धर्म समाज
पहला अर्घ्य आज, जानें अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मूहुर्त
आज हैं भाई दूज , जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
- भाई दूज पूजा के लिए एक थाली तैयार की जाती हैं जिसमें रोली, फल, फूल, सुपारी, चंदन और मिठाई रखी जाती है।
- फिर चावल के मिश्रण से एक चौक तैयार किया जाता है।
- चावन से बने इस चौक पर भाई को बैठाया जाता है।
- फिर शुभ मुहूर्त में बहनें भाई को तिलक लगाती हैं।
- तिलक लगाने के बाद भाई को गोला, पान, बताशे, फूल, काले चने और सुपारी दी जाती है।
- फिर भाई की आरती उतारी जाती है और भाई अपनी बहनों को गिफ्ट भेंट करते हैं।
आज है दिवाली ,जानिए महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त
छोटी दिवाली आज
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त
भौतिक समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक धनतेरस
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आज है करवा चौथ का व्रत, जानें- पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त
झूठा सच @ रायपुर :- करवा चौथ (करक चतुर्थी) रविवार 24 अक्टूबर को है। इस बार आठ सालों के बाद विशेष संयोग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र और मंगल योग एक साथ आ रहा है। चन्द्रमा के साथ प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ रहना अद्भूत योग का निर्माण कर रहा है। साथ ही रविवार का दिन काफी शुभ संयोग माना जा रहा है।ज्योतिष के जानकार पं. मोहन कुमार दत्त मिश्र बताते हैं कि यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी चंद्रउदय व्यापिनी को किया जाता है। दिनभर उपवास के बाद सुहागन महिलाएं शिव एवं चन्द्रमा को अर्घ्य प्रदान कर पति की दुर्घायु की कामना करेंगी। इस बार चंद्रमा के साथ रोहिणी नक्षत्र का साथ और मार्कण्डेय यग व सत्यभावा योग का निर्माण काफी शुभफलदायक है। ऐसा संयोग भगवान श्रीकृष्ण और सत्यभावा के समय भी बना था। शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना गया है। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं। महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर रात में चलनी से चांद को देखती हैं और अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। परंपरा है कि इस मौके पर सुहागन पति के हाथ से ही पानी ग्रहण करती हैं।
शरद पूर्णिमा पर क्यों खायी जाती है खीर?
मां सिद्धिदात्री की आराधना से आज होगा नवरात्रि का समापन
आज हैं दुर्गा अष्टमी जानें नवरात्रि हवन की विधि
झूठा सच @ रायपुर :- शारदीय नवरात्रि में आज अष्टमी तिथि के अवसर पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि महागौरी प्रसन्न होकर भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं और पापों का नाश करती हैं. नवरात्रि के दिन में हर दिन देवी मां के अलग स्वरूप के पूजन के दौरान भक्तों को अलग लाभ मिलता है. लेकिन अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन महाअष्टमी के दिन घर पर कन्या को बुलाकर उनका पूजन करने का विधान है. कुछ लोग इस दिन नवरात्रि के नौ दिनों का उद्यापन कर देते हैं, वहीं कुछ लोग महानवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं. इस दिन देवी मां की कृपा पाने के लिए कुछ विशेष उपाय हैं, जिन्हें करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी साथ ही देवी मां की हमेशा आप पर कृपा बनी रहेगी.
मां कालरात्रि की पूजा अर्चना आज
मां का छठवां रूप कात्यायनी की पूजा अर्चना आज
6. कात्यायनी- मां का छठवां रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है। कात्यायनी साधक को दुश्मनों का संहार करने में सक्षम बनाती है। इनका ध्यान गोधूली बेला में करना होता है।
आज कुष्मांडा के साथ करे माँ स्कंदमाता का पूजन
4. कुष्मांडा- चतुर्थी के दिन मांं कुष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों, निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु व यश में वृद्धि होती है।
5. स्कंदमाता- नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी है। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है।
मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा
3. चंद्रघंटा- मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तृतीया को की जाती है। इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश होता है व आकर्षण बढ़ता है।