धर्म समाज
नवरात्रि पर मां को लगाए प्रतिदिन अलग-अलग भोग
नवरात्रि के अवसर पर भक्तगण मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा करते हुए उनके अनुरूप भोग प्रसाद चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। आईये जानते हैं किस दिन किस माता को कौन सा भोग पसंद हैं-
शक्ति एवं ऊर्जा का संचार करने वाला पर्व शारदीय नवरात्रि
7 अक्टूबर को घर -घर विराजेंगी माँ दुर्गा, जानिए उनके 9 स्वरूपों के बारें में ...
गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी ना देखें चांद,जानें क्या हैं वजह
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेशजी कई सारे लड्डुओं को लेकर चंद्रलोक से आ रहे थे, रास्ते में उनको चंद्रदेव मिले. गणेशजी के हाथों में ढेर सारे लड्डू और उनके बड़े उदर को देखकर चंद्र देव हंसने लगे. इससे गणपतिजी को क्रोध आ गया और उन्होंने चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा कि तुम्हें अपने रूप पर बहुत घमंड है न जो मेरा उपहास उड़ाने चले हो, मैं तुमको क्षय होने का श्राप देता हूं.
भगवान गणेश के आगमन पर ही होता है अक्षत का इस्तेमाल, जानिए इसके महत्त्व
झूठा सच @ रायपुर :- गजानन गणपति को समर्पित 10 दिनों तक चलने वाला महापर्व गणेश महोत्सव आने ही वाला है. 10 सितंबर शुक्रवार से इस महोत्सव का आगाज होगा और ये 19 सितंबर रविवार को अनंत चौदस तक चलेगा. हर साल इस गणेश उत्सव को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार को लेकर सबसे ज्यादा धूम महाराष्ट्र में होती है. चतुर्थी के दिन गणपति के भक्त ढोल नगाड़ों के साथ उन्हें अपने घर लेकर आते हैं.
भौमवती अमावस्या आज ,जानिए इसके महत्त्व एवं पूजा की विधि
झूठा सच @ रायपुर :- आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अमावस्या और मंगलवार का दिन है। अमावस्या तिथि आज सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक थी। उसके बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग गई है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है, लिहाजा आज भौमवती अमावस्या है।
हरतालिका तीजे के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखे निर्जला उपवास
झूठा सच @ रायपुर :- हिंदू धर्म में हरतालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका व्रत रखा जाता है. ये व्रत निर्जला और निराहर किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना होती है.ये त्योहार विशेषतौर से उत्तर भारत में मनाया जाता है. हरतालिका तीज के दिन लड़की के मायके से कपड़े, फल, फूल और मिठाई भेजी जाती है. आइए जानते हैं हरतालिका तीज से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में
रविवार को सूर्य को ऐसे चढ़ाएं जल, आरोग्य की होगी प्राप्ति
झूठा सच @ रायपुर :- सूर्यदेव को ग्रहों का राजा माना जाता है. उन्हें कलयुग में एकमात्र दृश्य देवता के तौर पर भी पहचाना जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य देव का विशेष महत्व माना गया है. सूर्यदेव के नियमित पूजन से जीवन में शांति और खुशहाली आती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सुबह नहाने के बाद रोजाना सूर्य देवता को जल चढ़ाने और रोज सूर्य नमस्कार करने से जीवन में बड़ा बदलाव होता है. वैदिक काल में भी भगवान सूर्य नारायण की उपासना का उल्लेख किया गया है. धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है. महाभारत काल में रानी कुंती को सूर्य देव की कृपा से ही पहले पुत्र की प्राप्ति हुई थी. वहीं वेदों में सूर्य को जीवन, सेहत और शक्ति के देवता के तौर पर मान्यता है. सूर्यनारायण के सामने किए जाने वाले नमस्कार को सर्वांग व्यायाम भी कहा जाता है.
आज जन्माष्टमी पर बन रहा है खास संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि
आज देशभर में धूम- धाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. भादों मास में श्री कृष्ण की पूजा का खास महत्व है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग पूरा दिन व्रत और पूजा करते हैं. इस साल श्रीकृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. हर साल जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.
आज है बलराम जंयती, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि
झूठा सच @ रायपुर :- भगवान विष्णु के शेषावतार बलराम का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी माह की अष्टमी तिथि के दिन विष्णु जी के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। बलराम ने भगवान कृष्ण के बड़े भाई के रूप जन्म लिया था। बलराम जी को हलधर मतलब हलधारण करने वाले के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए उनकी जयंती को हल षष्ठी के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन हल की जुताई से उगे हुए अनाज नहीं खाए जाते हैं। इस साल बलराम जंयती 28 अगस्त, दिन शनिवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं भगवान बलराम के जन्म की पौराणिक कथा के बारे में....
भगवान विष्णु के शेषावतार बलराम कल है जंयती
भगवान विष्णु के शेषावतार बलराम का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी माह की अष्टमी तिथि के दिन विष्णु जी के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। बलराम ने भगवान कृष्ण के बड़े भाई के रूप जन्म लिया था। बलराम जी को हलधर मतलब हलधारण करने वाले के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए उनकी जयंती को हल षष्ठी के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन हल की जुताई से उगे हुए अनाज नहीं खाए जाते हैं। इस साल बलराम जंयती 28 अगस्त, दिन शनिवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं भगवान बलराम के जन्म की पौराणिक कथा के बारे में....
भगवान विष्णु के शेषावतार बलराम कल है जंयती
भगवान विष्णु के शेषावतार बलराम का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी माह की अष्टमी तिथि के दिन विष्णु जी के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। बलराम ने भगवान कृष्ण के बड़े भाई के रूप जन्म लिया था। बलराम जी को हलधर मतलब हलधारण करने वाले के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए उनकी जयंती को हल षष्ठी के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन हल की जुताई से उगे हुए अनाज नहीं खाए जाते हैं। इस साल बलराम जंयती 28 अगस्त, दिन शनिवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं भगवान बलराम के जन्म की पौराणिक कथा के बारे में....
संतान की सलामती के लिए महिलाओं ने रखा संकष्टी बहुला चतुर्थी का व्रत
झूठा सच@रायपुर :- तान की सलामती और उसके लंबी दीर्घायु के लिए महिलाओं ने आज संकष्टी संग बहुला चतुर्थी का व्रत रखा है । इस दिन भगवान श्री गणेश के निमित्त व्रत किया जाता है । भाद्र कृष्ण पक्ष चतुर्थी को बहुला चौथ का पवित्र त्यौहार मनाया जाता है इसे श्री संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है । ज्योतिष आचार्य ने बताया है कि इस दिन चंद्रमा मीन राशि में विराजमान रहेगा और उत्तराभाद्र नक्षत्र तृतीय और शूल योग का समावेश रहेगा |
- बहुला चौथ में सौभाग्यवती माताएं पूजा-अर्चना कर अपने संतान की लंबी आयु अच्छे स्वास्थ धन ऐश्वर्य उन्नति के लिए कामना करेंगे.
- वही आज के दिन चंद्रमा को देखने का बड़ा महत्व है। चंद्रमा को देखकर माताएं अपना व्रत तोड़ती हैं। आज रात 8:30 बजे माताएं चंद्रोदय के बाद शिव पार्वती और गणेश की पूजा कर चंद्रमा को उजला फूल …
संतान की लंबी आयु के लिए रखें हरषष्टी व्रत, जानिए पूजन की विधि
झूठा सच @ रायपुर :- भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हलषष्ठी व्रत है। यह पर्व बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है | चूंकि बलराम जी का प्रधान शस्त्र हल और मूसल है | इसीलिए बलराम को हलधर के नाम से भी जाना जाता है । इस दिन को हल षष्ठी, हरछठ या ललही छठ के रूप में मनाया जाता है | इस दिन गाय के दूध और दही का सेवन करना भी वर्जित है। इस दिन व्रत करने का भी विधान है।
रक्षाबंधन के दिन करें इस अष्टलक्ष्मी मंत्र का जाप, नहीं होगी कोई कष्ट
22 अगस्त को सावन के महीने का आखिरी दिन है. इस दिन श्रावण पूर्णिमा है, साथ ही रक्षा बंधन का पावन त्योहार भी है. पूर्णिमा की तिथि 21 अगस्त को शाम 07:02 बजे शुरू होगी और 22 अगस्त को शाम 05:33 बजे समाप्त होगी. कहा जाता है कि सावन मास की इस पूर्णिमा तिथि पर महादेव के साथ साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो बहुत शुभ होता है ऐसे में भोलेनाथ के साथ मां लक्ष्मी और नारायण की भी कृपा घर में बनी रहती है और जीवनभर धन धान्य आदि की कमी नहीं होती. अगर आपके घर पर आर्थिक संकट है तो आपके लिए पूर्णिमा का दिन और भी खास है क्योंकि इस दिन से लेकर अगले 40 दिनों तक आप अष्ट लक्ष्मी प्रयोग करके माता लक्ष्मी को बेहद प्रसन्न कर सकते हैं. ये अचूक प्रयोग आपके जीवन में धन की ऐसी वर्षा करेगा कि आप जीवन भर कभी धन संबन्धी कष्टों का सामना नहीं करेंगे.
ओणम का पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है, जानिए इसका महत्व
केरल के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला ओणम राज्य के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. यह हर साल अगस्त और सितंबर के बीच मनाया जाता है. इसे थिरु-ओणम या थिरुवोनम के रूप में भी जाना जाता है. इस साल यह पर्व 21 अगस्त को पड़ रहा है. ये त्योहार 12 अगस्त से शुरू हो चुका है और 23 अगस्त तक चलेगा.