धर्म समाज
मैरी क्रिसमस कह कर ही क्यों शुभकामनाएं देते हैं लोग , जानें वजह ...
जानिए कब है पौष अमावस्या
नए साल 2022 का प्रारंभ कुछ दिनों में ही होने वाला है. हिन्दू कैलेंडर के पौष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है. इस माह की 15वीं तिथि यानी अमावस्या का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व होता है. पौष अमावस्या के दिन स्नान, दान का महत्व है. इस दिन पितरों को भी याद किया जाता है और उनकी तृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म किया जाता है. जिन लोगों को पितृ दोष होता है, वे लोग भी अमावस्या के दिन ही उपाय करते हैं. आइए जानते हैं कि पौष अमावस्या कब है और नए साल 2022 में कब कब अमावस्या है?
जानिए विष्णु भगवान की पूजा के महत्त्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार लगाएं पेड़ - पौधे
घर में क्रिसमस ट्री लगाने के फायदे जानिए
क्रिमसम का त्योहार आने में कुछ ही दिन बाकी हैं. हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है. क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है. क्रिसमस पर लोग अपने घरों कोस सजाते हैं. इस दिन घर पर क्रिसमस ट्री लगाया जाता है. क्रिसमस ट्री सिर्फ घर को सजाने के लिए ही नहीं लगाया जाता बल्कि वास्तु के अनुसार भी इसका काफी महत्व होता है. घर में क्रिसमस ट्री लगाना काफी शुभ माना जाता है. ऐसे में आज हम आपको क्रिमसम ट्री के बारे में कुछ चीजें बताने जा रहे हैं
कुंडली के मंगल दोष से छुटकारा पाने के उपाय जानिए
गुरु घासीदास बाबा ने समाज को दिया एकता, भाईचारे व समरसता का संदेश
दत्तात्रेय जयंती कल
- ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का रूप हैं भगवान दत्तात्रेय
शनि दोष से छुटकारा पाने के उपाय जानिए
पूर्ण सूर्य ग्रहण आज
सूर्य ग्रहण पर प्रेग्नेंट महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान
सूर्य ग्रहण को धर्म और ज्योतिष में तो अशुभ माना ही गया है लेकिन विज्ञान भी इस बात को स्वीकारता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली हानिकारक तरंगे सेहत पर असर डालती हैं. खासतौर पर ग्रहण को नंगी आंखों से देखना आंखों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. सूर्य ग्रहण का नकारात्मक असर प्रेग्नेंट महिलाओं पर भी बहुत ज्यादा पड़ता है. लिहाजा ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को विशेष तौर पर सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा ऐसी मांएं जिन्होंने हाल ही में बच्चों को जन्म दिया है, उन्हें और उनके बच्चे को भी इस दौरान एहतियात बरतना चाहिए.
- प्रेग्नेंट और हाल ही में मां बनी महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान गलती से भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ना ही नवजात बच्चे को बाहर भेजना चाहिए. यदि मजबूरी में घर से बाहर निकलना पड़े तो वापस आकर गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. साथ ही दान जरूर करें.
- सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्मकता हावी रहती है. इससे आम व्यक्ति भी थकान और उदासी महसूस करता है. प्रेग्नेंट महिलाओं पर तो इसका असर कहीं ज्यादा होता है इसलिए उन्हें थकावट वाले काम करने से बचना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान चाकू-कैंची जैसी नुकीली-धारदार वाली चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें.
- ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने-पीने से मना किया जाता है. साथ ही भोजन-पानी में तुलसी के पत्ते डालने के लिए कहा जाता है. ताकि ग्रहण का नकारात्मक असर भोजन-पानी पर न पड़े. लेकिन ग्रहण का समय लंबा होने के कारण ज्यादा देर तक बिना खाए-पिए रहना प्रेग्नेंट महिलाओं की सेहत के लिए ठीक नहीं है. वे लोग इस दौरान तुलसी डली हुई चीजें खा सकती हैं.
- प्रेगनेंट महिलाएं ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की गलती बिल्कुल न करें. इससे उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है.
साल का आखरी चंद्र ग्रहण आज
19 नवंबर को लगेगा चंद्र ग्रहण
आज हैं तुलसी विवाह, जानें भगवान विष्णु से जुड़ी ये बातें ...
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु सबसे पहले तुलसी से विवाह करते हैं. इसलिए हर साल कार्तिक मास की द्वादशी को महिलाएं तुलसी और शालिग्राम का विवाह करवाती हैं. इस बार तुलसी-शालिग्राम विवाह सोमवार, 15 नवंबर को कराया जा रहा है. आइए अब आपको इसके पीछे का इतिहास और मान्यताओं के बारे में बताते हैं.
सीएम बघेल ने नगरीय निकायों में विकास कार्यों के लिए स्वीकृत किए 112 करोड़ रुपए
झूठा सच @ रायपुर :- छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में मूलभूत सुविधाएं बढाने और विकास कार्य में गति लाने हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय निकायों में विकास कार्यों के लिए 112 करोड़ रुपए स्वीकृत किये हैं।जनसामान्य से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने भिलाई-चरोदा, रिसाली, बीरगांव सहित अन्य नगरीय निकायों के लिए कुल 112 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इससे बिजली, पानी, सड़क, सामुदायिक भवन, उद्यान सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के साथ नगर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की दिशा में कार्य किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नगरीय निकायों का कायाकल्प करने में जुटा है। स्वच्छ शहर, सुंदर और स्मार्ट शहर बनाने के साथ गली मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट के माध्यम से अंधेरा दूर कर हर जगह नई रोशनी बिखेरी जा रही है। आम नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप सड़कों को चौड़ा ही नहीं अपितु पार्किंग के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। व्यवस्थित बाजार, मल्टीस्टोरी व्यवस्थित पार्किंग, पानी निकासी, ड्रेनेज निर्माण, अपशिष्ठ का प्रबंधन, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था, बच्चों-बुजुर्गों, महिलाओं के लिए सुविधाओं का विकास के साथ आकर्षक उद्यान से लेकर नागरिकों के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। नगरीय निकाय क्षेत्रों में लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबों के उन्नयन, स्वच्छता से संबंधित कार्य, शहरी गरीबों के लिए आवास, घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में पहले से बेहतर कदम उठाया जा रहा है।
आज छठ पर्व पर करें छठी मैय्या की ये आरती
पहला अर्घ्य आज, जानें अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मूहुर्त