हिंदुस्तान

PM मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच के सर्वदलीय प्रतिनिधियों से की मुलाकात

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की वैश्विक पहुंच में शामिल सभी दलों के नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक प्रधानमंत्री के आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई। इसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर और जेडी(यू) के संजय झा जैसे नेता शामिल हुए। वे उन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे जो आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को समझाने के लिए विदेश गए थे।
एनडीए और विपक्षी भारत ब्लॉक दोनों के नेताओं वाली सात टीमों ने 33 देशों का दौरा किया। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के देश, रूस और मध्य पूर्व और अफ्रीका के देश शामिल थे। भाजपा के रविशंकर प्रसाद, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी(एसपी) की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे जैसे नेता इन टीमों का हिस्सा थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंच पर भारत के विचारों को मजबूती से पेश करने के लिए उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनके काम ने शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और आतंकवाद पर उसकी जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाया है।
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सोनम रघुवंशी ने कुबूल किया अपना गुनाह

Raja Raghuvanshi Murder Case : राजा रघुवंशी की हत्या करने वाली बेवफा सोनम रघुवंशी ने आखिर यह बात कबूल कर ली कि उसने ही अपने पति की हत्या करवाई थी। आज शिलॉन्ग पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो सोनम टूट गई और रोते-रोते बताया कि हां मैंने ही राजा रघुवंशी का मर्डर किया है। आज तक को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,पहले तो सोनम रघुवंशी ने टाल-मटोल किया,लेकिन बाद में दुखी मन से इसे कबूल कर लिया। इसके साथ खास बात यह भी पता चली कि शिलॉन्ग पुलिस ने प्रेमी राज कुशवाहा का सोनम रघुवंशी का आमना-सामना भी कराया।
एक न्यूज़ चैनल के सूत्रों के अनुसार,सोनम रघुवंशी से आज शिलॉन्ग पुलिस ने पूछताछ शुरू की। साथ में राजा रघुवंशी हत्याकांड का मास्टरमाइंड राज कुशवाहा भी था। आज तक को सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर यह पता चला कि शिलॉन्ग पुलिस ने सोनम से राजा के बारे में पूछा। सोनम तो पहले पति राजा रघुवंशी के मर्डर के बारे में पूछा कि क्या तुमने ही अपने पति की जान ली है? सोनम ने पहले तो इसपर इधर-उधर का जवाब दिया,लेकिन पुलिस की कड़ाई के आगे सोनम रघुवंशी टूट गई और उसने पहली बार यह बात कबूल ली कि हां उसने ही राजा की हत्या करवाई है। इस दौरान वह रो भी रही थी। सूत्रों से यह भी पता चला है कि मेघालय पुलिस इसके बाद क्राइम सीन भी रिक्रिएट करेगी।
राज रघुवंशी हत्याकांड पर,एसपी ईस्ट खासी हिल्स,विवेक सिएम ने मीडिया से भी बात की। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है,हमें कई बातों की पुष्टि करनी है। सोनम रघुवंशी के खिलाफ हत्या में उसकी संलिप्तता के सबूत हैं। लेकिन,पूछताछ के बाद चीजें और साफ हो जाएंगी।
इससे पहले सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद रघुवंशी आज राजा रघुवंशी के घर पहुंचे और उनके भाई और मां से खूब लिपटकर रोए। यही नहीं सोनम और राजा के भाई ने साथ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान सोनम के भाई गोपाल ने सीधे कहा कि हमारे परिवार ने सोनम से रिश्ता तोड़ लिया है और उसे फांसी की सजा होनी चाहिए। हम इस वक्त राजा के परिवार के साथ हैं। गोविंद ने आगे कहा कि अभी तक मिले सबूतों के अनुसार,यह 100 प्रतिशत कंफर्म हो गया है कि राजा की हत्या मेरी बहन सोनम रघुवंशी ने ही कराई है।
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राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, छात्रवृत्ति में देरी का उठाया मुद्दा

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवासीय छात्रावासों की “दयनीय” स्थिति और हाशिए के समुदायों के छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति में देरी की बात कही है। मोदी को लिखे अपने पत्र में गांधी ने प्रधानमंत्री से इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने का आग्रह किया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि ये 90 प्रतिशत हाशिए के समुदायों के छात्रों के लिए शिक्षा के अवसरों में बाधा डालते हैं। सबसे पहले, दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए आवासीय छात्रावासों की स्थिति दयनीय है। कांग्रेस नेता ने कहा, "बिहार के दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास के हालिया दौरे के दौरान, छात्रों ने एकल कमरों के बारे में शिकायत की, जिसमें 6-7 छात्र रहने को मजबूर हैं, अस्वच्छ शौचालय, असुरक्षित पेयजल, मेस सुविधाओं की कमी और पुस्तकालयों या इंटरनेट तक पहुंच नहीं है।"
गांधी ने कहा, "दूसरा, हाशिए के समुदायों के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति देरी और विफलताओं से ग्रस्त है।" उन्होंने बिहार का उदाहरण दिया, जहां उन्होंने दावा किया कि छात्रवृत्ति पोर्टल तीन साल तक काम नहीं कर रहा था और 2021-22 में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली। गांधी ने 10 जून को मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, "इसके बाद भी, छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले दलित छात्रों की संख्या लगभग आधी रह गई, जो वित्त वर्ष 23 में 1.36 लाख से घटकर वित्त वर्ष 24 में 0.69 लाख हो गई। छात्रों की यह भी शिकायत है कि छात्रवृत्ति की राशि अपमानजनक रूप से कम है।" "जबकि मैंने बिहार के उदाहरणों का हवाला दिया है, ये विफलताएं पूरे देश में व्यापक हैं। मैं सरकार से इन विफलताओं को दूर करने के लिए तत्काल दो कदम उठाने का आग्रह करता हूं।''
गांधी ने दलित, अनुसूचित जनजाति (एसटी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए प्रत्येक छात्रावास का ऑडिट करने का आह्वान किया, ताकि बेहतर बुनियादी ढांचा, स्वच्छता, भोजन और शैक्षणिक सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें; और कमियों को दूर करने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया जा सके। उन्होंने मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति का समय पर वितरण, छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करके क्रियान्वयन में सुधार करने की भी अपील की। ​​गांधी ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, ''मुझे यकीन है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक हाशिए पर पड़े समुदायों के युवा प्रगति नहीं करते। मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद करता हूं।''
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नीतीश कुमार ने पटना में बिहार के पहले डबल-डेकर फ्लाईओवर का उद्घाटन किया

पटना। बिहार के शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में राज्य के पहले डबल-डेकर फ्लाईओवर का उद्घाटन किया, जिसे 422 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। शहर के स्मार्ट मोबिलिटी मिशन में मील का पत्थर माने जाने वाले इस ढांचे का उद्देश्य राजधानी में यातायात की भीड़ को कम करना और कनेक्टिविटी में सुधार करना है।
अशोक राजपथ पर निर्मित, मल्टी-टियर फ्लाईओवर तीन-स्तरीय यातायात प्रणाली की शुरुआत करता है - जो बिहार में अपनी तरह का पहला है। टियर 1 (लोअर डेक) में पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक 1.45 किमी का हिस्सा शामिल है। टियर 2 (अपर डेक) में कारगिल चौक से शताब्दी द्वार तक 2.2 किमी का कॉरिडोर है, जो पटना साइंस कॉलेज से होकर गुजरता है। ग्राउंड लेवल सर्विस रोड का निर्माण 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है, जो सतही यातायात के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान करता है।
यह फ्लाईओवर पटना मेट्रो रेल परियोजना और जेपी गंगा पथ सहित प्रमुख शहरी नोड्स को जोड़ता है, और उम्मीद है कि इससे पीएमसीएच, साइंस कॉलेज और पटना विश्वविद्यालय जैसे उच्च यातायात वाले क्षेत्रों में भीड़भाड़ कम होगी। यह महात्मा गांधी सेतु, कंकड़बाग और आस-पास के क्षेत्रों से आने-जाने वालों के लिए सुगम यात्रा की सुविधा भी प्रदान करता है। व्यापक शहरी विकास योजनाओं के साथ एकीकृत, यह गलियारा बकरगंज, नाला रोड, बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधाओं और महत्वपूर्ण संस्थानों को जोड़ता है, जिससे छात्रों, चिकित्सा पेशेवरों, व्यापारियों और दैनिक यात्रियों को समान रूप से लाभ मिलता है। इसे "प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और सौंदर्यशास्त्र का संगम" कहते हुए, नीतीश कुमार ने कहा कि यह परियोजना बिहार की उभरती पहचान का प्रतिनिधित्व करती है।
उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा, "यह केवल एक पुल नहीं है, बल्कि एक दृष्टि है। यह शहर में आवागमन को बदल देगा और पूरे राज्य में शहरी बुनियादी ढांचे के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा।" कारगिल चौक - साइंस कॉलेज खंड, विशेष रूप से, मध्य पटना में गतिशीलता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और प्रमुख अस्पतालों और कॉलेजों के आसपास के क्षेत्रों में आपातकालीन प्रतिक्रिया पहुंच में सुधार होगा। यह ऐतिहासिक परियोजना पटना की स्मार्ट सिटी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और आधुनिक, भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचे पर बिहार के बढ़ते जोर को दर्शाती है।
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संविधान ने अछूतों को समान नागरिक बनाया : CJI बीआर गवई

नई दिल्ली। कई दशक पहले, लाखों भारतीय नागरिकों को "अछूत" कहा जाता था। उन्हें बताया जाता था कि वे अशुद्ध हैं और वे अपनी बात नहीं कह सकते। लेकिन आज हम यहां हैं, जहां उन्हीं लोगों से संबंधित एक व्यक्ति देश की न्यायपालिका में सर्वोच्च पद पर आसीन होकर खुलकर बोल रहा है, भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा।
भारत के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित और पहले बौद्ध सीजेआई गवई ने मंगलवार को ऑक्सफोर्ड यूनियन में 'प्रतिनिधित्व से लेकर कार्यान्वयन तक: संविधान के वादे को मूर्त रूप देना' विषय पर बात की। उन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों पर संविधान के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान ने लोगों को समाज और सत्ता के हर क्षेत्र में समान स्थान दिया है। कई दशक पहले, लाखों भारतीय नागरिकों को "अछूत" कहा जाता था। उन्हें बताया जाता था कि वे अशुद्ध हैं और वे अपनी बात नहीं कह सकते।
उन्होंने कहा, "कई दशक पहले, भारत के लाखों नागरिकों को 'अछूत' कहा जाता था। उन्हें बताया जाता था कि वे अशुद्ध हैं। उन्हें बताया जाता था कि वे किसी भी जाति के नहीं हैं। उन्हें बताया जाता था कि वे अपनी बात नहीं कह सकते। लेकिन आज हम यहां हैं, जहां उन्हीं लोगों से संबंधित एक व्यक्ति देश की न्यायपालिका में सर्वोच्च पद पर आसीन होने के नाते खुलकर बोल रहा है। भारत के संविधान ने यही किया। इसने भारत के लोगों को बताया कि वे भी इसी जाति के हैं, वे अपनी बात कह सकते हैं और समाज और सत्ता के हर क्षेत्र में उनका समान स्थान है।"
सीजेआई ने कहा, "आज ऑक्सफोर्ड यूनियन में, मैं आपके सामने यह कहने के लिए खड़ा हूं: भारत के सबसे कमजोर नागरिकों के लिए, संविधान केवल एक कानूनी चार्टर या राजनीतिक ढांचा नहीं है। यह एक भावना है, एक जीवन रेखा है, स्याही में उकेरी गई एक शांत क्रांति है। नगरपालिका स्कूल से लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय तक की मेरी अपनी यात्रा में, यह एक मार्गदर्शक शक्ति रही है।" उन्होंने कहा कि संविधान एक सामाजिक दस्तावेज है, जो जाति, गरीबी, बहिष्कार और अन्याय की क्रूर सच्चाइयों से अपनी नज़र नहीं हटाता। "यह इस बात का ढोंग नहीं करता कि गहरी असमानता से ग्रसित देश में सभी समान हैं। इसके बजाय, यह हस्तक्षेप करने, पटकथा को फिर से लिखने, सत्ता को फिर से निर्धारित करने और गरिमा को बहाल करने का साहस करता है," सीजेआई ने सभा में कहा।
भारत का संविधान उन लोगों की धड़कन को अपने भीतर समेटे हुए है, जिनकी कभी सुनवाई नहीं होनी चाहिए थी, और एक ऐसे देश की कल्पना करता है, जहाँ समानता का सिर्फ़ वादा नहीं किया जाता, बल्कि उसका पालन किया जाता है, उन्होंने कहा कि यह राज्य को न केवल अधिकारों की रक्षा करने के लिए बल्कि उत्थान करने, पुष्टि करने और सक्रिय रूप से मरम्मत करने के लिए बाध्य करता है।
सीजेआई ने कहा कि भारत के संविधान के निर्माण के दौरान, एक उल्लेखनीय और अक्सर अनदेखा किया जाने वाला सच सामने आया: देश के कई सबसे कमज़ोर सामाजिक समूह न केवल संवैधानिक चिंता के विषय थे, बल्कि इसके निर्माण में सक्रिय भागीदार भी थे।
सीजेआई ने कहा, "दलितों और आदिवासियों से लेकर महिलाओं, अल्पसंख्यकों, विकलांग व्यक्तियों और यहां तक ​​कि जिन्हें कभी "आपराधिक जनजाति" के रूप में गलत तरीके से ब्रांड किया गया था, संविधान सभा में उनकी उपस्थिति और व्यापक संवैधानिक कल्पना में न्याय की सामूहिक मांग थी।" उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ. बीआर अंबेडकर ने संवैधानिक पाठ में पर्याप्त सुरक्षा और सकारात्मक उपायों, विशेष रूप से प्रतिनिधित्व के सिद्धांत को शामिल करने में दूरदर्शी और निर्णायक भूमिका निभाई।
सीजेआई ने आगे कहा, "उनका मानना ​​था कि एक असमान समाज में लोकतंत्र तब तक जीवित नहीं रह सकता जब तक कि सत्ता केवल संस्थाओं के बीच ही नहीं, बल्कि समुदायों के बीच भी विभाजित न हो। इसलिए, प्रतिनिधित्व, न केवल विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच, बल्कि उन सामाजिक समूहों के बीच सत्ता के पुनर्वितरण का एक तंत्र था, जिन्हें सदियों से हिस्सेदारी से वंचित रखा गया था। (एएनआई)
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना

कलबुर्गी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 11 साल पूरे होने पर उन पर निशाना साधा। मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी की आलोचना की और कहा कि उन्होंने कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा जो इतना झूठ बोलता हो। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वे 65 साल से राजनीति में हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी युवाओं को धोखा दे रहे हैं और गरीबों को लालच देकर वोट ले रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कलबुर्गी में संवाददाताओं से कहा, "मैं संसद में यह बात लंबे समय से कहता आ रहा हूं और मैंने कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा जो इतना झूठ बोलता हो, इतनी गलतियां करता हो, लोगों को फंसाता हो, युवाओं को धोखा देता हो और लोगों को फंसाकर वोट लेता हो। मैं 65 साल से राजनीति में हूं। उन्होंने हर चीज पर झूठ बोला है और एक भी लागू नहीं किया।"
इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसी भी चीज के बारे में पूछा जाता है, तो वे जवाब नहीं देते हैं, चाहे वह नोटबंदी हो, एमएसपी हो या बेरोजगारी हो। "जब हम उनसे पूछते हैं, तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता है, चाहे वह नोटबंदी हो, बेरोजगारी हो या एमएसपी हो, ऐसे बहुत सारे मुद्दे हैं। उन्होंने लोगों को कभी नहीं बताया कि उन्होंने ऐसे झूठ बोले हैं। वे बस एक के बाद एक बात कहते रहते हैं और कहते हैं कि उनके 11 साल पूरे हो गए हैं।" कर्नाटक में जाति जनगणना फिर से कराए जाने के मुद्दे पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि कर्नाटक सरकार ने कई मानदंड बनाए हैं जो समान रहेंगे। सर्वेक्षण की आवश्यकता है क्योंकि यह 10 साल पुराना है और इस अवधि में कई लोग एससी, एसटी और ओबीसी में आ गए हैं।
"सिद्धारमैया सरकार ने कुछ मानदंड बनाए हैं, सामाजिक-आर्थिक मानदंड और अन्य मानदंड वही रहेंगे। अगर कुछ छूट गया है, तो वे उसे जोड़ देंगे। सर्वेक्षण करना होगा क्योंकि यह 10 साल पुराना है। 10 साल में कई लोग एसटी, एससी और ओबीसी में शामिल हुए हैं। कई लोगों को जोड़ा गया है और यह देखने के लिए सर्वेक्षण किया जाना चाहिए कि किस समुदाय के लोग कहां आए हैं, और कुछ नहीं", खड़गे ने कहा। मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि डेटा की पवित्रता पर विभिन्न समुदायों के संदेह को दूर करने के लिए जाति जनगणना फिर से की जाएगी। (एएनआई)
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सद्गुरु रविदास जी महाराज मध्यकालीन युग में प्रकाश की किरण बन गए : CM योगी

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि सद्गुरु रविदास जी महाराज मध्यकालीन युग में प्रकाश की किरण बनकर उभरे, जब देश का धर्म और संस्कृति विदेशी आक्रमणकारियों के कारण गंभीर खतरे में थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यकालीन युग में जब भारत गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, तब सद्गुरु रविदास जी आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक लचीलेपन के प्रतीक के रूप में अडिग रहे।
उन्होंने कहा, "उस दौर में, जब विदेशी ताकतें व्यवस्थित रूप से हमारी विरासत को नष्ट करने की कोशिश कर रही थीं, सद्गुरु रविदास जी महाराज प्रकाश की किरण बन गए।" संत रविदास की जन्मस्थली काशी के महत्व के बारे में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, "सद्गुरु रविदास ने जो काशी में प्रेरणा दी, वह आज भी देश और हर भक्त के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करती है।"
उन्होंने आगे कहा, "दिव्य संतों ने समाज को एकता का मार्ग दिखाया है, समाज को जोड़ने का यही मार्ग है जो कैराना और कांधला जैसी घटनाओं को घटित नहीं होने देता। यही मार्ग हमारी सुरक्षा की गारंटी देता है, हमारी रक्षा की गारंटी देता है, हमारे उत्थान का मार्ग प्रशस्त करता है और हमें कठिन परिस्थितियों में लड़ने की प्रेरणा देता है..." मुख्यमंत्री मुजफ्फरनगर में संत स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास जी महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित सभा और सत्संग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इससे पहले मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा का अनावरण किया और महाराजा सुहेलदेव के 'विजयोत्सव' के अवसर पर विभिन्न जन कल्याण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल पूरे होने पर लखनऊ में भाजपा कार्यालय में एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे। पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, यूपी के सीएम योगी ने कहा कि सुशासन और गरीबों के कल्याण को एक स्वर्णिम युग के रूप में याद किया जाएगा, जिसने एक विकसित भारत और एक आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस अवधि के दौरान भारत ने सामाजिक कल्याण, सुशासन, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा में एक नई पहचान बनाई है। उत्तर प्रदेश के सीएम ने कहा, "सरकार की पारदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही विशिष्ट पहचान बन गई है। विकास और विरासत के बीच एक नया सामंजस्य स्थापित हुआ है।" (एएनआई)
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"जो सबसे सटीक कार्रवाई करता है, वही जीतता है" : आशुतोष दीक्षित

  • ऑपरेशन सिंदूर पर बोले वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल
नई दिल्ली। वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने बुधवार को वर्तमान युद्ध परिदृश्यों में निगरानी और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक प्रणालियों की रणनीतिक भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि आधुनिक युद्ध में निर्णायक लाभ सबसे पहले देखने, सबसे दूर देखने और सबसे सटीक रूप से देखने की क्षमता में निहित है। हाल के वैश्विक संघर्षों से समानताएं खींचते हुए- जिसमें आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध, रूस-यूक्रेन संघर्ष और चल रही इज़राइल-हमास शत्रुता शामिल हैं।
एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता ने लगातार युद्ध के मैदान पर बेहतर नज़र रखने वाले पक्ष के पक्ष में संतुलन को झुकाया है।
सर्विलांस एंड इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स इंडिया सेमिनार में बोलते हुए एयर मार्शल दीक्षित ने कहा, "जब हम आर्मेनिया-अजरबैजान से लेकर रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास तक के वैश्विक संघर्षों और ऑपरेशन सिंदूर में अपने अनुभवों को देखते हैं, तो एक सच्चाई एकदम साफ उभर कर सामने आती है: जो पक्ष सबसे पहले देखता है, सबसे दूर तक देखता है और सबसे सटीक तरीके से देखता है, वही जीतता है।"
उन्होंने कहा, "यह सिद्धांत सदियों से सैन्य सोच को दिशा देता रहा है, लेकिन सटीक युद्ध और बहु-क्षेत्रीय अभियानों के हमारे वर्तमान युग में यह कभी भी अधिक प्रासंगिक नहीं रहा।" एयर मार्शल ने ऑपरेशन सिंदूर को इन उभरती वास्तविकताओं के अनुकूल ढलने के लिए भारत की तत्परता का प्रदर्शन बताया। उन्होंने कहा, "यह मुझे समकालीन युद्ध में गहन निगरानी के महत्वपूर्ण महत्व की ओर ले जाता है। ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक ने सैन्य रणनीतिकारों की उस बात को पुख्ता किया है जिसे वे लंबे समय से समझते आए हैं, लेकिन शायद अब तक पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं।
तकनीक की बदौलत आधुनिक युद्ध ने दूरी और भेद्यता के बीच के रिश्ते को मौलिक रूप से बदल दिया है।" "इसने समकालिकता और गैर-रैखिकता को एक नया अर्थ दिया है। युद्ध के मौजूदा सिद्धांतों को चुनौती दी जा रही है, और नए सिद्धांत उभर रहे हैं। पहले, क्षितिज तत्काल खतरे की सीमा को चिह्नित करता था। आज, SCALP, ब्रह्मोस और हैमर जैसे सटीक-निर्देशित हथियारों ने भौगोलिक बाधाओं को लगभग निरर्थक बना दिया है, क्योंकि BVR AAM और सुपरसोनिक AGM के साथ हमले आम हो गए हैं।"
एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि निगरानी और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स का तेजी से आगे बढ़ने वाला क्षेत्र अब केवल एक परिचालन सक्षमकर्ता नहीं है, बल्कि समकालीन सैन्य रणनीति की नींव के रूप में उभरा है। क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन पर विचार करते हुए, एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि ये प्रौद्योगिकियां पूरक बल गुणक होने से हटकर भविष्य के संघर्षों में राष्ट्रों की योजना, निष्पादन और प्रभुत्व के लिए केंद्रीय बन गई हैं। उन्होंने कहा, "एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने इस परिवर्तन को प्रत्यक्ष रूप से देखा है, मैं यह प्रमाणित कर सकता हूं कि हम एक क्रांति के मुहाने पर खड़े हैं जो 21वीं सदी में शक्ति को समझने, संसाधित करने और पेश करने के तरीके को फिर से परिभाषित करेगी।"
उन्होंने कहा, "जब हथियार सैकड़ों किलोमीटर दूर लक्ष्य पर सटीक निशाना साध सकते हैं, तो सामने, पीछे और पार्श्व युद्ध क्षेत्र और गहराई वाले क्षेत्रों की पारंपरिक अवधारणाएँ अप्रासंगिक हो जाती हैं। जिसे हम सामने और थिएटर कहते हैं, वह एक हो जाता है। यह नई वास्तविकता मांग करती है कि हम अपनी निगरानी सीमा को उससे कहीं आगे तक बढ़ाएँ, जिसकी पिछली पीढ़ियाँ कल्पना भी नहीं कर सकती थीं। हमें संभावित खतरों का पता लगाना, पहचानना और उन पर नज़र रखना चाहिए, न कि जब वे हमारी सीमाओं के नज़दीक पहुँचते हैं, बल्कि तब जब वे अभी भी अपने स्टेजिंग क्षेत्रों, हवाई क्षेत्रों और ठिकानों में, विरोधी क्षेत्र में गहराई तक मौजूद होते हैं। यह अवधारणा पहले भी मौजूद थी, लेकिन आज हमारे पास इसे साकार करने के साधन हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आधुनिक युद्ध की संकुचित समयसीमा इस ज़रूरत को और बढ़ा देती है। जब हाइपरसोनिक मिसाइलें मिनटों में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं और ड्रोन झुंड पारंपरिक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं के जवाब देने से पहले अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकते हैं, तो वास्तविक समय या निकट-वास्तविक समय की निगरानी न केवल फायदेमंद हो जाती है, बल्कि अस्तित्व के लिए ज़रूरी भी हो जाती है।"
एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि आधुनिक हथियारों की गति ने OODA लूप को मौलिक रूप से बदल दिया है, इसे घंटों से मिनटों में, कभी-कभी सेकंड में भी संकुचित कर दिया है, और इस नई वास्तविकता को मेगा सैटेलाइट नक्षत्रों द्वारा आकार दिया जा रहा है जो युद्ध के मैदान की जागरूकता में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। "इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, SAR और SIGINT क्षमताओं का संलयन अब युद्ध के मैदान के 24x7 गतिशील, लगातार और पूर्वानुमानित मोज़ेक को सक्षम बनाता है। हम अब केवल निरीक्षण नहीं करते हैं; हम पूर्वानुमान लगाते हैं, भविष्यवाणी करते हैं और पहले से ही अनुमान लगाते हैं," उन्होंने कहा।
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देश में कोरोना वायरस के 7 हजार से ज्यादा एक्टिव केस

  • अब PM मोदी से मिलने के पहले मंत्रियों को कराना होगा आरटी पीसीआर टेस्ट
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच सरकार भी अलर्ट मोड पर है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले मंत्रियों को आरटी पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होगा। हालांकि, इसे लेकर सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। यह फैसला ऐसे समय पर लिया जा रहा है, जब कई राज्यों में कोविड-19 के एक्टिव केस तेजी से बढ़ रहे हैं। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी से मिलने वाले मंत्रियों को आरटी पीसीआर टेस्ट कराना होगा। बता रहे हैं कि देश में एक्टिव केस की संख्या 7 हजार के पार हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार के आंकड़ों के अनुसार, देश में 7 हजार 121 एक्टिव केस हैं। सबसे ज्यादा केस केरल में 2 हजार 223 हैं। वहीं, गुजरात में उनकी संख्या 1 हजार 223 है। तीसरे स्थान पर 757 एक्टिव केस के साथ राजधानी दिल्ली है। इनके अलावा पश्चिम बंगाल में 747, महाराष्ट्र में 615, उत्तर प्रदेश में 229, कर्नाटक में 459, तमिलनाडु में 204, राजस्थान में 138, हरियाणा में 125 हैं।
आंध्र प्रदेश में 72, असम में 6, बिहार में 47, चंडीगढ़ में 3, छत्तीसगढ़ में 48, गोवा में 6, हिमाचल प्रदेश में 2, जम्मू और कश्मीर में 9, झारखंड में 10, मध्य प्रदेश में 65, मणिपुर में 1, ओडिशा में 41, पुडुचैरी में 10, पंजाब में 33, सिक्किम में 33, तमिलनाडु में 204, तेलंगाना में 11, त्रिपुरा में 1, उत्तराखंड में 3 मरीजों का इलाज जारी है।
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PMGSVY-IV के तहत जम्मू-कश्मीर को 4224 करोड़ से अधिक की 316 सड़क परियोजनाएं

जम्मू। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV (पीएमजीएसवाई-IV) के बैच-I के तहत 390 पात्र बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 4224 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत वाली 316 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV (पीएमजीएसवाई-IV) के कार्यान्वयन को सितंबर 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था। विशेष रूप से, जम्मू-कश्मीर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में से पहला है, जिसने पीएमजीएसवाई-IV के तहत स्वीकृत 1781 किलोमीटर सड़क लंबाई के साथ यह परियोजना प्राप्त की है। इस खबर को सबसे पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए ëXí पर साझा किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए मंजूर किया गया अब तक का सबसे बड़ा पैकेज 250 से अधिक आबादी वाले 390 पात्र बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। उन्होंने सराहना की कि स्वीकृत 1781 किलोमीटर सड़क की लंबाई ग्रामीण सड़क संपर्क को बढ़ावा देगी और दूरदराज के क्षेत्रों में समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेगी। एलजी सिन्हा ने ëX.í पर पोस्ट किया, ìपीएमजीएसवाई-IV के बैच-I के तहत 390 पात्र बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 4224 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 316 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के प्रति आभारी हूं। ìपीएमजीएसवाई-IV के तहत मंजूरी पाने वाले सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर पहले स्थान पर है। यह पीएमजीएसवाई के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए मंजूर किया गया अब तक का सबसे बड़ा पैकेज भी है। एलजी सिन्हा ने कहा कि स्वीकृत 1781 किलोमीटर सड़क की लंबाई ग्रामीण सड़क संपर्क को बढ़ावा देगी और दूरदराज के क्षेत्रों में समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेगी।
योजना के अनुसार, असंबद्ध बस्तियों को हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान किया जाएगा। हर मौसम में सड़कें दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के आवश्यक सामाजिक-आर्थिक विकास और परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएंगी। बस्तियों को जोड़ते समय, स्थानीय लोगों के लाभ के लिए, जहाँ तक संभव हो, आस-पास के सरकारी शैक्षणिक, स्वास्थ्य, बाजार और विकास केंद्रों को हर मौसम में सड़क से जोड़ा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि पीएमजीएसवाई-IV में सड़क निर्माण के तहत अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क और सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल किया जाएगा, जैसे कि 'कोल्ड मिक्स तकनीक और अपशिष्ट प्लास्टिक; पैनल सीमेंट कंक्रीट; सेल भरा कंक्रीट; पूर्ण गहराई का सुधार; निर्माण अपशिष्ट और अन्य अपशिष्ट जैसे फ्लाई ऐश, स्टील स्लैग आदि का उपयोग।'
पीएमजीएसवाई-IV सड़क संरेखण योजना पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से बनाई जाएगी। पीएम गति शक्ति पोर्टल पर प्लानिंग टूल डीपीआर तैयार करने में भी सहायता करेगा। वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- IV (पीएमजीएसवाई-IV) का कुल परिव्यय पूरे देश में 70,125 करोड़ रुपये होगा। कुल परिव्यय में से, केंद्र का हिस्सा 49,087.50 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 21,037.50 करोड़ रुपये है। पात्र 25,000 असंबद्ध बस्तियों को नई कनेक्टिविटी प्रदान करने और नई कनेक्टिविटी सड़कों पर पुलों के निर्माण और उन्नयन के लिए 62,500 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है। इस योजना के तहत मैदानी इलाकों में 500 से अधिक और पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर सहित) में 250 से अधिक आबादी वाली 25,000 असंबद्ध बस्तियाँ; देश भर में जनगणना 2011 के अनुसार विशेष श्रेणी के क्षेत्रों (आदिवासी अनुसूची V, आकांक्षी जिले/ब्लॉक, रेगिस्तानी क्षेत्र) और वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित 100 से अधिक जिलों को कवर किया जाएगा। इस योजना के तहत, असंबद्ध बस्तियों को 62,500 किलोमीटर की सभी मौसम वाली सड़कें प्रदान की जाएंगी। सभी मौसम वाली सड़कों के संरेखण के साथ आवश्यक पुलों का निर्माण भी प्रदान किया जाएगा।

 

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अपार्टमेंट में लगी आग, सातवीं मंजिल से कूदने से दो बच्चों समेत तीन की मौत

नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम दिल्ली के द्वारका स्थित एक अपार्टमेंट में मंगलवार को आग लगने से दो बच्चों समेत तीन लोगों की मृत्यु हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह घटना पूर्वाह्न करीब 10:00 बजे द्वारका सेक्टर 13 स्थित शब्द अपार्टमेंट की है। आग की लपटों में घिरे फ्लैट से जान बचाने के लिए करीब 35 साल के यश और उनके परिवार के दो अन्य बच्चों ने सातवीं मंजिल की बालकनी से छलांग लगा दी। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गया। तीनों को तत्काल पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि आग की इस घटना में यश की पत्नी और बड़े बेटे भी घायल हो गए। उनका का इलाज चल रहा है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे दिल्ली फायर ब्रिगेड कर्मियों ने दमकल की आठ गाड़ियों की मदद से भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है।
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भगदड़ मामला : कर्नाटक हाई कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने का दिया आदेश

  • अगली सुनवाई 12 जून को
कर्नाटक। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार (10 जून) को राज्य को बेंगलुरु भगदड़ मामले में सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब पेश करने की अनुमति दे दी। इस मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होगी। कोर्ट ने इस हादसे का स्वतः संज्ञान लिया था।
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में चार जून को रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने आए फैंस के बीच भगदड़ मची थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई। इस मामले पर अगले दिन हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत इस हादसे के पीछे की वजह का पता लगाना चाहती है। अदालत जानना चाहती है कि क्या इस हादसे को रोका जा सकता था और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की खंडपीठ के समक्ष बताया कि उन्होंने जवाब दाखिल नहीं किया है। शशि किरण शेट्टी ने कहा, "न्यायिक आयोग का गठन किया गया है और रिपोर्ट देने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। लंबित जमानत याचिकाओं में, जो कुछ भी यहां कहा जाता है, उसका इस्तेमाल वहां आरोपी कर रहे हैं।"
हाई कोर्ट ने पूछा, "क्या आप यह कह रहे हैं कि आप हमारे निर्देशों का जवाब नहीं देंगे?" इस पर महाधिवक्ता ने कहा, "कृपया इसे कल रखें, हम जवाब दाखिल करेंगे। कुछ चीजें हैं"। हाई कोर्ट ने जवाब दाखिल करने में कठिनाई की वजह पूछी, जिस पर महाधिवक्ता ने कहा, "मैं खुली अदालत में नहीं रखना चाहता, हम पूर्वाग्रह से ग्रसित हो जाएंगे। स्वतंत्र जांच की रिपोर्ट आने दें और ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम पक्षपाती हैं। यह केवल एक महीने का मामला है।"
हाई कोर्ट ने एडवोकेट जनरल को आदेश दिया कि वह अपना जवाब सीलबंद लिफाफे में दाखिल करें। एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट से स्वतंत्र जांच की रिपोर्ट आने तक इंतजार करने की अपील की है।
कोर्ट ने आदेश में कहा, "हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल (आरजी) ने 5 जून के हमारे पिछले आदेश के अनुसार रिट याचिका (डब्ल्यूपी) दाखिल किया है। शशि किरण शेट्टी ने बताया कि एडवोकेट जनरल ने कहा है कि वह सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करना चाहते हैं, उन्हें गुरुवार तक या उससे पहले ऐसा करने की अनुमति है। आरजी यह सुनिश्चित करेंगे कि जवाब सुरक्षित रखा जाए।" इस मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होगी।
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बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में 22 प्रस्तावों की मंजूरी

  • पंचायतों में 8,093 लिपिकों की होगी बहाली
पटना। बिहार में पंचायती राज व्यवस्था को दुरुस्त करने, पंचायत स्तरीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा समुचित अभिलेखन के लिए ग्राम पंचायत कार्यालय और पंचायत राज अभियंत्रण संगठन कार्यालय के लिए जल्द ही 8,093 लिपिकों की बहाली की जाएगी।
बिहार मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 22 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने पत्रकारों को बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं।
बिहार सरकार की महिला सरकारी सेवकों को उनके पदस्थापना स्थल के निकट अवसान सुविधा उपलब्ध कराने की नीति के निर्धारण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अंतर्गत वायुयान संगठन निदेशालय में विभिन्न श्रेणी के चार नियोजन आधारित पदों को सृजित किया गया है। वहीं पटना के जयप्रकाश नारायण अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी इकाई की स्थापना एवं संचालन के लिए 36 नए पदों को सृजित किया गया है।
इसके अलावा बैठक में कृषि विपणन निदेशालय में विभिन्न कोटि के 14 पदों को सृजित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत राज्य के अनुसूचित जनजाति कोटि के चिह्नित नौ जनजाति के योग्य लाभुकों को केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत आवास का लाभ देने की भी स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 (1969 का 18) की धारा 30 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 1999 में संशोधन करते हुए 'बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025' बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
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लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया करें शुरू : मल्लिकार्जुन खड़गे

  • कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पीएम मोदी को पत्र लिख उठाई मांग
नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। खड़गे ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के खाली पद को लेकर अपनी बात पहुंचाई। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार पिछले दो लोकसभा सत्रों में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा है और यह चिंता की बात है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे पत्र में कहा, "प्रिय प्रधानमंत्री, मैं आपका ध्यान एक गंभीर मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं। यह मुद्दा लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद के खाली रहने से संबंधित है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोकसभा के दो सदस्यों को क्रमशः स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के रूप में चुना जाता है। संवैधानिक रूप से उपसभापति, अध्यक्ष के बाद सदन का दूसरा सर्वोच्च पीठासीन अधिकारी होता है।"
उन्होंने कहा, "संविधान कहता है कि जैसे ही कोई पद खाली हो, लोकसभा को जल्द से जल्द एक नया स्पीकर या डिप्टी स्पीकर चुनना चाहिए। पारंपरिक रूप से डिप्टी स्पीकर का चुनाव तीसरे सत्र में होता है और इसकी तारीख स्पीकर तय करता है। पहले से लेकर सोलहवीं लोकसभा तक हर बार डिप्टी स्पीकर रहा है और आमतौर पर इसे विपक्षी पार्टी के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। लेकिन, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार पिछले दो लोकसभा सत्रों में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा है। यह चिंता की बात है।"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में यह भी लिखा, "सत्रहवीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का चुनाव नहीं हुआ और यह चिंताजनक स्थिति अब अठारहवीं लोकसभा में भी जारी है। इसे भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता और यह संविधान के नियमों का उल्लंघन भी है। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप लोकसभा की सम्मानित परंपराओं और हमारे संसद के लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बिना किसी और देरी के डिप्टी स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करें।"
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उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र चुनाव पर राहुल गांधी के दावों का किया समर्थन

  • सामना में लिखा- 'मेकअप उतर गया है'
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से 'मैच फिक्सिंग' के आरोप लगाने के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में एक बहुत बड़ा और खतरनाक राक्षस 'अगिया वेताल' प्रवेश कर गया है।
ठाकरे खेमे ने कहा कि राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग के भ्रष्ट गठजोड़ को उजागर किया है। इस वजह से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे नेताओं का ‘मेकअप’ उतर गया है। दूसरों के दोष निकालने से पहले उन्हें अपने चेहरे को आईने में देखना चाहिए। अब उनका मेकअप पूरी तरह से उतर चुका है।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा गया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता के संवैधानिक पद पर हैं। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर देश के संवैधानिक पद पर बैठे हैं। जब मोदी-शाह के हाथ में था तो उन्होंने कांग्रेस को विपक्ष के नेता का पद नहीं मिलने दिया, लेकिन इस बार जनता ने राहुल गांधी को ताकत दी और वे विपक्ष के नेता बन गए इसलिए इन शिकायतों को आधार मानकर चुनाव आयोग को ‘सूओ मोटो’ कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन क्या मोदी-शाह इसकी इजाजत देंगे? यही सवाल है। राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और हमारे महान चुनाव आयोग के भ्रष्ट गठबंधन का मुखौटा उतार फेंक दिया है। इससे फडणवीस जैसे लोगों का ‘मेकअप’ खराब हो गया है। दूसरों के चेहरे से धूल झाड़ने से पहले उन्हें आईने में अपना चेहरा देखना चाहिए। अब मेकअप पूरी तरह उतर चुका है।
संपादकीय में कहा गया है, "राहुल गांधी ने लोकतांत्रिक तरीकों से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर अपनी राय व्यक्त की। इसके लिए उन्होंने देश के कई अखबारों में लेख लिखे और इसमें विस्तार से जानकारी दी कि कैसे चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र का चुनाव चुराया। महाराष्ट्र ने लोकसभा चुनाव में मोदी एंड कंपनी को बुरी तरह से हरा दिया। ‘अबकी बार चार सौ पार’ का सपना महाराष्ट्र की वजह से खो गया था। महाराष्ट्र का संकल्प इतना मजबूत था। उसके बाद छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव हुए। हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस, राष्ट्रवादी और शिवसेना को मिलाकर पचास सीटें भी नहीं मिलीं। लोकसभा चुनाव के बाद सिर्फ छह महीने में ऐसा उलटफेर कैसे हो सकता है? क्या कोई इस पर विश्वास कर सकता है? इसे समझ सकता है? राहुल गांधी ने अपने लेख में खुलासा किया कि कैसे चुनाव आयोग की मदद से महाराष्ट्र चुनाव में ये सब मैच फिक्सिंग हुई, कैसे ये सब लोकतंत्र के लिए हानिकारक है और कैसे महाराष्ट्र के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में भी ‘मैच फिक्सिंग’ का यही पैटर्न लागू होगा।"
शिवसेना ने संपादकीय में कहा कि मोदी सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को अपने तरीके से नियंत्रित करने के लिए कई चालें चलीं, जिनमें चुनाव आयोग में अपनी पसंद का पैनल बनवाना भी शामिल है। राहुल गांधी ने मतदाता सूची में धोखाधड़ी और 60-70 लाख मतदाताओं की संख्या बढ़ने की बात कही, साथ ही शाम 5 बजे के बाद मतदान होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने ये बहुत महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं।
ठाकरे ने कहा कि राहुल गांधी की मांग बहुत सरल है। वे चाहते हैं कि महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए एक संयुक्त डिजिटल और मशीन-पठनीय मतदाता सूची जारी की जाए। साथ ही वे चाहते हैं कि महाराष्ट्र के सभी मतदान केंद्रों के शाम 5 बजे के बाद के सभी सीसीटीवी फुटेज भी सार्वजनिक किए जाएं। राहुल गांधी के सवालों का सीधे जवाब देने के बजाय, चुनाव आयोग ने भाजपा नेताओं को वकील बना दिया है। क्योंकि राहुल गांधी ने एक लेख लिखा था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी एक लेख लिखकर उनका जवाब देने की कोशिश की। एक राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव आयोग की तरफदारी करना गंभीर बात है। इसके बाद फडणवीस ने इस जवाब में उर्दू शायरी का सहारा लिया। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे डकैती जैसे थे, इसलिए इस डकैती का सबसे बड़ा फायदा फडणवीस को मिला और उन्होंने उर्दू में बोलना शुरू कर दिया।
आगे लिखा है, "आप लगातार गलतियां करते रहे, अपने चेहरे पर धूल होने पर भी अपनी आंखें पोंछते रहे। राहुल गांधी के तीर फडणवीस और अन्य लोगों के दिलों में सीधे लग गए हैं। चुनाव आयोग ने संविधान की हत्या कर दी है। महाराष्ट्र में सत्ता पाने के लिए अमित शाह ने दो बड़े क्षेत्रीय दलों, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को अलग कर दिया और दलबदल विरोधी कानून की 10वीं अनुसूची को बिना देखे इसे मंजूरी दे दी। यह सब असंवैधानिक है।"
सामना में शिंदे को शिवसेना सौंपने को लेकर भी सवाल उठाया गया है। कहा गया है, " मूल दल शिवसेना को धनुष-बाण चुनाव चिह्न के साथ ‘बाहरी’ ऐरे-गैरे एकनाथ शिंदे के हाथों सौंपना और उसी तरह शरद पवार के जीवनकाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को अजीत पवार की जेब में डालना, यह महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को चुराने की साजिश का हिस्सा था। इस संगठित अपराध में चुनाव आयोग ने हिस्सा लिया। अब चुनाव आयोग राहुल गांधी को अपनी आपत्तियों के बारे में लिखित शिकायत दर्ज कराने की सलाह दे रहा है। यह अपने चेहरे से कीचड़ साफ करने की कायरतापूर्ण कोशिश है।"
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'रक्षा शक्ति' के 11 साल पूरे, पीएम मोदी बोले, 'आत्मनिर्भर बनने पर दिया पूरा ध्यान'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए 'रक्षा शक्ति के 11 साल' पूरे होने का जश्न मनाया है। इसके साथ ही उन्होंने आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता पर दोहरे फोकस को रेखांकित किया है।
'एक्स' पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, "पिछले 11 वर्षों में हमारे रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जिसमें आधुनिकीकरण और रक्षा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनने पर स्पष्ट ध्यान दिया गया है। यह देखकर खुशी होती है कि भारत के लोग अपने देश को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ कैसे एकजुट हुए हैं!" रक्षा मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की भावना को दोहराते हुए स्वदेशीकरण और नवाचार की दिशा में देश के कदम की तारीफ की है।
रक्षा मंत्रालय ने इस उपलब्धि के बारे में अपने 'एक्स' अकाउंट पर विस्तार से लिखा है। मंत्रालय ने लिखा,"पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत का रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक रूप से आगे बढ़ा है। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन डंडिया जैसे अभियानों के तहत अब भारत रक्षा निर्यातक के रूप में वैश्विक स्तर पर उभरा है। ब्रह्मोस मिसाइल और उन्नत पनडुब्बियों जैसी स्वदेशी तकनीकों ने देश की सुरक्षा को और मजबूत किया है। आज भारत 100 से ज्यादा देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है। इस अवसर पर हम एक सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हुए इस परिवर्तन को नमन करते हैं।" इसके अलावा एक अन्य पोस्ट में रक्षा मंत्रालय ने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में, भारत का स्वदेशी रक्षा उत्पादन 2014 में 46,429 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 1,27,434 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 174 प्रतिशत वृद्धि है। आत्मनिर्भर भारत से आज हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिल रही है।"
'मायजीओवीइंडिया' ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सिर्फ 11 सालों में भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं, रणनीतिक वैश्विक साझेदारी को मजबूत किया है और स्पेस एक्सप्लोरेशन में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। आत्मनिर्भर भारत के उनके (पीएम मोदी) संकल्प से प्रेरित होकर, राष्ट्र ने आत्मनिर्भर नवाचार को अपनाकर ट्रेड और टेक्नोलॉजी में अपने प्रभाव को बढ़ाया है। यह प्रधानमंत्री मोदी के साहसिक दृष्टिकोण और मजबूत भारत के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर एक आत्मविश्वासी, निर्णायक और सम्मानित वैश्विक नेता के रूप में भारत के उदय की कहानी है।"
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस मौके पर पोस्ट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "पीएम मोदी के ऐतिहासिक नेतृत्व में विगत 11 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में हमारे भारत ने प्रत्येक आयाम में श्रेष्ठता सिद्ध की है। ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना के पराक्रम को विश्व के सामने प्रस्तुत किया है। वर्ष 2014 की तुलना में स्वदेशी रक्षा उत्पादन 174 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 1,27,434 करोड़ रुपये हुआ है, वहीं भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा रक्षा उपकरण निर्यातक बन चुका है, यह 100 से ज्यादा देशों तक फैल चुका है, जो 2014 में शून्य था। हमें सैन्य प्रौद्योगिकी के मामले में नई वैश्विक पहचान मिली है।"
उन्होंने आगे लिखा, "रक्षा गलियारों में 50,083 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, भारत अपनी निर्माण क्षमताओं को बढ़ा रहा है। यशस्वी प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी नीतियों से जम्मू और कश्मीर में 2023 से पत्थरबाजी की कोई घटना नहीं हुई, जो पहले की 2,654 घटनाओं से 100 प्रतिशत कमी को दर्शाती है।"
इस अवधि के दौरान प्रमुख उपलब्धियों में डिफेंस एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड वृद्धि शामिल है, जो हाल के वर्षों में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की सफल तैनाती, आईएनएस विक्रांत जैसे स्वदेशी विमानवाहक पोतों का कमीशन और एचएएल तेजस जैसे स्वदेशी लड़ाकू जेट का विकास शामिल है। रक्षा शक्ति के 11 साल पूरे होने का जश्न सरकार के विदेशी सप्लायर्स पर निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसी प्रमुख पहलों के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन के बढ़ावे पर जोर देने को दर्शाता है।
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मध्य प्रदेश में कृषि आधारित उद्योग पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी : मोहन यादव

नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा कृषि और इससे जुड़े लोगों की आय बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया है कि कृषि आधारित उद्योग लगाने वाले किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी।
नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उनका और राज्य सरकार का गाडरवारा के नागरिकों के साथ विकास और विश्वास का रिश्ता है। प्रदेश के किसानों को कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि उद्योग समागम मेला भी लगाए जा रहे हैं। कृषि आधारित उद्योग लगाने वाले किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। कृषि उद्योग से जुड़े रोजगारपरक कारखाने बनाए जाएंगे, जहां काम करने वालों को पांच हजार रुपये महीने भी दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री यादव ने गाडरवाड़ा में गौशाला निर्माण किए जाने और प्रदेशवासियों को सुगम परिवहन सेवा भी उपलब्ध करवाने की घोषणा की। साथ ही गाडरवाड़ा में 80 करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण और विकास कार्यों का भूमिपूजन तथा लोकार्पण करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विश्व में देश का मान-सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी के सेवा एवं सुशासन के 11 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। विकास की नई उपलब्धियां सभी के सामने हैं। उनके कार्यकाल में तीन तलाक का कानून पास हुआ, जिसके क्रियान्वयन में कहीं भी कोई विरोध नहीं हुआ। धारा 370 हटाने पर देश के अंदर एक आनंद का माहौल रहा। पहलगांव की घटना में पूरा देश एकजुट हुआ और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर देश में सनातन संस्कृति को नई ऊंचाई प्रदान की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गरीब, युवा, किसान और महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से कार्य हो रहे हैं और इसका समाज में व्यापक असर भी दिख रहा है। मुख्यमंत्री यादव ने नवप्रवेशित बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत कर उन्हें पुस्तकें प्रदान कीं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को बेहतर शिक्षा देने का प्रबंध किया जा रहा है, ताकि बच्चे देश के लोकतंत्र, सभ्यता व संस्कृति को जान सकें और अपने उज्ज्वल भविष्य के सपने को साकार कर सकें।
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"लोकल ट्रेन के निर्माणाधीन रैकों में लगेंगे स्वचालित दरवाजे"

  • मुंब्रा हादसे के बाद रेलवे का फैसला
मुंबई। रेलवे बोर्ड में सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक (ईडीआईपी) दिलीप कुमार ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने भविष्य में मुंबई उपनगर के लिए निर्माणाधीन सभी रेकों के लिए स्वचालित दरवाजे की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा हम वर्तमान में सेवा में मौजूद रैक में डोर क्लोजर की सुविधा स्थापित करने की संभावना तलाश रहे हैं। फिर हम चरणबद्ध तरीके से इन सभी रेकों के लिए स्वचालित डोर क्लोजर की सुविधा प्रदान करेंगे।
सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल धनराज नीला ने बताया कि घटना में घायल हुए 13 लोगों में से चार लोगों की मौत हो गई है। चार अन्य का इलाज चल रहा है। रेलवे बोर्ड ने सभी मौजूदा रैकों में बदलाव करने का फैसला किया है, जिससे ऐसी घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी। सभी नए रैक एसी रैक होंगे, जिनमें स्वचालित दरवाजों वाली प्रणाली होगी। हमने सभी यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे फुटबोर्ड पर यात्रा करने से बचें।
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