महामाया मंदिर में महाजोत का होगा प्रज्वलन
रायपुर। हिन्दू नव संवत्सर 2080 की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि बुधवार से हुई। चैत्र नवरात्रि पर देवी मंदिरों में सुबह प्रतिमा का अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। मंदिरों में घट पूजा की जा रही है। अभिजीत मुहूर्त में 11.30 बजे जोत प्रज्ज्वलित की जायेगी। पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर के प्रधान पुजारी और बैगा के नेतृत्व में विधिवत पूजा-अर्चना की गई।
घट स्थापना के पश्चात महाजोत प्रज्वलित की जाएगी। इसके पश्चात श्रद्धालुओं की मनोकामना जोत प्रज्वलित होगी।सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा है। ज्यादातर देवी मंदिरों में दोपहर 11.36 से 12.24 के अभिजीत मुहूर्त में विधिवत मंत्रोच्चार के साथ ज्योत प्रज्वलन किया जाएगा।
24 घंटे खुला रहेगा मंदिर, तीन बार लगेगा महाभोग
महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला ने बताया कि नवरात्रि के दौरान अष्टमी तिथि तक 24 घंटे मंदिर खुला रहेगा। मंदिर में प्रतिदिन तीन बार माता को महाभोग अर्पित करके महाआरती की जाएगी। रात्रि में भजन गायक माता के गुणगान में जसगीत की प्रस्तुति देंगे।
महाजोत का प्रज्वलन
महामाया मंदिर में महाजोत से ज्योति लेकर हजारों श्रद्धालुओं की जोत प्रज्वलित की जाएगी। पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर, शीतला मंदिर, ब्राह्मणपारा के कंकाली मंदिर, कुशालपुर के दंतेश्वरी मंदिर, आकाशवाणी तिराहा स्थित काली मंदिर, रावांभाठा के बंजारी मंदिर समेत 25 से अधिक देवी मंदिरों में जोत कलश सजाने का कार्य पूरा कर लिया गया है।
पंचक काल और नौका पर सवार होकर आ रही देवी दुर्गा, शुभ फलदायी
नवरात्र की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पंचक काल प्रारंभ हुआ। पंचक काल को पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। बुधवार को शुरू हो रही चैत्र नवरात्र पर देवी दुर्गा का आगमन नौका पर और प्रस्थान हाथी पर हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा का आगमन नौका पर हो तो इसे शुभदायी माना जाता है। देवी मां के भक्तों और राज्य, देश के लिए चैत्र नवरात्र शुभदायी रहेगी।
महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार देवी पुराण के श्लोक शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता अर्थात प्रतिपदा तिथि यदि सोमवार या रविवार को पढ़े तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पधारतीं हैं। शनिवार-मंगलवार को माता का आगमन घोड़े पर और गुरुवार-शुक्रवार को डोली पर होता है। बुधवार को देवी मां नौका पर सवार होकर आती है।
सूर्याेदय तिथि का महत्व
चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात्रि 10.52 बजे से प्रारंभ हुई जो 22 मार्च की रात्रि 8.20 बजे तक रहेगी। चूंकि सूर्योदय पर पड़ने वाली तिथि को महत्व दिया जाता है, इसलिए प्रतिपदा तिथि 22 मार्च को मनाई जाएगी।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - सुबह 6.23 से 7.32 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11.05 से 12.35 बजे तक
अनेक योगों का संयोग
नवरात्र के दौरान अनेक योगों का संयोग बन रहा है। नवरात्र में चार सर्वार्थ सिद्धि, चार रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग, बुद्धादित्य योग, गजकेसरी योग, द्वि-पुष्कर योग और गुरु पुष्य योग का संयोग शुभदायी है।
दुर्गा सप्तशती का करें पाठ
ज्योतिषाचार्य डा. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार नवरात्र के नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती पाठ करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं। साथ ही देवी कवच, अर्गला स्त्रोतं, कीलक और सिद्ध कुंजिका स्तोत्रं का पाठ करना चाहिए।
राशि पाठ
मेष पहला अध्याय
वृषभ दूसरा अध्याय
मिथुन सातवां अध्याय
कर्क पांचवां अध्याय
सिंह तीसरा अध्याय
कन्या दसवां अध्याय
तुला छठा अध्याय
वृश्चिक आठवां अध्याय
धनु 11 वां अध्याय
मकर आठवां अध्याय
कुंभ चतुर्थ अध्याय
मीन नौवां अध्याय