धर्म समाज

विनायक चतुर्थी व्रत आज, करें ये उपाय

  • विघ्नहर्ता भगवान गणेश करेंगे सभी कष्ट दूर
1 फरवरी को विनायक चतुर्थी का व्रत आज रखा जाएगा। माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को तिल चतुर्थी, कुंद चतुर्थी अथवा तिलकुंद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा में तिल और कुंद के फूलों का बड़ा ही महत्व है। बता दें कि माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत के साथ ही उमा चतुर्थी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से महिलाओं के द्वारा कुंद और अन्य पुष्पों से, गुड़ से और नमक से गौरी पूजा की जाती है। साथ ही विनायक चतुर्थी के दिन ब्राह्मणों और गायों का भी विशेष सम्मान किया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह की सुख-समृद्धि मिलती है। लिहाजा इस दिन भगवान श्री गणेश के साथ ही माता गौरी की पूजा का भी विधान है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि विनायक चतुर्थी के दिन में कौन से खास उपाय करने चाहिए।
- अगर किसी व्यक्ति ने आपसे पैसा उधार ले रखा है और वह बहुत दिनों के बाद भी आपको पैसा वापस नहीं लौटा रहा है, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको एक गोमती चक्र लेकर गणेश पूजा के समय भगवान के सामने रखना चाहिए और शाम तक उसे ऐसे ही रखा रहने दीजिये। शाम के समय उस गोमती चक्र को वहां से उठाकर, कहीं विराने में जाकर एक गड्ढे में दबा दें और गड्ढे में गोमती चक्र दबाते समय लगातार 'ऊँ गं गणपतये नमः' बोलें।
- अगर आप बोर्ड एग्जाम में सफलता पाना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको श्री गणेश भगवान के इस छः अक्षर के मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है-'मेधोल्काय स्वाहा।' अगर संभव हो तो लाल चंदन की माला से मंत्र जप करें, वरना रुद्राक्ष की माला से ही कर लें। बता दूं कि और भी बेहतर परिणाम के लिए आपको विद्या यंत्र भी धारण करना चाहिए।
- अगर आपके जीवनसाथी की आमदनी कुछ ढीली चल रही है, उनकी कमाई सही से नहीं हो पा रही है, तो विनायक चतुर्थी के दिन एक डिब्बी में सिदूंर भरकर, उसमें एक रुपये का सिक्का डालें और उस डिब्बी को बंद करके माता गौरी के चरणों में रख दें। अब माता गौरी की विधि पूर्वक पूजा करें। पूजा के बाद वहां रखी सिंदूर की डिब्बी में से सिक्का निकालकर अपने जीवनसाथी को संभालकर रखने के लिए दे दें और सिंदूर की डिब्बी को मंदिर में दे आएं।
- अगर आप काम के प्रति अपना लगाव बढ़ाना चाहते हैं, या कहें किसी भी कार्य को आनंद के साथ पूरा करना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको माता गौरी और भगवान गणेश की कुंद के फूलों से पूजा करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
- अगर आप अपने लवमेट के साथ रिश्ते में मिठास बनाये रखना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको भगवान गणेश को तिल का भोग लगाना चाहिए, जबकि माता गौरी को गुड़ का भोग लगाना चाहिए।
- अगर आपके कारोबार में बरकत नहीं हो रही है, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको श्री गणेश भगवान के निमित्त तिल से हवन करना चाहिए और हवन में आहुति डालते समय मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है-'ऊँ गं गणपत्ये नमः।'इस प्रकार मंत्र पढ़ते हुए आपको तिल की 108 आहुतियां देनी हैं।
- अगर आप किसी एक निर्णय पर नहीं टिक पाते हैं, बार-बार निर्णय बदलते रहते हैं या आपका मन बहुत चंचल है, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको एक चांदी की छोटी-सी गोली लेकर अपने पास रखनी चाहिए।
- अगर आप अपनी सफलता को स्थायी रूप से बनाये रखना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको किसी ब्राह्मण को एक कटोरी सफेद तिल का दान करना चाहिए और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए।
- अगर आप अपने घर की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको गाय माता को हल्दी का टीका लगाना चाहिए और गाय के अगले पैरों में जल चढ़ाना चाहिए।
- अगर आप जीवन में किसी तरह की परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन आपको गणेश भगवान के आगे घी का दीपक जलाकर संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे कभी किसी चीज़ में पीछे नहीं रहे, हमेशा तरक्की की राह पर चलते रहें, तो विनायक चतुर्थी शाम के समय श्री गणेश भगवान के आगे घी का दीपक जलाएं। साथ ही भगवान को हल्दी का टीका लगाएं। फिर अपने बच्चों को भी हल्दी का टीका लगाएं।
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महाकुंभ के आखिरी अमृत स्नान के दिन करें ये काम...

  • कई सालों तक दोबारा नहीं बनेगा ऐसा शुभ योग
Mahakumbh : महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान 3 फरवरी के दिन है। इस दिन नागा साधुओं के डुबकी लगाने के बाद आम लोग भी त्रिवेणी घाट में स्नान करेंगे। इसके बाद 12 और 26 फरवरी को भी महाकुंभ का स्नान होगा, लेकिन इसमें नागा साधु शामिल नहीं होंगे। 3 फरवरी को होने वाले अंतिम अमृत स्नान को बेहद खास माना जा रहा है। बसंत पंचमी और महाकुंभ अमृत स्नान का पावन शुभ योग अब कई वर्षों के बाद ही घटित होगा। ऐसे में कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें आखिरी अमृत स्नान के दिन करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आज इसी के बारे में हम आपको जानकारी देंगे।
महाकुंभ अंतिम अमृत स्नान
महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान 3 फरवरी को है। बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाया जाएगा, लेकिन पंचमी तिथि 3 तारीख को ब्रह्म मुहूर्त में विद्यमान रहेगी। ऐसे में इसे बसंत पंचमी का अमृत स्नान भी कहा जा रहा है। 3 फरवरी को ब्रह्म मुहूर्त का स्नान सुबह 5 बजकर 5 मिनट से लगभग 6 बजे के बीच होगा और इस समय पंचमी तिथि रहेगी। आइए अब जान लेते हैं कि, बसंत पंचमी के दिन किन कार्यों को करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
इस तरह करें स्नान देवी-देवता और पितरों का मिलेगा आशीर्वाद
अगर आप महाकुंभ में डुबकी लगाने जा रहे हैं तो इस दिन सही विधि से आपको स्नान करने कई शुभ परिणाम मिल सकते हैं। आपको महाकुंभ में साधु-संतों के स्नान के बाद त्रिवेणी में डुबकी लगानी चाहिए। नदी में घुटनों तक उतरने के बाद हाथ में जल लेकर आपको संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद, गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु। मंत्र का जप करते हुए 5 बार डुबकी लगानी चाहिए। याद रखें कि डुबकी लगाते समय आपको मुख सूर्य की ओर हो। डुबकी लगाते समय अपने इष्टदेव, पितृ आदि का स्मरण आपको करना चाहिए। डुबकी लगाने के बाद किसी पवित्र मंदिर में जाकर आपको पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस तरह अगर आप महाकुंभ के दिन अमृत स्नान करेंगे तो पाप से आप मुक्त होंगे और आपकी कई मनोकामनाएं पूरी होंगी।
वहीं जो लोग महाकुंभ में डुबकी नहीं लगा पाएंगे वो घर पर ही नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद पास के किसी मंदिर में जाकर पूजा पाठ करना भी शुभ साबित होगा।
यथासंभव दान
हिंदू धर्म में दान का बड़ा महत्व है। दान करने से न केवल आपको आत्म संतुष्टि मिलती है बल्कि देवी-देवता और पितृ भी आप पर आशीर्वाद बरसाते हैं, इसलिए अंतिम अमृत स्नान वाले दिन स्नान के बाद आपको यथासंभव दान करना चाहिए। इस दिन आप अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान कर सकते हैं।
पितरों का तर्पण
पितृ देवताओं के निमित्त इस दिन तर्पण करना भी आपके लिए शुभ साबित होगा। ऐसा करने से आपके अतृप्त पूर्वजों की आत्माएं भी शांत होंगी। साथ ही पितृ दोष से भी आपको मुक्ति मिलेगी। महाकुंभ के अमृत स्नान के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध करने के साथ ही पितरों से जुड़े मंत्रों का जप करना भी आपको लाभ दिलाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान के दौरान किया गया श्राद्ध कर्म उतना ही पुण्य फलदायक होता है, जितना पितृ पक्ष के दौरान।
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कैसा रहेगा फरवरी का महीना, जानिए... मासिक राशिफल

फरवरी 2025 का महीना सभी राशियों के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम देने वाला रह सकता है। इस माह में कुछ जातकों को करियर में सफलता मिल सकती है, तो वहीं कुछ को सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं फरवरी 2025 का मासिक राशिफल।
मेष मासिक राशिफल-
फरवरी का महीना मेष राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। इस महीने पारिवारिक समस्याओं के कारण मानसिक तनाव हो सकता है। विशेष रूप से माह के पहले भाग में आपको किसी प्रशासनिक कार्य में उलझने की संभावना है। आप पर आरोप भी लग सकते हैं, जिससे परेशानी हो सकती है।
हालांकि, महीने के उत्तरार्ध में सुखद समाचार मिल सकते हैं। आपको किसी बड़ी यात्रा पर जाने का अवसर मिल सकता है और काम के सिलसिले में विवाद हो सकता है, जिससे आर्थिक स्थिति में भी लाभ हो सकता है।
वृषभ मासिक राशिफल-
इस महीने की शुरुआत में वृषभ राशि के जातकों को शारीरिक थकान का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत रंग ला सकती है और आपको सफलता मिल सकती है। इस महीने परिवार के साथ यात्रा पर जाने का अवसर मिलेगा, जिससे परिवार में खुशी का माहौल बनेगा।
इस दौरान किसी बड़े विवाद से मुक्त होने के बाद मानसिक शांति मिलेगी। इस महीने आप किसी नए कार्य की शुरुआत भी कर सकते हैं, और नए वाहन या घर में निवेश का विचार बना सकते हैं।
मिथुन मासिक राशिफल-
फरवरी का महीना मिथुन राशि के जातकों के लिए खुशियों भरा रहेगा। इस महीने आपको कोई सुखद समाचार मिल सकता है, जिससे आपका मन प्रसन्न रहेगा। परिवार में किसी की जॉब लगने से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस महीने आपको परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने का अवसर मिलेगा।
आप प्रॉपर्टी खरीदने का विचार कर रहे थे, तो यह समय आपके लिए शुभ है। साथ ही, ससुराल पक्ष से भी आपको आर्थिक मदद मिल सकती है, जो आपके रुके हुए काम पूरे कराएगी।
कर्क मासिक राशिफल-
कर्क राशि के जातकों के लिए फरवरी का महीना कठिनाइयों से भरा रहेगा। इस महीने आप काम की तलाश में परेशान हो सकते हैं। आर्थिक दृष्टि से भी यह महीना उतना अच्छा नहीं रहेगा। पारिवारिक समस्याओं के कारण मन अशांत हो सकता है।
इस महीने आपको कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता पड़ेगी, और बच्चों की शिक्षा को लेकर आप चिंतित रह सकते हैं। घर में मेहमानों का आना-जाना रहेगा और परिवार में कोई धार्मिक आयोजन भी हो सकता है। महीने के उत्तरार्ध में काम के सिलसिले में बाहर यात्रा पर जाने का योग बन सकता है।
सिंह मासिक राशिफल-
सिंह राशि के जातकों के लिए यह महीना महत्वपूर्ण रहेगा। आपको इस महीने किसी महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी मिल सकती है, जिसे आप पूरी लगन से निभाएंगे। इस दौरान आपके अधिकारी वर्ग और पार्टनर आपके काम को सराहेंगे और आपको पदोन्नति मिल सकती है।
हालांकि, पारिवारिक दृष्टि से यह महीना कुछ परेशानियों से भरा रहेगा और परिवार में कुछ अनबन हो सकती है। इस महीने आप प्रॉपर्टी में बड़ा निवेश कर सकते हैं, लेकिन यह निवेश सोच-समझ कर करें। परिवार के साथ आप कहीं बाहर घूमने का कार्यक्रम बना सकते हैं।
कन्या मासिक राशिफल-
कन्या राशि के जातकों के लिए फरवरी का महीना शुभ रहेगा। इस महीने आपको कोई अच्छी खबर मिल सकती है। जिस काम के लिए आपने प्रयास किए थे, वह पूरा हो सकता है। इस महीने आप किसी लंबी यात्रा पर जा सकते हैं, जहां आपको किसी विशिष्ट व्यक्ति से मुलाकात का अवसर मिलेगा, जो भविष्य में सफलता का मार्ग खोलेगा।
परिवार में आपसी विवाद दूर होंगे और परिवार के लिए कोई धार्मिक कार्य आयोजित हो सकता है। परिवार में किसी नए सदस्य के आगमन से माहौल खुशहाल होगा।
तुला मासिक राशिफल-
तुला राशि के जातकों के लिए यह महीना बहुत महत्वपूर्ण रहेगा। इस महीने आपको कोई बड़ी सफलता मिल सकती है, जिससे आपकी लाइफ में बड़ा बदलाव आएगा। कार्यक्षेत्र में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन आपकी कार्यकुशलता के कारण आप इन्हें पार कर लेंगे।
पारिवारिक दृष्टि से यह समय अच्छा रहेगा, और पुराने मतभेद दूर होंगे। इस महीने आपको अपनी पैतृक संपत्ति में अधिकार मिल सकता है, और आप इस बात से खुश हो सकते हैं। परिवार के लिए गिफ्ट खरीदने का अवसर भी मिलेगा। हालांकि, पार्टनर से वाणी पर संयम रखने की सलाह दी जाती है।
वृश्चिक मासिक राशिफल-
वृश्चिक राशि के जातकों को इस महीने कुछ बड़ा करने का अवसर मिल सकता है। जिन कार्यों के लिए आप लंबे समय से मेहनत कर रहे थे, उनमें सफलता मिलने के आसार हैं। महीने के पहले भाग में आपको पदोन्नति मिल सकती है और आपके कार्य के लिए किसी बड़े कार्य में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
कार्यक्षेत्र में विरोधियों से चुनौती मिल सकती है, लेकिन आप अपने स्वभाव और कार्यशैली के कारण इस चुनौती को स्वीकार कर सफलता प्राप्त करेंगे। इस महीने आप परिवार के लिए कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं, जिससे भविष्य में लाभ होगा।
धनु मासिक राशिफल-
धनु राशि के जातकों के लिए यह महीना मानसिक रूप से परेशान करने वाला हो सकता है। वाहन आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें, क्योंकि दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इस महीने आप किसी बड़े कार्य में सहयोगी बन सकते हैं, जो भविष्य में बड़ा लाभ दे सकता है।
सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में भी आपको कोई बड़ा पद प्राप्त हो सकता है। परिवार में मतभेद हो सकते हैं, जिससे वातावरण में तनाव उत्पन्न हो सकता है। वाणी पर संयम रखें और विवादों से बचें। कोई भी व्यक्तिगत बात अपरिचित व्यक्ति से साझा न करें।
मकर मासिक राशिफल-
मकर राशि के जातकों के लिए फरवरी का महीना अच्छा रहेगा। इस महीने कोई पुराना विवाद समाप्त हो सकता है, जिससे परिवार में खुशी का माहौल बनेगा। कार्यक्षेत्र में बदलाव के विचार हो सकते हैं, और आपको कोई बड़ा पद मिल सकता है।
हालांकि, आपके विरोधी बढ़ सकते हैं और आपको षड्यंत्रों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार के साथ आप अच्छा समय बिताएंगे और परिवार के लिए गिफ्ट खरीदने का अवसर मिलेगा। इस महीने आप प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने का विचार भी कर सकते हैं।
कुंभ मासिक राशिफल-
कुंभ राशि के जातकों के लिए यह महीना शुभ रहेगा। इस महीने आप किसी विशेष कार्य में हिस्सा ले सकते हैं, और आपके व्यवहार से सामाजिक क्षेत्र में आपका कद बढ़ेगा। इस महीने आपको किसी राजनीतिक व्यक्ति के संपर्क में आने से बड़ा पद मिल सकता है।
पुराने विवादों के समाधान से परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनेगा। महीने के उत्तरार्ध में किसी विशेष व्यक्ति से मुलाकात कर सकते हैं, जो आपके कार्यक्षेत्र में लाभकारी साबित होगा। प्रॉपर्टी में निवेश का समय भी शुभ रहेगा।
मीन मासिक राशिफल-
मीन राशि के जातकों के लिए यह महीना सामान्य रहेगा। आप अपने कार्य में समर्पित रहेंगे, लेकिन अत्यधिक परिश्रम के बावजूद मनचाही सफलता मिल पाना मुश्किल हो सकता है। महीने के उत्तरार्ध में आपको पुराने विवादों से मुक्ति मिल सकती है, जिससे पारिवारिक माहौल अच्छा रहेगा।
बच्चों की शिक्षा को लेकर आप परेशान हो सकते हैं, और आपको इस मामले में बड़ा निर्णय लेना पड़ सकता है, जैसे कि निवास स्थान बदलना या स्कूल में परिवर्तन करना। वाणी पर संयम रखें और विवादों से दूर रहें।
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महाशिवरात्रि पर करें ये उपाय, धन संपत्ति की होगी प्राप्ति

सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन महाशिवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है जो कि शिव को समर्पित दिन है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
मान्यता है कि इस पावन दिन पर शिव साधना करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ के साथ ही अगर कुछ आसान उपायो को किया जाए तो धन लाभ की प्राप्ति होती है और आर्थिक संकट भी दूर हो जाता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ज्योतिषीय उपाय।
महाशिवरात्रि पर करें ये ज्योतिषीय उपाय-
महाशिवरात्रि पर रात में किसी भी शिव मंदिर में जाकर दीपक जलाएं। शिव पुराण के अनुसार कुबेरदेव ने पूर्व जन्म में रात के वक्त शिवलिंग के पास रोशनी की थी। इसी कारण से अगले जन्म वे देवताओं के कोषाध्यक्ष बने। इसी तरह से अगर आप भी शिवलिंग के पास दीपक जलाते हैं तो आपको धन की प्राप्ति होगी और आर्थिक परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।
महाशिवरात्रि के पावन दिन पर छोटा सा पारद शिवलिंग लेकर आएं और घर के पूजा स्थल पर इसे स्थापित कर दें। शिवरात्रि से शुरू करके रोजाना इसकी विधिवत पूजा करें मान्यता है कि इस ज्योतिषीय उपाय को करने से घर की दुख दरिद्रता दूर हो जाती है और लक्ष्मी कृपा से धन संपदा में वृद्धि होती है।
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"हिंदुत्व की छवि खराब करने के लिए रची गई साजिश"

  • महाकुंभ भगदड़ पर बोले धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
प्रयागराज। मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान से पहले हुई भगदड़ को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने साजिश करार दिया है। उनके मुताबिक, यह एक "प्रायोजित षड्यंत्र" था। समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "महाकुंभ में जो भगदड़ मची है, यह एक प्रायोजित षड्यंत्र है। इसे लेकर मन दुखी है। यह बेहद दुखद घटना है। इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश है, जिसके तहत हिंदुत्व की छवि खराब करने की कोशिश है।"
महाकुंभ पर उन्होंने कहा कि "तन रहेगा तो वतन रहेगा, तन रहेगा तो सनातन रहेगा", इसलिए महाकुंभ में श्रद्धालु महा स्नान करें। उन्होंने श्रद्धालुओं से संगम घाट पर भीड़ न लगाने की अपील की क्योंकि किसी एक दिन पर्व पर भारी भीड़ लगाने से परेशानी खड़ी हो सकती है। किसी भी दिन आकर संगम में स्नान कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। भगदड़ तक मची जब श्रद्धालु संगम तट की ओर बढ़ रहे थे। इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 90 से ज्यादा लोग सामान्य या गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों के परिजनों के लिए योगी सरकार द्वारा 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान भी किया गया है। साथ ही डॉक्टरों की निगरानी में घायल श्रद्धालुओं का इलाज किया जा रहा है।
इस घटना को लेकर योगी सरकार द्वारा न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। कुंभ हादसे की न्यायिक जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। सेवानिवृत्त अधिकारी वी.के. गुप्ता और बी.के. सिंह कमेटी में शामिल होंगे। पुलिस भी जांच करेगी कि ऐसा हादसा क्यों हुआ, इसकी जानकारी ली जाएगी।
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद यहां पर स्थिति सामान्य है। श्रद्धालु और संत संगम में स्नान कर रहे हैं। वहीं, बसंत पंचमी पर होने वाले स्नान को लेकर मेला प्रशासन और जिला प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ है। इस दिन डायवर्सन स्कीम लागू होगी।
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2 फरवरी को मनाई जाएगी बसंत पंचमी

  • जानिए...शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
बसंत पंचमी का दिन ज्ञान,वाणी और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 02 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी है। बसंत पंचमी का पर्व देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थी और इस पावन मौके पर मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने से बुद्धि,विवेक और करियर में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बंसत पंचमी के दिन बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। आइए जानते हैं बसंत पंचमी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त,मंत्र,भोग, पूजाविधि और नियम|
द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 02 फरवरी 2025 को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर होगी और अगले दिन 03 फरवरी 2025 को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 02 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त-
बसंत पंचमी के दिन सुबह 07 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त है।
पूजा सामग्री लिस्ट-
मां सरस्वती की प्रतिमा,गणेशजी की प्रतिमा, पीले रंग के फूल, पीला वस्त्र, लकड़ी की छोटी चौकी, चुनरी, हवन कुंड, आम की लकड़ी,पीले रंग का गुलाल, अबीर, रोली,मौली, कपूर, धूप,दीप,अक्षत, लौंग, सुपारी, तुलसी दल, हल्दी, कुमकुम, पीले रंग की साड़ी, कलश,सूखा नारियल, पान,फल, गाय का गोबर, तिल, आम का पत्ता, खीर, पीला मीठा चावल, बूंदी का लड्डू, बेसन का लड्डू या मालपुआ इत्यादि।
पूजा विधि-
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
इसके बाद एक छोटी चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं
अब इस पर गणेशजी और मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
कलश स्थापित करें और षोडशोपचार विधि से पूजा आरंभ करें।
मां सरस्वती को फूल, पीले वस्त्र अर्पित करें और सरस्वती पूजन स्थल का श्रृंगार करें।
रंगोली बनाएं। पीले रंग के चावल से ऊँ लिखें।
अब मां सरस्वती को फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
पूजा के समय देवी सरस्वती को आम्र मंजरी अर्पित करें।
मां सरस्वती के बीज मंत्रों का जाप करें।
देवी सरस्वती को उनके प्रिय भोग जैसे बेसन का लड्डू, पीले मीठे चावल खीर या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
अंत में मां सरस्वती की आरती उतारें।
पूजा समाप्त होने के बाद क्षमा-प्रार्थना मांगे। लोगों के बीच प्रसाद वितरण करें और स्वंय भी खाएं।
मां सरस्वती के मंत्र-
इस दिन मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
1. मां सरस्वती का एकाक्षरी बीज मंत्र- ऐं
2.ऊँ ह्रीं ऐं ह्रीं, सरस्वत्यै नमः
3.ऊँ वद् वद् वाग्वादिनी स्वाहा
4.ऊँ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय
5. सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्राकाल्यै नमो नमः। वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने। विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।
बसंत पंचमी के दिन क्या करें-क्या नहीं?
बसंत पंचमी के ज्ञान, बुद्धि और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद पाने के लिए देवी सरस्वती की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
इस दिन शुभ कार्यों की शुरुआत करने के लिए देवी सरस्वती के समक्ष पेन, पेपर, रजिस्टर और बहीखाते रख सकते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
बसंत पंचमी के दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
इस दिन वाणी नियंत्रण रखें और कटु शब्दों के इस्तेमाल से बचें।
बंसत पंचमी के दौरान पेड़-पौधे काटने से बचना चाहिए।
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माघ मास की गुप्त नवरात्रि का आज दूसरा दिन

  • जानिए...हिंदू धर्म में इसका महत्व और पूजा विधि
माघ माह के गुप्त नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. हिंदू धर्म में ये नवरात्रि विशेष रूप से साधना, तंत्र विद्या और शक्ति उपासना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जो साधकों को सिद्धि, समृद्धि और आत्मबल प्रदान करती हैं|
गुप्त नवरात्रि का महत्व
तंत्र साधना और सिद्धियों के लिए विशेष है. इस दौरान साधक मां काली, तारा, छिन्नमस्ता, धूमावती आदि महाविद्याओं की उपासना कर विशेष सिद्धियां प्राप्त कर सकते हैं. उन लोगों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है जो आर्थिक, मानसिक या पारिवारिक परेशानियों से मुक्ति चाहते हैं. गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2025) में की गई पूजा नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और शत्रुओं से रक्षा के लिए प्रभावी मानी जाती है. इन नौ दिनों में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जिससे धन और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है|
गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि
स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और अपने घर के पूजा स्थल को पवित्र करें. मां दुर्गा या महाकाली की मूर्ति/चित्र के सामने दीप जलाकर मां दुर्गा के रूपों की पूजा करें और उन्हें लाल फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इस दौरान साधक दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, या ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मंत्र का जाप कर सकते हैं|
मां दुर्गा को खीर, गुड़, या फल अर्पित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. रात्रि में दीपक जलाकर मां की आरती करें और नवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें. इस नवरात्रि में दान का विशेष महत्व है, इसलिए जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करना शुभ माना जाता है|
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सिंहस्थ 2028 : महाकुंभ की भगदड़ से सबक

  • VIP एंट्री और अखाड़ों की पेशवाई बंद करने की मांग
सिंहस्थ 2028 : प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ की दुखद घटना से सीख लेते हुए, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने सिंहस्थ 2028 में अव्यवस्था रोकने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव को सुझाव पत्र भेजा है। पत्र में VIP और VVIP एंट्री पर रोक लगाने और अखाड़ों की पेशवाई बंद करने की मांग की गई है।
पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि सिंहस्थ में रामघाट को मुख्य स्नान स्थल माना जाता है, जिसके चलते श्रद्धालु वहीं स्नान के लिए उमड़ते हैं। 13 अखाड़ों के वैभव प्रदर्शन और पेशवाई के कारण स्नान के समय आम श्रद्धालुओं को रोका जाता है, जिससे घाटों पर भीड़ जमा हो जाती है और भगदड़ की स्थिति बनती है।
सरकार को दिया ये सुझाव
अखाड़ों की पेशवाई बंद हो- साधु-संत बिना अनुयायियों और यजमानों के सीधे स्नान करें।
13 अखाड़ों के लिए अलग-अलग स्नान स्थल निर्धारित किए जाएं।
रामघाट पर सर्वप्रथम चारों शंकराचार्यों को स्नान की अनुमति दी जाए।
VIP और VVIP को कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति न दी जाए।
स्नान के बाद ही आम श्रद्धालुओं के लिए घाट खोले जाएं।
सरकार से अपील
महेश पुजारी ने कहा कि यदि सरकार इन सुझावों को लागू करती है, तो सिंहस्थ 2028 में किसी भी प्रकार की भगदड़ या अव्यवस्था नहीं होगी। सरकार से अपेक्षा है कि सभी श्रद्धालुओं को समान अवसर मिले और सिंहस्थ महाकुंभ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।
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कांकेर में शिव कथा सुनाएंगे पंडित प्रदीप मिश्रा

  • 1 से 7 फरवरी तक शिवमहापुराण कथा
रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से शुरू होने वाली है. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है. ये कथा कांकेर के ग्राम कोकपुर में होने वाली है.
जानकारी के मुताबिक प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा 1 से 7 फरवरी तक शिवमहापुराण कथा करेंगे. कथा में लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ेगी. जिसके लिए यातायात पुलिस विभाग के द्वारा रूट चार्ट जारी किया गया है. कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से सायंकाल 4 बजे निर्धारित है. जानकारी के मुताबिक 31 जनवरी को दोपहर 2 बजे से भव्य कलश यात्रा कोड़ेजुंगा बाईपास चौक से आयोजन स्थल तक जाएगी. इसी दिन पंडित प्रदीप मिश्रा का आगमन सायं 4 बजे होगा. 1 फरवरी से कथा प्रारंभ होगी. आयोजन स्थल पर लगभग संपूर्ण तैयारियां कर ली गई है. 3 डोम सहित विशाल पंडाल बनाए गए हैं. कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस, यातायात विभाग अपना रूट चार्ट जारी कर व्यवस्था बनाने में पूरी मुस्तैदी से लगी हुई है.
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बसंत पंचमी 2 फरवरी को, जानिए... शुभ मुहूर्त

  • बसंत पंचमी पर करें इन चीजों का दान...
हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन बसंत पंचमी को बहुत ही खास माना जाता है जो कि विद्या की देवी मां सरस्वती को समर्पित दिन होता है इस दिन विद्यार्थी ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से देवी मां की असीम कृपा बरसती है और शिक्षा के मार्ग पर आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाया जाएगा, ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि किन चीजों का दान आपको पुण्य प्रदान कर सकता है, तो आइए जानते हैं।
सरस्वती पूजा मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के लिए 3 घंटा 26 मिनट का समय प्राप्त हो रहा है ऐसे में 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट के बीच सरस्वती पूजा करना लाभकारी होगा।
बसंत पंचमी पर करें इन चीजों का दान-
आपको बता दें कि बसंत पंचमी के दिन अगर पीली चीजों का दान किया जाए तो उत्तम माना जाता है इस दिन पीले रंग की वस्तु जैसे पीले अनाज, पीली मिठाई का दान करने से घर में सुख समृद्धि आती है और बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन गरीबों और जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाई से संबंधित चीजों का दान जरूर करें। ​जैसे किताब, कॉपी, पेन और पेंसिल या कलर्स का दान करने से मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। बसंत पंचमी पर शिक्षा संबंधित चीजों का दान करना अच्छा होता है। बसंत पंचमी के दिन धन का दान करना भी उत्तम माना जाता है इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को धन का दान जरूर करें।
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मौनी अमावस्या पर करें ये काम, सारे संकट होंगे दूर

सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी यानी आज मनाई जा रही है इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ करना उत्तम माना जाता है लेकिन इसी के साथ ही मौनी अमावस्या के दिन कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें जरूर करना चाहिए मान्यता है कि ऐसा करने से आने वाला संकट टल जाता है, तो आज हम आपको उन्हीं कार्यों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अमावस्या पर जरूर करें ये काम-
मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें और गंगा जी के मंत्र का मन ही मन जाप करें माना जाता है कि ऐसा करने से शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है ऐसे में इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अपनी इच्छा अनुसार वस्त्र, धन, अन्न आदि चीजों का दान जरूर करें। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है ऐसे में इस दिन स्नान के बाद पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान जरूर करें ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है और जीवन में आने वाले संकट टल जाते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन गरीबों के भोजन कराएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है और परेशानियां दूर रहती हैं। अमावस्या के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं, कुत्ते को रोटी खिलाएं इसके बाद मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलिया डालें और पक्षियों के लिए घर की छत पर अनाज और पानी की व्यवस्था करें। ऐसा करने से सुख समृद्धि बढ़ती है।
 
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28 जनवरी को संगम में 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी

  • महाकुंभ 2025 : कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 20 करोड़ के पार
उत्तर प्रदेश। मौनी अमावस्या अमृत स्नान से एक दिन पहले मंगलवार को त्रिवेणी संगम पर आस्था और भक्ति का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ा, जहां करीब पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। यह महाकुंभ में एक दिन में सबसे अधिक श्रद्धालुओं का आगमन था। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि अब तक करीब 20 करोड़ लोग संगम के पवित्र जल में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। यह गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है। मंगलवार के रिकॉर्ड से पहले रविवार और सोमवार को मिलाकर 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि उसे मौनी अमावस्या पर अकेले 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जबकि पूरे महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। मंगलवार रात 8 बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने अपना अनुष्ठान स्नान पूरा कर लिया था, जो पिछले सभी रिकॉर्डों को पार कर गया। त्योहार के पहले के आंकड़ों से पता चलता है कि मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़, पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़, इस रविवार को 1.74 करोड़ और सोमवार को 1.55 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इसमें कहा गया है कि इसमें 10 लाख 'कल्पवासी' शामिल थे, साथ ही देश-विदेश से श्रद्धालु और संत भी शामिल थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर देश भर के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सनातन धर्म के महापर्व महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले सभी पूज्य संतों, श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों को मौनी अमावस्या की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुंभ 2025 में अमृत स्नान की परम पवित्रता प्राप्त करने हेतु प्रयागराज में पधारे कल्पवासियों, संतों एवं श्रद्धालुओं को मेरा सादर नमन। मां गंगा एवं भगवान भास्कर की कृपा आप सभी पर बनी रहे। मैं सभी देशवासियों में एकता की प्रार्थना करता हूं।"
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अमावस्या पर रामेश्वरम और इरोड के पवित्र स्थलों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

तमिलनाडु। अमावस्या के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु रामेश्वरम और इरोड के पवित्र स्थलों पर उमड़े। लोग भगवान शिव के दर्शन करने, मंदिरों में पवित्र जल में डुबकी लगाने, अनुष्ठान करने और अपने पूर्वजों की पूजा करने के लिए लंबी कतारों में प्रतीक्षा कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिरुवापुरी मुरुगन मंदिर में भारी भीड़ उमड़ी। तमिल महीने थाई की अमावस्या को थाई अमावस्या के रूप में जाना जाता है। यह दिन पूर्वजों के सम्मान के लिए समर्पित है और इसलिए अनुष्ठान करने के लिए इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है।
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मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालु कल प्रयागराज में करेंगे स्नान

यूपी। मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालु कल प्रयागराज में स्नान करेंगे। चम्पत राय ने बयान में बताया प्रयागराज में दिनांक 29 जनवरी को कुम्भ में मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान है। अनुमान है कि लगभग 10 करोड श्रद्धालु दिनांक 29 जनवरी को प्रयागराज में स्नान करेंगे। बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज से भक्तजन अयोध्या जी पहुंच रहे हैं। ट्रेन एवं सड़क दोनों प्रकार से भक्तजन प्रयाग से अयोध्या आ रहे हैं।
पिछले तीन दिनों से अयोध्या जी में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अयोध्या धाम की जनसंख्या एवं आकार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इतनी अधिक संख्या में भक्तों को एक दिन में रामलला के दर्शन कराना बहुत कठिन है और इसी कारण भक्तों को परेशानी हो रही है। परिणाम स्वरूप किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आवश्यक हो गया है कि व्यवस्थाओं में उपयुक्त परिवर्तन किए जाएँ। भक्तों को अधिक पैदल भी चलना पड़ रहा है।
हमारा यह निवेदन है कि पास-पड़ोस के भक्तजन 15-20 दिन के पश्चात दर्शन करने हेतु अयोध्या जी पधारें ताकि बहुत दूर से आने वाले भक्त अभी सुविधा से प्रभु के दर्शन कर सकें। इससे सभी को सुविधा होगी। वसंत पंचमी के बाद फरवरी मास में काफी राहत रहेगी तथा मौसम भी अच्छा हो जाएगा। आसपास के भक्त यदि तब का कार्यक्रम बनाएं तो श्रेष्ठ रहेगा। इस निवेदन पर अवश्य विचार करें।
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मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय, मिलेगा कालसर्प दोष से छुटकारा

सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। मौनी अमावस्या को कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए विशेष तिथि बताई गई हैं तो आज हम आपको इस दिन किए जाने वाले आसान उपाय बता रहे हैं जिन्हें करने से कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाता है तो आइए जानते हैं।
कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय-
ज्योतिष अनुसार मौनी अमावस्या पर चांदी के नाग नागिन की पूजा करना उत्तम होता है नाग नागिन की पूजा करने के बाद इन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से कुंडली में कालसर्प दोष कम हो जाता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि इस पावन दिन पर पवित्र नदी में स्नान ध्यान करें और इसके बाद शिव के तांडव स्तोत्र का विधि पूर्वक पाठ करें। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा प्रापत होती है और कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है।
मौनी अमावस्या की संध्या में तुलसी की विधिवत पूजा करें साथ ही इसके समक्ष घी का दीपक जलाएं और 108 बार तुलसी की परिक्रमा करें। ऐसा करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं अमावस्या के दिन इस उपाय को करने से लाभ होता है। इस दिन घी का दीपक ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व की दिशा में जलाना चाहिए।
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महाकुंभ में डुबकी लगाने से पहले करें ये काम, होगी धन में वृद्धि

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 12 वर्षों के बाद साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन किया गया है। इस बार महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। महाकुंभ में होने वाला शाही स्नान बेहद ही खास माना जाता है मान्यता है कि इस स्नान से तमाम तरह के पाप धुल जाते हैं साथ ही शरीर की शुद्धि होती है और आत्मा भी पवित्र हो जाती है।
इस साल महाकुंभ में 6 स्नान का शुभ संयोग बना है। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से जातक के सारे पाप धुल जाते हैं और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है ऐसे में अगर आप भी महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो स्नान से पहले कुछ कार्यों को जरूर करें मान्यता है कि ऐसा करने से संगम स्नान का पूर्ण फल प्राप्त होता है तो आज हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
महाकुंभ स्नान से पहले करें ये काम-
महाकुंभ को लेकर शंकराचार्य के अनुसार महाकुंभ के संगम में नहाना, शरीर पर पानी डाल लेना, ये स्नान तो हर व्यक्ति अपने घर पर रोज़ करता है। ये शरीर का मैल धोने वाला स्नान है। शंकराचार्य ने कहा, महाकुंभ में जो स्नान होता है वह मन का मैल धोने का होता है। इसलिए महाकुंभ में जो भी स्नान करने जाए उसे कुछ बातों का ध्यान रखना होता है।
शंकराचार्य के अनुसार पवित्र संगम में स्नान से पहले व्यक्ति अपने शिविर में स्नान जरूर लें। इससे आपका शरीर शुद्ध हो जाएगा। इसके बाद पवित्र संगम में डूबकी लगाएं। महाकुंभ के संगम में डुुबकी लगाने से पहले अपने हाथ में थोड़ा जल लेकर संकल्प लें मैं अपने पाप धोने और पुण्य प्राप्ति के लिए यह स्नान कर रहा हूं। इसके बाद ही महाकुंभ में स्नान का फल आपको प्राप्त होगा।
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आज दोपहर 12 बजे तक 60 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई

प्रयागराज। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या में असाधारण वृद्धि देखी गई है, उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार सोमवार को दोपहर 12 बजे तक 6.019 मिलियन से ज़्यादा तीर्थयात्रियों ने गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर पवित्र डुबकी लगाई। इससे पहले आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में संगम त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाई।
शाह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बाबा राम देव सहित कई साधु-संत भी थे। डुबकी लगाने से पहले शाह और सीएम योगी ने प्रयागराज में साधु-संतों से मुलाकात की और उनसे बातचीत भी की। अब तक राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री और कई नेता महाकुंभ में आ चुके हैं और त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट भी बैठक के लिए प्रयागराज गई थी और फिर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई थी।
इस बीच, रूस और यूक्रेन के कई श्रद्धालु प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 में शामिल हुए और आध्यात्मिक एकता का संदेश दिया। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हुए महाकुंभ में पहले ही भारी भीड़ उमड़ चुकी है और 130 मिलियन से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज के पवित्र जल में डुबकी लगा चुके हैं। परंपरा के अनुसार, तीर्थयात्री संगम पर आते हैं - गंगा, यमुना और सरस्वती (अब विलुप्त) नदियों का संगम - पवित्र डुबकी लगाने के लिए, ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष (मुक्ति) मिलता है।
महाकुंभ की प्रमुख स्नान तिथियों में 29 जनवरी (मौनी अमावस्या - दूसरा शाही स्नान), 3 फरवरी (बसंत पंचमी - तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) शामिल हैं। सनातन धर्म में निहित, यह आयोजन एक दिव्य संरेखण का प्रतीक है जो आध्यात्मिक शुद्धि और भक्ति के लिए एक शुभ अवधि बनाता है। महाकुंभ मेले में 45 करोड़ से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। (एएनआई)
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सोम प्रदोष और मासिक शिवरात्रि व्रत पर करें ये उपाय

  • भगवान शिव की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होंगी
जनवरी को सोम प्रदोष का व्रत किया जाएगा। इसके साथ ही सोमवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत भी किया जाएगा। दोनों ही व्रत भगवान शिव को समर्पित है। ऐसे में आज के दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। प्रदोष का व्रत करने से सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है और जीवन में वैभव प्राप्त होता है। वहीं मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है और जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान भी निकलता है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि सोम प्रदोष और मासिक शिवरात्रि व्रत के शुभ संयोग में क्या उपाय करना चाहिए।
1. अगर आप चाहते हैं कि आपकी संतान आपके सभी कामों में मदद करें और उनसे आपके रिश्ते बेहतर बना रहे, तो सोमवार के दिन शिव जी को नारियल अर्पित करें। साथ ही भगवान को सूखे मेवे का भोग लगाएं
2. अगर आपको अपनी पढ़ाई-लिखाई से संबंधित किसी प्रकार की परेशानी आ रही है, तो उस परेशानी से बाहर निकलने के लिए सोमवार के दिन स्नान आदि के बाद आपको शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। साथ ही शिवलिंग पर चंदन का टीका लगाना चाहिए।
3. अगर आपको परेशानी है और आप उसका हल नहीं निकाल पा रहे हैं, तो अपनी परेशानी का हल निकालने के लिए सोमवार के दिन जल में कुछ बूंद दूध मिलकर शिवलिंग पर अर्पित करें। साथ ही 11 बेलपत्र पर चंदन से ॐ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और धूप-दीप आदि से विधिवत शिवलिंग की पूजा करें।
4. अगर आप अपनी संतान के भविष्य को लेकर हमेशा उलझन में रहते हैं या आप चाहते हैं कि उसे जीवन में एक बेहतर मार्ग मिल सके, तो सोमवार के दिन अपनी संतान के हाथों से किसी जरूरतमंद को काले कंबल का दान करवाएं।
5. अगर आपके किसी सरकारी कार्य में परेशानियाँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, जिसके कारण आपकी उन्नति नहीं हो पा रही है, तो सोमवार के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर बेलपत्रों पर चंदन से 'ॐ नम: शिवाय' लिखकर बेलपत्रों की माला बनाएं। फिर इसे शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ ही अपने सरकारी कार्यों में परेशानियों को दूर करने के लिए और उन्नति पाने के लिए दोनों हाथों को जोड़कर भगवान से विनती करें।
6. अगर आपको हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता है, तो अपने गुस्से को कंट्रोल में रखने के लिए सोमवार के दिन शिव मंदिर जाएं और शिव जी को जौ के आटे से बनी रोटियों का भोग लगाएं। अगर जौ की रोटियां ना बना सके, तो केवल जौ के दाने चढ़ा दें।
7. अगर आप अपनी सफलता के मार्ग में आ रही समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन आपको शिव-शंभु के आगे बैठकर उनके इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- शवे भक्ति:शिवे भक्ति:शिवे भक्तिर्भवे भवे। अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं मम्।।
8. अगर आपको लगता है कि आपके जीवनसाथी के बिजनेस को किसी की नजर लग गई है, जिससे उनके बिजनेस की गति रूक गई है, तो सोमवार के दिन आपको काली गुंजा के 11 दाने लेकर, उन्हें भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग से स्पर्श कराना चाहिए। फिर उन दानों को अपने जीवनसाथी को देकर उनसे कहें कि वो इन्हें संभालकर अपने पास रख लें।
9. अगर आप अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर परेशान हैं, आपको आर्थिक रूप से लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो सोमवार के दिन आपको 3 मुखी रुद्राक्ष की पूजा करके, उसे गले में धारण करना चाहिए। आप चाहें तो उसका ब्रेसलेट बनावाकर हाथ में भी धारण कर सकते हैं।
10. अगर आपकी अपने पड़ोसियों से बिल्कुल नहीं बनती है और किसी-किसी बात पर तो आप लोगों का झगड़ा भी हो जाता है, तो सोमवार के दिन आपको उनके घर के सामने से थोड़ी-सी मिट्टी लाकर, उस पर रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव के मंत्र का 5 माला, यानि 540 बार जप करना चाहिए। इसके बाद उस मिट्टी को वापस वहीं रख आयें, जहां से आप उसे उठाकर लाये हों।
11. अगर आप अपने लवमेट के साथ रिश्ते को मजबूत करना चाहते हैं तो सोमवार के दिन दो गोमती चक्र लेकर मन्दिर में स्थापित करके, उनकी धूप-दीप, पुष्प आदि से पूजा करें और भगवान से अपने लवमेट के साथ रिश्ते को मजबूत करने के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद गोमती चक्र को उठाकर एक लाल रंग की पोटली में बांधकर अपने पास रख लें।
12. अपने बिजनेस की तरक्की के लिए सोमवार आपको पानी पीने योग्य पात्र ब्राह्मण को दान करना चाहिए और ध्यान रहे आप जो भी दान करें, उसे दस की संख्या में दान करना है, यानि आपको 10 ब्राह्मणों को अलग-अलग पानी पीने योग्य कोई एक पात्र दान करना है, लेकिन अगर आप इतनी संख्या में दान करने में समर्थ नहीं हैं तो आप केवल एक ब्राह्मण को पानी का पात्र दान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
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