाएं भी सही नहीं है. गृह मंत्रालय की मानें तो काबा की जेल में हमले के दौरान 15 सैनिक, 10 पुलिस ऑफिसर्स और 10 जेल सुरक्षाकर्मी तैनात थे | 
 
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए .खुद हुए आइसोलेट

 झूठा सच @ रायपुर :-  मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दल में एक सदस्य के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया है। इस कारण से उनकी क्षेत्रीय सुरक्षा बैठकों के लिए इस सप्ताह ताजिकिस्तान की यात्रा भी रद्द कर दी गई है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने क्रेमलिन के हवाले से मंगलवार को इसकी जानकारी दी है। 

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव  ने CNN इसकी जानकारी दी. क्रेमलिन ने बताया कि हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिसके बाद पुतिन राष्ट्रपति भवन में ही सेल्फ आइसोलेट में हैं.

बीते साल रूस में कोविड-19 के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद पुतिन ने टीका लगवाया था. व्लादिमीर पुतिन ने कौन सी वैक्सीन लगवाई है. इस बारे में राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कोई खुलासा नहीं किया. लेकिन यह उन तीन रूसी वैक्सीन में से एक है, जिन्हें मंजूरी दी गई है|
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तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में प्रदर्शनों पर लगाई रोक

तालिबान की अंतरिम सरकार ने देश में सभी तरह के प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है। हाल में काबुल सहित देश के कई शहरों में महिलाएं अपने अधिकारों के लिए जोरदार प्रदर्शन कर रही हैं। बल प्रयोग करने के बाद भी महिलाओं के ये प्रदर्शन न रुकने पर अब सरकारी आदेश जारी किया गया है। यह आदेश अंतरिम सरकार के गृह मंत्रालय ने दिया है।

गृह मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि अब कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। जो भी प्रदर्शन होंगे उसके लिए बाकायदा अनुमति लेना आवश्यक होगा। इसके साथ ही किस उद्देश्य से प्रदर्शन किया जा रहा है, उसमें क्या नारे लगाए जाएंगे और किस तरह के बैनर होंगे, इसकी भी पूरी जानकारी देनी होगी।

इस आदेश के बाद ऐसा नहीं लगता है कि महिलाओं के प्रदर्शन को तालिबान किसी भी तरह से अनुमति देगा। उल्लेखनीय है कि तालिबान की नई अंतरिम सरकार में महिलाओं को स्थान न देने और कई पाबंदियां लगाने के कारण काबुल सहित देश के कई शहरों में जबर्दस्त प्रदर्शन हो रहे हैं। तालिबान के धमकी देने के बाद भी ये प्रदर्शन नहीं रुक रहे हैं। पिछले दिनों काबुल में तालिबान ने महिलाओं के साथ मारपीट और आंसू गैस के गोले भी दागे थे।
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अमेरिका में आइडा तूफान से 82 लोगों की गई जान

अमेरिका में आइडा तूफान से मरने वालों की संख्या 82 तक पहुंच गई है। सीबीएस न्यूज ब्राडकास्टर ने बुधवार देर रात राज्यों के अधिकारियों से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लुसियाना में 26 पीड़ितों सहित दक्षिणपूर्वी राज्यों में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 52 और लोग मारे गए। 

लगभग 10 दिन पहले आए आइडा तूफान ने खाड़ी तट, पेंसिल्वेनिया, न्यूयार्क और न्यू जर्सी के क्षेत्रों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में कई क्षतिग्रस्त स्थानों का दौरा किया है। आइडा तूफान 29 अगस्त को लुसियाना तट से टकराया था। यह 2005 में आए कैटरीना तूफान के बाद अमेरिका में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली आपदा है।

न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान भूमिगत तलों और भूतल पर रहने वाले लोगों को हुआ है। कई शहरों में ये लोग अवैध रूप से कम किराये वाले आवासों में रह रहे थे। निचले स्थानों पर मौजूद इन आवासों में कुछ घंटों में ही पानी भर गया था। जिन इलाकों में रात में पानी भरा, वहां रहने वालों को बचाव का समय भी नहीं मिला इसलिए बाढ़ से प्रभावित होने वालों में ज्यादातर गरीब तबके के लोग हैं।
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अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, भारत-रूस ने दी ये चेतावनी

अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद जैसे हालात बन रहे हैं उन पर भारत नज़रें बनाए हुए है. भारत अलग-अलग देशों के साथ चर्चा कर रहा है इसी कड़ी में रूस के साथ बातचीत हुई है. रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत दौरे पर अजित डोभाल से बात की. भारत-रूस दोनों ने चेताया है कि अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल आतंकी संगठन कर सकते हैं.  

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी एनएसए निकोलोई पेतरुशेव ने अजित डोभाल से बातचीत की है. भारत और रूस का मानना है कि अफगानिस्तान से जो आतंकी संगठन काम कर रहे हैं, वो आसपास के इलाके के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं  दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि तालिबान ने दुनिया को जो वादे किए हैं, उनको पूरा किया जाना चाहिए. मानवाधिकार की बात हो, महिलाओं के हक की बात हो और सबसे अहम की किसी दूसरे देश के आतंकी संगठन उसकी जमीन का इस्तेमाल ना कर पाएं. 

एक अधिकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन मौजूद हैं जो भारत समेत आसपास के इलाके के लिए खतरा हैं. भारत को डर है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल ना करें, ऐसे में पाकिस्तान की ISI का तालिबान के साथ संबंध होना भी चिंता का विषय है. 

अजित डोभाल और रूसी एनएसए की मीटिंग
अब भारत और रूस एक साथ मिलकर ड्रग ट्रैफिकिंग, माइग्रेशन और आतंकवाद के मसले पर मिलकर काम करेंगे. भारत-रूस लंबे वक्त से सामरिक दृष्टि से काफी करीब आए हैं, ऐसे में जब अमेरिका यहां से चला गया है तब दोनों देशों का अफगानिस्तान के मसले पर रोल काफी अहम हो जाता है. भारत की ओर से पहले भी कई बार चेतावनी दी गई है कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकी संगठन ना कर पाएं. अफगानिस्तान में पहले ही पाकिस्तान के कई आतंकी संगठन एक्टिव हैं, जिनमें लश्कर और जैश जैसे नाम हैं. हक्कानी नेटवर्क तो तालिबान की सरकार का हिस्सा ही है | 
 

 

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पाकिस्तान अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के साथ करेगा बैठक

 पाकिस्तान अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के विदेश मंत्रियों के साथ बुधवार को ऑनलाइन बैठक करेगा और युद्ध प्रभावित देश के वर्तमान हालात पर चर्चा करेगा विदेश कार्यालय ने यह जानकारी दी। कार्यालय के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे ,जिसमें चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल होंगे अफगान मुद्दे पर विदेश मंत्री स्तर की यह बैठक पाकिस्तान के आमंत्रण पर हो रही है।

विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘ बैठक में अफगानिस्तान में पैदा हो रहे हालात की समीक्षा की जाएगी ताकि साझा चुनौतियों से निपटा जा सके, साथ ही क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए उभर रहे अवसरों की भी पहचान करने पर बातचीत होगी।’’ उम्मीद की जा रही है कि यह बैठक अफगानिस्तान के पड़ोसियों को शांतिपूर्ण तथा स्थिर अफगानिस्तान के साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के अवसर प्रदान करगी, जो मजबूत आर्थिक संबंधों के लिए अहम है  यह बैठक पांच सितंबर को विशेष प्रतिनिधियों अथवा राजदूत स्तर की हुई चर्चा को ही आगे बढ़ाएगी |
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तालिबान ने किया पत्रकार और कैमरामैन को गिरफ्तार, जानें क्या हैं वजह

तालिबान एक बार फिर अफगानिस्तान में अपनी क्रूरता का प्रदर्शन किया है. काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली के दौरान जमा हुई भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए तालिबान द्वारा फायरिंग की गई है. मंगलवार को काबुल के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन  हो रहे थे. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, तालिबान के लड़ाकों द्वारा काबुल में राष्ट्रपति पैलेस के पास फायरिंग की गई. यहां पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मार्च कर रहे थे. राष्ट्रपति पैलेस के पास ही काबुल सेरेना होटल है, जहां पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख पिछले एक हफ्ते से रुके हुए हैं.तालिबान द्वारा उन पत्रकारों और कैमरामैन को भी गिरफ्तार किया गया है, जो मंगलवार को होने वाले प्रदर्शन को कवर कर रहे थे. अफगानिस्तान में बीते एक-दो दिनों से लगातार पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था. अफगान नागरिक पाकिस्तान द्वारा पंजशीर में किए गए हमले का विरोध कर रहे हैं. 

पंजशीर में पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा नॉर्दर्न एलायंस के ठिकानों पर ड्रोन से हमले किए गए थे, जिससे तालिबान को फायदा हुआ था. इसी के बाद अफगानिस्तान के नागरिकों का पाकिस्तान के प्रति गुस्सा फूटा है. बीते दिन से ही काबुल, मजार ए शरीफ में प्रदर्शन शुरू हुआ, खास बात ये है कि प्रदर्शन करने वालों में महिलाएं अव्वल हैं. सिर्फ अफगानिस्तान ही नहीं बल्कि वाशिंगटन में भी रहने वाले अफगान नागरिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन किया. लोगों ने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.गौरतलब है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ फैज हामिद बीते कुछ दिनों से काबुल में ही हैं. काबुल में तालिबान-हक्कानी नेटवर्क के बीच समन्वय बैठाने और सरकार बनाने की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए वो यहां पर आए हैं, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं |
 
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डायरेक्ट कमर्शियल फ्लाइट्स आज से शुरू

कुवैत मंगलवार से भारत के साथ डायरेक्ट कमर्शियल फ्लाइट को शुरू कर रहा है. देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. फ्लाइट्स को फिर से शुरू करने का ऐलान सबसे पहले पिछले महीने किया गया था. लेकिन इसे लागू करने की समय सीमा नहीं दी गई थी. कुवैत ने 24 अप्रैल को भारत के साथ सभी डायरेक्ट इंटरनेशनल फ्लाइट को अगली सूचना तक सस्पेंड कर दिया गया था. इस दौरान भारत में कोरोना की दूसरी लहर आई हुई थी और जिसके मद्देनजर कुवैत ने ये फैसला लिया था. 

संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले महीने ट्रांजिट यात्रियों को ट्रैवल प्रतिबंधों में ढील दी और घोषणा की कि वह भारत के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों और मिस्र के साथ कमर्शियल इंटरनेशनल फ्लाइट्स फिर से शुरू करेगा. भारत के अलावा, अन्य देश जहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी, उनमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल शामिल हैं. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, भारत ने सितंबर में एयर बबल व्यवस्था के तहत 18 देशों के साथ 49 शहरों के बीच उड़ानें शुरू कीं. एक एयर बबल पैक्ट के तहत, देश की एयरलाइनों द्वारा अपने क्षेत्रों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित की जा सकती हैं. 

कुवैत के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यात्रा दिशानिर्देश कुछ इस प्रकार हैं:

1. कुवैत की यात्रा करने वाले यात्रियों को फुली वैक्सीनेट होना होगा. उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंजूर की गई कोई भी एक वैक्सीन लगवानी होगी.

2. कुवैत के नागरिक, उनके रिश्तेदार और घरेलू कर्मचारियों को देश में प्रवेश दिया जाएगा.

3. सभी यात्रियों को यात्रा से 48 घंटों के भीतर करवाए गए कोरोना टेस्ट की एक निगेटिव पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी. 

4. यात्रियों को यूआईडी और फोन नंबर का उपयोग करके अलहोसन ऐप पर डाउनलोड और पंजीकरण करना अनिवार्य है. 

UAE जाने पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत नहीं

वहीं, भारत और पांच अन्य देशों से आने वाले संयुक्त अरब अमीरात के निवासियों को अब देश में प्रवेश के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट  दिखाने की जरूरत नहीं होगी. गल्फ न्यूज की खबर के मुताबिक UAE की वैध निवास वीजा  के साथ सभी यात्रियों को भारत, नेपाल, नाइजीरिया, पाकिस्तान, श्रीलंका और यूगांडा से दुबई  की यात्रा करने की अनुमति होगी. खबर के मुताबिक, यात्रियों के पास एक वैध कोविड-19 टेस्ट सर्टिफिकेट होना चाहिए, जो नमूने एकत्र किये जाने और उड़ान की रवानगी से 48 घंटे के अंदर का होना चाहिए | 

 
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सीमा पर भारत की निगरानी के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नए सेना कमांडर की नियुक्ति

झूठा सच @ रायपुर :- चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जनरल वांग हैजियांग को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थिएटर कमांड का नया कमांडर नियुक्त किया है। वेस्टर्न थिएटर कमांड भारत के साथ सीमाओं की निगरानी करता है। स्थानीय वेबसाइट चाइनामिल के मुताबकि, चिनफिंग ने वांग और चार अन्य सैन्य अधिकारियों को जनरल के पद पर पदोन्नत किया है। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का ओवरआल हाईकमान है।

पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख गतिरोध शुरू होने के बाद जनरल वांग पश्चिमी थिएटर कमान का नेतृत्व करने वाले चौथे कमांडर हैं। दोनों पक्षों के सैनिकों के गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा से बाहर निकलने से तनाव कुछ हद तक कम हो गया है।चीन की वेस्टर्न थिएटर कमान शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्रों के साथ-साथ भारत के साथ सीमा की निगरानी करती है। 

इस वजह यह पीएलए में एक कमान के तहत सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र बन जाता है। 59 वर्षीय जनरल शू पिछले साल मई में लद्दाख में तनाव शुरू होने के बाद पश्चिमी कमान का नेतृत्व करने वाले तीसरे जनरल थे। इससे पहले जनरल झांग जुडोंग को पिछले साल 19 दिसंबर को कमान का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था, जो पीएलए से सेवानिवृत्त हुए 65 वर्षीय जनरल झाओ जोंगकी की जगह लेंगे।
 
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पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबानियों ने की फायरिंग

झूठा सच @ रायपुर :- अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए तालिबान की मदद करने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ काबुल से लेकर अमेरिका तक में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच खबर है कि काबुल में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबानियों ने फायरिंग की है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ प्रमुख फैज हमीद के काबुल दौरे से अफगानिस्तान में बाहरी दखल को लेकर लोग गुस्से में हैं। 

जानकारी के मुताबिक काबुल में राष्ट्रपति पैलेस के पास भारी संख्या में लोगों पाकिस्तान और आइएसआइ के चीफ के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान वहां मौजूद तलिबान के लड़ाकों ने फायरिंग शुरू कर दी। फिलहाल लोगों के मारे जाने या घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

वहीं, दूसरी तरफ अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में महिलाओं ने देश की भावी सरकार में उन्हें भी प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। एक महिला संगठन का कहना है कि पिछले बीस सालों में महिलाओं के योगदान को मान्यता देने का यही सही तरीका है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि अफगान महिलाओं को सरकार में सक्रिय साझेदारी मिलनी चाहिए। नई सरकार बिना महिलाओं के बनाने में कोई समझदारी नहीं है।बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन का जल्द एलान करने का भरोसा दिलाया है।

तालिबान की तरफ से नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान, चीन, रूस, ईरान, कतर और तुर्की जैसे देशों को न्योता भेजे जाने की खबर है। बता दें कि चीन तालिबान के साथ मिलकर काम कर रहा है और उसने पाकिस्तान और रूस के साथ काबुल में अपने दूतावास को चालू रखा है। काबुल में उसके राजदूत वांग यू ने सोमवार को तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख मावलावी अब्दुल सलाम हनिफी से मुलाकात भी की।
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कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत जल्द पड़ेगी , हेल्थ एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

झूठा सच @ रायपुर :- कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में इजरायल शुरुआत से आगे रहा है. इजरायल ने कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाया, जिसके दुनियाभर में इजरायल की तारीफ हुई. जहां एक तरफ कई देश अपने नागरिकों को कोरोना की वैक्सीन की दोनों डोज देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं इजरायल के एक हेल्थ एक्सपर्ट सलमान जारका ने कहा कि कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की भी जरूरत है.

इजरायल में लोगों को लगाए जा रहे बूस्टर शॉट
इजरायल ने अपने सभी नागरिकों को कोरोना वायरस का बूस्टर शॉट देना शुरू कर दिया है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों से बूस्टर प्रोग्राम नहीं शुरू करने का आग्रह किया है. WHO का कहना है कि तब तक ऐसा नहीं किया जाए जब तक कि अन्य सभी देश कम से कम कमजोर वर्ग के लोगों का टीकाकरण करने में सक्षम नहीं हो जाएं.

हेल्थ एक्सपर्ट ने दी ये सलाह
सलमान जारका ने कहा कि कोरोना के कई वैरिएंट सामने आ रहे हैं. डेल्टा वैरिएंट के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. आशंका है कि इससे मौतों और हॉस्पिटल में एडमिट होने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है. उनका कहना है कि कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत कुछ समय बाद पड़ सकती है. हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए हेल्थ एक्सपर्ट सलमान जारका के मुताबिक, बूस्टर शॉट कोरोना के वैरिएंट से बचाने में सक्षम हैं. डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच बूस्टर शॉट की जरूरत बढ़ गई है.

चौथी लहर से लेना होगा सबक
सलमान जारका ने कोरोना की अगली लहर के बारे में भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की चौथी लहर से सबक लेना चाहिए. कोरोना के और नए वैरिएंट आ सकते हैं, जैसा कि साउथ अमेरिका महाद्वीप में हो रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों का भी कहना है कि भविष्य में कम से कम 6 महीने या एक साल में बूस्टर शॉट्स की जरूरत होगी | 
 
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अमेरिका के फ्लोरिडा में गोलीबारी से नवजात सहित चार लोगों की मौत

 झूठा सच @ रायपुर :-  अमेरिका के दक्षिणी प्रांत फ्लोरिडा के लेकलैंड में गोलीबारी में नवजात सहित चार लोगों की मौत हो गयी। स्थानीय मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में 11 साल की एक बच्ची घायल हुई है। पोल्क काउंटी शेरिफ ग्रेडी जुड ने कहा कि दो अलग-अलग घरों में सुबह 4:3० बजे गोलीबारी हुई। उन्होंने बताया कि इस दौरान पुलिस के साथ गोलीबारी में घायल होने के बाद संदिग्ध ने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है।

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आज हुए बम धमाके में 3 की मौत ,20 घायल

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आज यानी रविवार को सुबह एक बम धमाका हुआ। क्वेटा के मास्तुंग रोड पर स्थित एक चेकपोस्ट पर ये आत्मघाती हमला हुआ। इस दौरान 3 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई जबकि कम से कम 20 लोग घायल हो गए हैं। बलूचिस्तान काउंडर-टेररिजम डिपार्टमेंट ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि इसमें सोहाना खान एफसी चेकपोस्ट को निशाने पर लिया गया था। प्रवक्ता ने बताया कि सीटीडी की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और जांच शुरू कर दी गई है।

इस विस्फोट के बाद घटनास्थल पर तुरंत बाद पुलिस, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​और बचाव अधिकारी पहुंच गए हैं। घायलों को शेख जैद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि आत्मघाती हमलावर ने चेकपोस्ट पर कानून प्रवर्तन एजेंसी के वाहन में अपनी मोटरसाइकिल से टक्कर मार दी थी। इसके बाद ही यहां पर जोरदार धमाका हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ ही अब खबर है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हमले में पाकिस्तान सुरक्षा बल को निशाना बनाया गया था।

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