हिंदुस्तान

नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम और पुस्तकालय करने पर उठे बवाल पर प्रतिक्रिया दी है। राहुल ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा, "नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।"
अपने लद्दाख दौरे पर राहुल गांधी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और पुस्तकालय का नाम बदले जाने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। आपको बता दें कि 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) कर दिया गया है। जिसके बाद सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने पहले भी कहा था कि सरकार नेहरू के नामों-निसान मिटाना चाहती है। तो वहीं, पीएमएमएल कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने इसका विरोध करते हुए अपनी सफाई भी दी है।
बता दें कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियमएंड लाइब्रेरी अब पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर नाम बदलने को औपचारिक कार्यक्रम किया है। मोदी सरकार के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी नाखुश है। कांग्रेस नेता इसे जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने का प्रयास बता रही है। तो वहीं, सरकार ने इस फैसले का बचाव करते हुए अपनी सफाई भी दी है।
मोदी के पास भय, कठिनाई और असुरक्षा का एक बड़ा बंडल है : जयराम
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा है, कि मोदी के पास भय, कठिनाई और असुरक्षा का एक बड़ा बंडल है। खासतौर पर जब बात भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक देश की सेवा करने वाले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की होती है।तो वे चीजें साफ-साफ नजर आ जाती हैं। जयराम ने आरोप लगाया है, कि बीजेपी कीएकमात्र एजेंडा नेहरू और उनके विरासत को नुकसान पहुंचाना है।
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"पीएम विश्वकर्मा योजना" को कैबिनेट से मिली मंजूरी

  • जानिए... सालाना कितने का है प्लान
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के एक दिन बाद बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत पांच साल में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. योजना का उद्देश्य कुशल कार्य में लगे श्रमिकों को सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार 15 अगस्त को इस योजना की घोषणा की. वह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराने के बाद लाल किले से देश को संबोधित कर रहे थे. वहीं, पीएम मोदी ने कहा था कि कौशल संबंधी कार्यों में लगे श्रमिकों को बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा जयंती के मौके पर विश्वकर्मा योजना शुरू की जाएगी.
स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन यानी बुधवार 16 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने योजना को मंजूरी मिलने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है, जिस पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
30 लाख कारीगरों को होगा फायदा-
उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों में 13,000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसकी शुरुआत 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर होगी. इसके तहत ऐसे कर्मियों को लाभ मिलेगा, जो कौशल से जुड़े काम में लगे हैं और जहां गुरु-शिष्य की परंपरा अब भी चल रही है. मंत्री ने कहा कि इस योजना से 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को फायदा होगा.
इन लोगों को लाभ मिलेगा-
केंद्र सरकार की इस योजना से लाभान्वित होने वाले संभावित कारीगरों में लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, धोबी, फूलवाले, मछली जाल बुनकर, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार आदि की गिनती की जा रही है। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन लोगों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. इसलिए केंद्र सरकार ने उन्हें ध्यान में रखते हुए यह योजना शुरू की है.
कौशल विकास पाठ्यक्रम-
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि कैसे अधिक कौशल विकसित किया जाए और पारंपरिक श्रमिकों को नए प्रकार के उपकरणों और डिजाइनों के बारे में जानकारी मिले। इस योजना के तहत पारंपरिक श्रमिकों को आधुनिक उपकरण खरीदने में भी मदद की जाएगी। योजना के तहत दो प्रकार के कौशल विकास पाठ्यक्रम- बेसिक और एडवांस - संचालित किये जायेंगे। कोर्स करने वाले कर्मियों को सरकार की ओर से वजीफा दिया जाएगा। स्टाइपेंड 500 रुपये प्रतिदिन की दर से मिलेगा.
इस तरह आपको आर्थिक मदद मिलेगी-
पीएम विश्वकर्मा योजना के पहले चरण में एक लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा, जिस पर ब्याज दर अधिकतम 5 प्रतिशत होगी। इसके बाद दूसरे चरण में पात्र श्रमिकों को 2-2 लाख रुपये का रियायती ऋण मिलेगा. पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र भी दिया जाएगा। आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपये दिये जायेंगे.
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मंदिर भूस्खलन हादसा, मरने वालों की संख्या पहुंची 14

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी में भूस्खलन के कारण मंदिर ढहने की घटना के चौथे दिन गुरुवार को फिर से खोज अभियान शुरू करते हुए बचावकर्मियों ने एक शव बरामद किया। इसके साथ ही घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई।
एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि शव हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर का है। इसे आपदा स्थल से दो किमी दूर से बरामद किया गया। अधिकारियों को आशंका है कि मिट्टी के ढेर में अभी कम से कम सात लोग और फंसे हो सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि एक शव को छोड़कर सभी की पहचान कर ली गई और उन्हें उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया। लोगों के रिश्तेदारों ने उनके ठिकाने के बारे में जानने के लिए स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया है। एक बचावकर्ता ने कहा, "अब तक हमें सात लापता लोगों के बारे में जानकारी मिली है और हम उनका पता लगाने के काम में लगे हुए हैं।"
उन्होंने कहा कि मृतकों में एक ही परिवार के सात सदस्य शामिल हैं, इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं, जो आपदा के समय शिव बावड़ी मंदिर के अंदर थे। समर हिल मार्केट में एक दुकान के मालिक 60 वर्षीय पवन शर्मा, उनकी 57 वर्षीय पत्नी संतोष शर्मा, 32 वर्षीय बेटा अमन शर्मा, 27 वर्षीय बहू अर्चना शर्मा और 12 से 1.5 साल की उम्र की तीन पोतियां एक हवन के लिए मंदिर थीं, जब वह ढह गया।
परिवार के चार सदस्यों के शव मिल गए हैं, तीन अभी भी लापता हैं और बचावकर्ताओं का कहना है कि उनके जीवित रहने की संभावना कम है। आपदा के तुरंत बाद घटनास्थल का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इसे "एक अभूतपूर्व त्रासदी" बताया। उन्होंने कहा कि राज्य 50 साल की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है।
उसी दिन, शिमला में फगली में एक और भूस्खलन हुआ जहां पांच लोग मारे गए। एक दिन बाद शिमला के पुराने बस स्टैंड के पास कृष्णा नगर इलाके में कम से कम पांच घर ढह गए, इसमें दो लोगों की मौत हो गई।
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फर्जी ऐप से सावधान रहने आईआरसीटीसी ने दी चेतावनी

नई दिल्ली। क्या आप भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग कंपनी आईआरसीटीसी का ऐप डाउनलोड कर टिकट बुक करने की तैयारी कर रहे हैं? क्या आपने टिकट बुक करने के लिए फर्जी आईआरसीटीसी ऐप डाउनलोड किया है? इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन ने आम लोगों से इस फर्जी और फर्जी ऐप से सावधान रहने को कहा है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने कहा कि एक धोखाधड़ी एप्लिकेशन के माध्यम से आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट नामक एक फर्जी ऐप प्रसारित किया जा रहा है और आम लोगों को इसका इस्तेमाल करने के लिए कहा जा रहा है। आईआरसीटीसी ने आम लोगों को इस मैसेज के प्रति आगाह किया है और इसके झांसे में न आने की सलाह दी है.
आईआरसीटीसी के मुताबिक, इस संदिग्ध मोबाइल ऐप कैंपेन में जालसाज बड़े पैमाने पर फ़िशिंग लिंक भेज रहे हैं. इस लिंक के जरिए ये जालसाज लोगों को फर्जी आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर करते हैं। इनका मकसद लोगों को गलत गतिविधियों में फंसाना है.आईआरसीटीसी ने इस संबंध में आधिकारिक एडवाइजरी जारी करते हुए ऐप को फर्जी बताया है और कहा है कि इसके इस्तेमाल से यूजर को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। आईआरसीटीसी ने रेल कनेक्ट ऐप को केवल गूगल प्ले या एप्पल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करने को कहा है।
इससे पहले भी कई मौकों पर आईआरसीटीसी ने एंड्रॉइड यूजर्स को गूगल प्ले स्टोर से और आईओएस यूजर्स को ऐप्पल ऐप स्टोर से ही आईआरसीटीसी का रेल कनेक्ट मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी है। दिया गया। साथ ही आईआरसीटीसी की वेबसाइट https://irctc.co.in पर दिए गए आधिकारिक नंबर के जरिए ही आईआरसीटीसी कस्टमर केयर से संपर्क करने को कहा गया है।
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मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण में बनेंगे 20 स्टेशन

भुवनेश्वर। ओडिशा की प्रस्तावित मेट्रो रेल परियोजना का पहला चरण करीब 26 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 20 स्टेशन होंगे। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा पेश की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट(डीपीआर) में यह जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक अप्रैल 2023 को परियोजना को स्वीकृति दी थी। ओडिशा मेट्रो का पहला चरण भुवनेश्वर हवाईअड्डे को कटक में त्रिशुलिया से जोड़ेगा।
अधिकारियों के अनुसार डीएमआरसी ने बुधवार को मुख्य सचिव पी के जेना को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने बताया कि यातायात सर्वेक्षण, भू-तकनीकी जांच, स्थलाकृतिक सर्वेक्षण, पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव के आकलन के बाद डीपीआर पूरी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि परियोजना का भुवनेश्वर और कटक शहर के खुर्दा, पुरी तथा अन्य इलाकों में विस्तार किया जाएगा।
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हिंदू धर्म इस्लाम से भी पुराना है, पहले हिंदू ही थे मुसलमान : गुलाम नबी आजाद

नई दिल्ली। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में पूर्व कांग्रेसी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाम नबी आजाद को भारत में धर्मों के ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में बात करते हुए देखा और सुना जा सकता है। पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि इस देश में हर कोई हिंदू के रूप में ही पैदा हुआ है। उन्होंने कहा, "इस्लाम लगभग 1500 साल पहले उभरा, जबकि हिंदू धर्म अत्यंत प्राचीन है। कुछ मुसलमान बाहरी मूल से आए होंगे और मुगल सेना में सेवा की होगी। इसके बाद भारत में लोग हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हो गए।"
उन्होंने आगे कहा, "एक प्रमुख उदाहरण कश्मीर में देखा गया है, जहां 600 साल पहले लोगों के इस्लाम में परिवर्तित होने से पहले आबादी मुख्य रूप से कश्मीरी पंडितों की थी। यह मुझे इस बात की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है कि सभी शुरू में हिंदू विरासत के साथ पैदा हुए हैं। चाहे हिंदू, मुस्लिम, राजपूत, ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी या गुज्जर हों हम सभी इस मातृभूमि का हिस्सा हैं। हमारी जड़ें इस भूमि में हैं।"
गुलाम नबी आजाद ने पिछले साल अगस्त में देश की सबसे पुरानी पार्टी छोड़ दी और अपनी नई पार्टी बना ली थी। आजाद के जाने को कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा था। उन्होंने गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले इस्तीफा दिया था। इसके बाद ही कांग्रेस पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' 7 सितंबर को शुरू हुई थी।
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कड़ी भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने विशेष रूप से राहुल गांधी पर हमला बोला था।
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टेबल पर तिरंगे जैसा कपड़ा बिछाया, पुलिस ने दर्ज की FIR

प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में टेबल पर तिरंगे जैसा कपड़ा बिछा हुआ है. कपड़े पर ढेर सारा नाश्ता रखा हुआ है. टेबल के चारों और कई लोग बैठे हुए हैं और तस्वीरें क्लिक करा रहे हैं. फोटो प्रयागराज के सरकारी स्कूल का है और तस्वीर स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त की है. मामला सामने आने के बाद पुलिस थाने में चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल, मामला 15 अगस्त का है. प्रयागराज के होलागढ़ में सरकारी स्कूल मौजूद है. यहां पर 15 अगस्त के मौके पर कार्यक्रम के बाद स्कूल में मौजूद लोगों के लिए नाश्ता की व्यवस्था की गई थी. नाश्ता कराने के लिए टेबल लगाई थी. टेबल पर कपड़ा बिछाने के बाद उस पर नाश्ते की कई सारी प्लेट सजाई गई थीं, जिसमें मिठाई, फल, नमकीन और पानी को बोतल थीं.
मगर, टेबल पर बिछा हुआ कपड़ा तिरंगा रंग का था. उसी पर सारा नाश्ता रखा हुआ था. स्कूल में मौजूद लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. तिरंगा जैसे कपड़े पर रखे नाश्ते के देखकर लोग भड़क गए. इसके बाद होलागढ़ के दहियावा व्यापार मंडल ने इस मामले में पुलिस को सूचना दी. साथ ही चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट भी दर्ज करा दी.
दहियावा व्यापार मंडल के लोगों ने लिखित शिकायती आवेदन देकर आरोप लगाया है कि देश के तिरंगे का अपनान किया गया है. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. मामले पर थाना प्रभारी संदीप यादव का कहना है कि मामला होलागढ़ के सरकारी स्कूल का है. ध्वजारोहण के बाद नाश्ता जिस कपड़े पर रखा गया था वह तिरंगे जैसा है.
शिकायत पर चार लोग कुलदीप केसरवानी, संजय केसरवानी, नन्हे, तयाब और अज्ञात के खिलाफ राष्ट्रीय सम्मान का रोकथाम अधिनियम की धारा 2 के तहत मामला दर्ज किया गया है. कहा जा रहा है कि स्कूल में मदरसा में चलाया जाता है. इसकी भी जांच की जा रही है. स्कूल का कागजों का चैक किया जा रहा है. मामले में आगे की जांच की जा रही है. जो भी तथ्य सामने आते हैं उनके आधार पर एक्शन लिया जाएगा.
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और रेलवे को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने 10 दिन तक स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. SC में अगले हफ्ते इस मामले पर सुनवाई होगी.
दरअसल, मथुरा से वृंदावन के बीच मीटर गेज रेल ट्रैक था. उत्तर मध्य रेलवे ने इसे बदलकर ब्रॉड गेज करने का फैसला किया है. ऐसे में मथुरा शहर में स्थित नई बस्ती से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. सोमवार को भी यहां अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चला था. बताया जा रहा है कि 600 मीटर के दायरे में बसी इस बस्ती में करीब 200 अवैध अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं.
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांतो सेन ने कोर्ट में कहा था कि इस कार्रवाई में 200 घर गिराए जाने हैं और इससे 3000 लोग प्रभावित होंगे. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि उनके पास रहने के लिए कोई अन्य जगह नहीं है, वे 100 सालों से अधिक समय से इस स्थान पर रह रहे हैं.
मथुरा वृंदावन रेलवे लाइन के किनारे रेलवे की जमीन पर कथित तौर पर कब्जा करके रह रहे लोगों से रेलवे ने जमीन खाली करने के लिए कहा था. इतना ही नहीं रेलवे द्वारा कुछ अवैध अतिक्रमण की पहचान भी की गई थी. हालांकि, यहां रहने वाले लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए. उनका कहना है कि वे सालों से यहां रह रहे हैं. रेलवे ने जब मथुरा वृंदावन ब्रॉड गेज का काम तेज किया, तो नई बस्ती में भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.
पिछले हफ्ते रेलवे और प्रशासन की टीम ने कुछ अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया था. इसके बाद बाकी लोगों ने खुद अवैध निर्माण हटाने के लिए समय मांगा था. रेलवे की ओर से तीन दिन का समय भी दिया गया था. हालांकि, इस दौरान लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. उधर, रेलवे ने सोमवार को फिर से बुलडोजर चलाया.
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2047 में विकसित भारत का तिरंगा फहराएंगे : PM नरेन्द्र मोदी

  • प्रधानमंत्री ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में फहराया तिरंगा
नई दिल्ली। देश आज आजादी की पर्व मना रहा है। इस मौके पर पूरे भारतवर्ष में उत्साह का माहौल है। वहीं, भारतीय सेना भी देश की सुरक्षा में मुस्तैद है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मंगलवार को सुबह लाल किले पहुंचे, जहां उन्होंने लगातार 10वीं बार इस ऐतिहासिक प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी गई। इससे पहले, लाल किला पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। लाल किला पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सलामी गारद का निरीक्षण किया।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि देशवासियों खासकर युवाओं का वर्ष 2047 में विकसित भारत के निर्माण के लिए शुचिता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के सिद्धांतों पर काम करने का मंगलवार को आह्वान किया और कहा कि वह भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण की बुराइयों को दूर करने के लिए जुटे रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “ मेरी नीति साफ है और नीयत पर कोई सवालिया निशान नहीं है। सच्चाई को स्वीकार करके उसके समाधान के लिए आगे बढ़ना होगा। मैं आज आपसे मदद और आशीर्वाद मांगने आया हूं कि देश की समस्याओं को गंभीरता से लेना है। वर्ष 2047 में जब देश आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब दुनिया में विकसित भारत का तिरंगा फहराएंगे। हमारे संकल्प में रत्ती भर भी कमी नहीं आएगी।
उन्होंने कहा, “ इसके लिए शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता पहली जरूरत है। यह हमारा सामूहिक दायित्व है। 75 साल के इतिहास में भारत का सामर्थ्य कम नहीं हुआ। जो देश सोने की चिड़िया था, वह साल 2047 में देश की आज़ादी के शताब्दी वर्ष में फिर से उसी वैभव से खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में 30 साल से कम आयु के सबसे अधिक लोग भारत में हैं। देश की युवा शक्ति, नारी शक्ति और आम मानवीय की शक्ति पर भरोसा है कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर देश वर्ष 2047 में विकसित राष्ट्र बनकर रहेगा।”

 

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अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर CM योगी ने दी श्रद्धांजलि

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर राजधानी में लोकभवन स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। अटल जी की पांचवीं पुण्यतिथि पर सीएम योगी ने उन्हें नमन किया। इस मौके पर उनके साथ विधायक नीरज बोरा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा सहित कई मंत्री उपस्थित रहे।
सीएम योगी ने एक ट्वीट के माध्यम से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए लिखा, "कर्तव्य के पुनीत पथ को, हमने स्वेद से सींचा है, कभी-कभी अपने अश्रु और प्राणों का अर्घ्य भी दिया है। किंतु, अपनी ध्येय-यात्रा में हम कभी रुके नहीं हैं, किसी चुनौती के सम्मुख, कभी झुके नहीं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री, 'भारत रत्न' श्रद्धेय अटल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन।"
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दिल्ली कांग्रेस की बैठक शुरू, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी मौजूद

दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सांसद केसी वेणुगोपाल और अन्य पार्टी नेताओं की मौजूदगी में दिल्ली कांग्रेस की बैठक चल रही है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के नेता लोकसभा चुनाव से पहले मतदान केंद्र तक संगठन का विस्तार करने के तैयार किए गए रोड मैप से आलाकमान को अवगत कराएगे।
इसके अलावा वह लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की वकालत करेंगे। प्रदेश इकाई के नेताओं ने रिपोर्ट में लिखा है कि दिल्ली की जनता आप आदमी पार्टी से खुश नहीं है। इसकी बानगी गत एमसीडी चुनाव में देखने को मिली है। आम आदमी पार्टी मुश्किल से बहुमत प्राप्त कर सकी, जबकि विधानसभा के पिछले दोनों चुनाव में उसने एकतरफा जीत हासिल की थी। इसके अलावा एमसीडी चुनाव के दौरान गत विधानसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस के मत प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई।
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दिग्विजय और कमलनाथ का वोट की फसल पर नजर : CM चौहान

भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हिंदुत्व पर वार-पलटवार का खेल शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के हिंदुत्व को लेकर आए बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन दोनों नेताओं को वोट की फसल की चिंता है।
मुख्यमंत्री चौहान से संवाददाताओं ने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के हिंदुत्व पर आए बयान पर सवाल किया तो उन्होंने कहा दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को न तो हिंदुत्व से लेना देना है, न ही देश से और न समाज से कोई लेना देना है। यह तो वोटों की फसल काटने के लिए जब जो ठीक समझते हैं वह कहते रहते हैं। इनको किसी से लेना देना नहीं है। बीते रोज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि ‘सॉफ्ट‘ या ‘हार्ड‘ हिन्दुत्व जैसी कोई चीज नहीं होती है। ‘हिंदुत्व‘ शब्द के रचयिता सावरकर हैं और उन्होंने ही कहा है कि ‘हिंदुत्व‘ का हिंदू या सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है।
सिंह ने यह भी कहा कि संविधान की शपथ लेकर काम करने वाला कोई भी व्यक्ति ‘हिन्दू राष्ट्र‘ की बात करता है तो उन्हें पहले अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उसके बाद ही कुछ कहना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा था कि हिंदू राष्ट्र बनाने की क्या बात है, विश्व की सबसे बड़ी हिंदू आबादी अपने देश में हैं। यहां 82 प्रतिशत हिंदू निवास करते हैं। कोई बहस की बात है क्या, यह तो है ही। 82 प्रतिशत भारत मे हिंदू हैं तो हम कहें कि यह हिंदू राष्ट्र है, यह कहने की क्या बात है। यह तो आंकड़े बताते हैं।
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नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर रखा गया पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी

नई दिल्ली। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम अब आधिकारिक रूप से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नाम परिवर्तन पर मुहर लग गई। ये नाम परिवर्तन सोमवार 14 अगस्त से प्रभावी हो गया है। केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नाम परिवर्तन पर औपचारिक रूप से मुहर लगा दी। नेहरू मेमोरियल का नाम परिवर्तन सोमवार 14 अगस्त से प्रभावी हो गया है। केंद्र सरकार ने नृपेंद्र मिश्रा को पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष बनाया हैं। आज तक की खबर के मुताबिक, नृपेंद्र मिश्रा इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सचिव थे। वहीं, नेहरू मेमोरियल का नाम बदले जाने के बाद पीएम म्यूजिएम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, सोसायटी के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय अब 14 अगस्त 2023 से प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीन मूर्ति भवन के पास भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था। बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई। लेकिन, कार्यकार परिषद ने महसूस किया था कि संस्थान का नाम वर्तमान गतिविधियों को प्रतिबिंबित करने वाला होना चाहिए, जिसमें एक नया संग्रहालय भी शामिल है। जो स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की सामूहिक यात्रा को दर्शाता है और राष्ट्र निर्माण में प्रत्येक प्रधानमंत्री के योगदान को दिखाता है। इसी वजह से बीते जून की बैठक में नाम बदलने का फैसला हुआ।
2016 में पीएम मोदी ने रखा था विचार-
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में एक विचार रखा था। पीएम मोदी ने कहा था कि तीन मूर्ति परिसर के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए। पीएम मोदी के इस विचार पर नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने 25 नवंबर 2016 को अपनी मंजूर दे दी थी। अब ये परियोजना पूरी हो गई और इस जनता के लिए 21 अप्रैल 2022 को खोल दिया गया था।
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आज से शुरू हुई दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र काफी हंगामेदार रहा

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हो गई है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का विरोध किया। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आप सरकार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर के मसले पर सदन में परिचर्चा कराना चाहती है। यह पूरी तरह से तय नियमों के खिलाफ है। उन्होंने स्पीकर​ दिल्ली से जुड़े मसलों पर बहस कराएं। इस पर डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान ने सदन में हंगामा मचा रहे विधायकों से कहा कि विधानसभा कोई राजनैतिक अखाड़ा नहीं है। न ही हम इसे ऐसा होने देंगे। दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा​ कि मैं उपराज्यपाल द्वारा लिखे गए पत्र का समर्थन करता हूं। आप एक विधानसभा बताइए जहां प्रश्नकाल नहीं होता हो. डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान ने कहा कि क्या आपने आज का बुलेटिन पढ़ा है? आगे रामवीर सिंह बिधूडी ने कहा कि मैंने 12 नोटिस दिया है। इसके जवाब में डिप्टी स्पीकर ने कहा कि मैं इन नोटिस को स्वीकार नहीं कर पा रही हूं कार्यसूची में जो विषय दिए गए हैं, उन्हीं पर चर्चा होगी।
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पुलिस ने आन बान और शान के साथ निकाली सामाजिक समरसता रैली

नीमच। मेरी आन तिरंगा है, मेरी जान तिरंगा है, मेरी शान तिरंगा है, इस गीत के बोल पर अपने हाथों में तिरंगे को बुलंद करते हुए नीमच जिला पुलिस ने आन बान और शान के साथ सामाजिक समरसता रैली निकाली। रैली पुलिस कंट्रोल रूम से प्रारंभ होकर फवारा चौक, नया बाजार, जाजू बिल्डिंग, पुरानी नगर पालिका, लायंस पार्क, गुरुद्वारा, अंबेडकर मार्ग, शिवाजी सर्कल, टैगोर मार्ग, विजय टॉकीज चौराहा से पुनः कंट्रोल रूम पहुंची। रैली में देश भक्ति के गीतों पर पुलिस के जवानों ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए आम जनता को देश के प्रति अटूट प्रेम का संदेश दिया। नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास भरा पैगाम दिया। इसी दौरान सीआरपीएफ की रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर की रैली और पुलिस जवानों की रैली के अद्भुत संगम का नजारा नीमच की हृदय स्थली फव्वारा चौक पर देखते ही बनता था।
रैली की अगुवाई मोटरसाइकिल पर कलेक्टर दिनेश जैन, पुलिस कप्तान अमित तोलानी कर रहे थे। पुलिस जवानों ने वंदे मातरम के नारों से नीमच शहर को गुंजायमान कर दिया। हर घर तिरंगा लगाने का आह्वान किया गया। पुलिस बल के साथ एडिशनल एसपी एनएस सिसोदिया, एसडीएम ममता खेड़े, डीएसपी वैशाली, सीएसपी फूल सिंह परस्ते, आर आई विक्रम सिंह, थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह सिसोदिया, अजय सारवान, यातायात थाना प्रभारी मोहन भर्रावत, पुलिस की महिला जवान और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी शामिल रहे। पुलिस कंट्रोल रूम पर पहुंचकर देशभक्ति के गीतों पर पुलिस जवान जमकर थिरके। अमित तोलानी ने कहा कि देश भक्ति की भावना का इजहार बहुत जरूरी है। इसी के मद्देनजर हर घर तिरंगा अभियान महत्वपूर्ण हो जाता है।
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'विभाजन भयावह स्मृति दिवस' पर PM मोदी ने याद किया लोगों का दर्द

नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को याद किया। ''विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतीयों को श्रद्धापूर्वक याद करने का अवसर है जिनके प्राण देश के विभाजन में बलिदान हो गए। इसके साथ ही यह दिन हमें उन लोगों की पीड़ा और संघर्ष की भी याद दिलाता है जो विस्थापन का दंश झेलने के लिए मजबूर हुए थे।'' मैं ऐसे सभी लोगों को सलाम करता हूं,'' पीएम मोदी ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा।
2021 में पीएम मोदी ने घोषणा की कि 1947 में विभाजन के दौरान भारतीयों के कष्टों और बलिदानों की याद दिलाने के लिए 14 अगस्त को 'विभाजन भयावह स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
15 अगस्त, 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली।
स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर है; हालाँकि, आज़ादी की मिठास के साथ विभाजन का आघात भी आया।
नव स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन की हिंसक पीड़ा के साथ हुआ जिसने लाखों भारतीयों पर स्थायी निशान छोड़े।
विभाजन के कारण मानव इतिहास में सबसे बड़ा प्रवासन हुआ जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए। लाखों परिवारों को अपने पैतृक गाँव/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थियों के रूप में नया जीवन खोजने के लिए मजबूर होना पड़ा। (एएनआई)
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राहुल गांधी ने महिलाओं से इंदिरा फेलोशिप में शामिल होने का किया आग्रह

नई दिल्ली। महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को महिलाओं से राजनीति में समान स्थान पाने और देश की नियति को आकार देने के लिए इंदिरा फेलोशिप में शामिल होने का आग्रह किया। एक ट्वीट में, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा: “भारत वास्तव में तभी सफल होगा जब महिलाओं को हमारे समाज में समान स्थान मिलेगा। इंदिरा फ़ेलोशिप का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और राजनीति में बदलाव लाना है। उन्हें राजनीति में अपना उचित स्थान लेना चाहिए और भारत की नियति को आकार देना चाहिए - आधी आबादी, पूरा हक।''
गौरतलब है कि इंदिरा फ़ेलोशिप भारतीय युवा कांग्रेस की एक पहल है। इंदिरा फ़ेलोशिप महिलाओं के लिए भारत की पहली राजनीतिक फ़ेलोशिप है। एक ट्वीट में, इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा, “पितृसत्ता और उत्पीड़न की जंजीरों को तोड़ने के लिए तैयार हो जाइए और सशक्तिकरण की ओर अपना मार्ग प्रशस्त करें। इंदिरा फ़ेलोशिप के लिए अभी पंजीकरण करें।"
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गंगा का जलस्तर उच्च बाढ़ स्तर पर पहुंचा

उत्तराखंड। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर काफी बढ़ गया है. ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. ऋषिकेश में खतरे का निशान 340.50 मीटर पर है, जबकि गंगा का जलस्तर 341.30 मीटर को पार कर गया है.
गंगा का जलस्तर उच्च बाढ़ स्तर पर पहुंच गया है.
यह स्तर ऋषिकेश में अब तक दर्ज किया गया बाढ़ का उच्चतम स्तर है। 2013 की आपदा के दौरान गंगा ने इस स्तर को छुआ था. अभी भी गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक अब देवप्रयाग में जलस्तर में मामूली कमी आई है, जिससे अगले 3000 घंटों के बाद ऋषिकेश में जलस्तर घटने की उम्मीद है.
शीला जल विद्युत गृह में बिजली उत्पादन ठप हो गया-
वहीं दूसरी ओर बैराज जलाशय का गेट खोलकर पास किया जा रहा है, जिससे शीला जल विद्युत गृह में उत्पादन ठप हो गया है. बीती रात 8:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक ऋषिकेश में 419.0 मिमी बारिश दर्ज की गई है. चार दिन पहले ऋषिकेश में 12 घंटे में रिकॉर्ड 435.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.
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