हिंदुस्तान

हम राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त कर रहे हैं : अमित शाह

  • संसद में विधेयक पेश
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए भारतीय आपराधिक कानूनों में संपूर्ण बदलाव के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है। भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता से बदल दिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आज भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन विधेयक पेश किया। इसे पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए थे। हम इसे बदल रहे हैं। इसे बदलते हुए नए कानून ला रहे हैं। अमित शाह ने जिन तीन नए कानूनों की घोषणा की है उनमें भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 शामिल है। अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, "1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों के बनाए कानूनों के मुताबिक चलती थी। तीन कानूनों को बदल दिया जाएगा और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा।"
भारतीय न्याय संहिता, 2023 : अपराधों से संबंधित प्रावधानों को समेकित और संशोधित करने के लिए और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 : दंड प्रक्रिया से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए। भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 : निष्पक्ष सुनवाई के लिए साक्ष्य के सामान्य नियमों और सिद्धांतों को समेकित करने और प्रदान करने के लिए।
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चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहती है सरकार : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मोदी के नेतृत्व में केंद्र चुनावी वर्ष में चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहता है। उन्होंने भाजपा नेता एल.के. आडवाणी का एक पत्र साझा किया, जिसमें उन्‍होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से कहा कि 'पक्षपात की किसी भी धारणा को दूर करने के लिए संवैधानिक निकायों में नियुक्तियां द्विदलीय तरीके से की जानी चाहिए।
कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रमेश ने एक ट्वीट में कहा, ''देश में एक राय तेजी से बढ़ रही है, जो मानती है कि चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक निकायों में नियुक्तियां द्विदलीय आधार पर की जानी चाहिए। यह 2 जून 2012 को तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए आडवाणी के पत्र के दूसरे पैराग्राफ का एक अंश है। आप यह पत्र अभी भी भाजपा की वेबसाइट पर पा सकते हैं।''
सरकार की आलोचना करते हुए, "सीईसी और चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए, उन्होंने जिस समिति का प्रस्ताव रखा, उसमें सीजेआई के साथ-साथ संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेता शामिल थे। मोदी सरकार द्वारा लाया गया सीईसी विधेयक न केवल आडवाणी के प्रस्ताव के खिलाफ है, बल्कि यह 2 मार्च, 2023 को पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले के विपरीत है, जिसमें कहा गया था: 'एक संवैधानिक निकाय के रूप में चुनाव आयोग के कामकाज में स्वतंत्रता के लिए मुख्य चुनाव आयुक्तों के साथ-साथ अन्‍य चुनाव आयुक्तों को भी कार्यकारी हस्तक्षेप सेस्वतंत्र होना होगा।"
रमेश ने कहा, "अपने वर्तमान स्वरूप में, सीईसी विधेयक समिति के 2:1 प्रभुत्व से कार्यकारी हस्तक्षेप सुनिश्चित करेगा। चुनावी वर्ष में मोदी सरकार की ओर से यह विचार इस बात को और मजबूत करता है कि मोदी चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहते हैं।" गौरतलब है कि केंद्र ने गुरुवार को राज्यसभा में एक विवादास्पद विधेयक पेश किया, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक कैबिनेट मंत्री को शामिल करने का प्रावधान है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नए सीईसी विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
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ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे जारी

  • इमारतों के इतिहास को खंगालने में जुटी टीम
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार को भी एएसआई की टीम सर्वे के लिए पहुंच गई है। सर्वे में एएसआई अलग-अलग मशीनों का भी उपयोग कर रही है। नींव से लेकर इमारतों के इतिहास को खंगालने के लिए उन हिस्सों की थ्रीडी मैपिंग भी की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, ज्ञानवापी सर्वे में एएसआई टीम में कानपुर के विशेषज्ञ भी जुड़ गए हैं। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) समेत आधुनिक जांच मशीनों के साथ पहुंची टीम दीवारों के पीछे व जमीन के नीचे जांच करेगी। इनके आने के साथ ही सर्वे में शामिल सदस्यों की संख्या भी बढ़ गई है। पहले जहां 42 सदस्य सर्वे कर रहे थे अब इनकी संख्या 52 हो गई है।
सर्वे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने गुरुवार को अलग-अलग जगहों की फोटो और वीडियोग्राफी की। इसके साथ ही परिसर के अलग-अलग हिस्सों में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से नाप-जोख भी की गई।
सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक करीब सात घंटे के सर्वे में एएसआई की टीम ने वैज्ञानिक विधि से अपनी जांच जारी रखी। ज्ञानवापी के चारों ओर स्थित मकान की छत पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे ताकि कहीं से कोई फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी अनधिकृत रूप से न की जाए।
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मोहब्बत दिल में मिलती है, दुकान में नहीं : भाजपा

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की 'मोहब्बत की दुकान' वाली टिप्पणी पर भाजपा ने चुटकी लेते हुए कहा है कि 'मोहब्बत दिल में मिलती है, दुकान में नहीं।'' भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर यह पंक्तियां शेयर की है। भाजपा ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें कहा गया है -- "मोहब्बत दिल में मिलती है, दुकान में नहीं। ये तो कमाई जाती है, कहीं बिकती नहीं। ये तो दिल में रहती है, दुकान में नहीं।''
वीडियो में अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का एक हिस्सा दिखाया गया है। प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा, "देश के लोग कह रहे हैं कि यह 'लूट की दुकान' है जिसमें नफरत, घोटाले, तुष्टिकरण और परिवारवाद है।"
पोस्‍ट किए गए वीडियो में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और चंद्रयान-3 सहित मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यों पर भी प्रकाश डाला गया है। भाजपा और आरएसएस पर विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाते हुए, राहुल गांधी ने पहले कहा था कि उनकी "मोहब्बत की दुकान" सत्तारूढ़ सरकार की "विभाजनकारी" राजनीति को खत्म कर देगी।
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लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरने पर PM मोदी ने जमकर साधा निशाना

नई दिल्ली। लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों का लाया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को विपक्ष की ग़ैरमौजूदगी में ध्वनिमत से गिर गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में गुरुवार को तीन दिन की चर्चा का जवाब में विपक्षी दलों पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास देश तोड़ने वाला रहा है। कांग्रेस ने मिजोरम में वायुसेना से हमला करवाया, अकाल तख्त पर भी हमला करवाया। दोनों हमले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में हुआ कांग्रेस ने पूर्वोत्तर का भरोसा तोड़ा है।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस का शासन पूर्वोत्तर की सभी समस्याओं का मूल है। पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने सुनिश्चित किया कि पूर्वोत्तर राज्यों में कोई विकास न हो। पूर्वोत्तर हमारे लिए जिगर का टुकड़ा है। मणिपुर के लिए विपक्ष की पीड़ा और संवेदना सेलेक्टिव है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी पूर्वोत्तर की भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पूर्वोत्तर का 50 बार दौरा किया है। यह सिर्फ एक डेटा नहीं है, यह पूर्वोत्तर के प्रति समर्पण है।
उन्होंने कहा कि जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के मुताबिक होता था, तब मणिपुर में किसकी सरकार थी? मणिपुर में किसकी सरकार थी जब सरकारी कार्यालयों में महात्मा गांधी की तस्वीर को लगाने की अनुमति नहीं दी गई थी, मणिपुर में किसकी सरकार थी जब स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया था? विपक्ष राजनीति से आगे नहीं सोच सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सच्चाई मैं बड़े दुख के साथ देश के सामने रख रहा हूं। पहली घटना 5 मार्च 1966 की मिजोरम की है। दूसरी घटना 1962 की है।
उस समय वो खौफनाक रेडियो प्रसारण आज भी शूल की तरह नॉर्थ ईस्ट के लोगों को चुभ रहा है। देश के ऊपर चीन का हमला चल रहा था। देश के लोग मदद की अपेक्षा कर रहे थे, उस समय लोग अपने साधनों से लड़ाई लड़ने के लिए तैयार थे। उस समय एकमात्र नेता पंडित नेहरू ने क्या कहा था? उन्होंने असम के लोगों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया था। नेहरू की वो बात आज भी असम के लोगों को चुभती है। उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने जो उस समय कहा था कि कितनी लापरवाही और खतरनाक बात है।
30 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र को कोल्ड स्टोरेज में बंद कर दिया। यह आरोप लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू पर लगाया था। आज मणिपुर की समस्या को ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे बीते कुछ दिन में ही ये समस्या हुई है। इस समस्या के लिए इसके लिए वहां के लोग जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस राजनीति जिम्मेदार है। पूर्वोत्तर हमारे लिए बहुत खास है। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास को पहली प्राथमिकता दे है।
लाखों करोड़ की लागत से विभिन्न परियोजनाएँ चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि समय का पल पल और और शरीर का कण कण देश के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि हम देश के लिए निकले हुए लोग हैं। कभी सोचा नहीं था यहाँ यह आयेंगे लेकिन देश की जनता ने यह सम्मान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में जो हुआ वह दुखपूर्ण है। हम सब दर्द की दवाई बनकर कारण करें यही हमारी कामना है।
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लोगों के मन में कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव गहरा हो गया है : PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत एवं भारतीयों के प्रति अविश्वास और घमंड कांग्रेस की नसों में रच बस गया है और उसे भारत को बदनाम करने में बहुत मज़ा आता है। इसीलिए देश के लोगों के मन में कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा हो गया है। मोदी ने लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश की जनता ने उनकी सरकार के प्रति बार बार विश्वास जताया है। इसके लिए वह देश की कोटि कोटि जनता का आभार मानते हैं।
उन्होंने कहा कि वह मानते हैें कि विपक्ष को ईश्वर का कोई वरदान मिला है कि वे किसी का बुरा करने की कोशिश करेंगे तो उसका भला हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इस अविश्वास प्रस्ताव को सरकार के लिए ईश्वर का वरदान बताते हुए कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ साबित हुआ है। ईश्वर ने विपक्ष को सुझाया और वे अविश्वास प्रस्ताव लाये है। वे 2018 में ईश्वर का आशीर्वाद था जो अविश्वास प्रस्ताव आया और उस समय भी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं बल्कि उन्हीं का फ्लोर टेस्ट साबित हुआ। मतदान में उन्हें उनके तय वोटों से कम वोट मिले थे। इतना ही नहीं जब जनता के पास गये तो जनता ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव घोषित कर दिया।
मोदी ने कहा, “आपने तय कर लिया है कि अगले चुनाव में राजग/भाजपा पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर भव्य बहुमत से वापस आएगी। ” उन्होंने कहा कि तीन दिनों से चर्चा हो रही है। अच्छा होता कि संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने कार्यवाही में हिस्सा लिया होता। सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए हैं। ये विधेयक देश की युवा शक्ति की आशा आकांक्षा के आधार पर देश को आगे ले जाने वाले विधेयक हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय तकनीक आधारित होगा। डाटा संरक्षण विधेयक बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले समय में डाटा सोने जैसा अमूल्य होगा। कई विधेयक गांव, गरीब, वंचित आदि के कल्याण के लिए थे। लेकिन गरीबों के कल्याण में विपक्ष को कोई रुचि नहीं है। जनता ने जिस काम के लिए भेजा, उससे भी विश्वासघात किया। उन्हें गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख सिर पर सवार है। उन्होंने कहा कि संसद में एक भी दिन सत्र नहीं चला लेकिन एक विधेयक पर जुट गये और अपने कट्टर भ्रष्ट साथी दल की शर्त पर मजबूर हो गये।
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई तो फील्डिंग विपक्ष ने लगायी और चौके छक्के हमने लगाये। जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं वो भी हमसे हमारा हिसाब पूछते हैं। मोदी ने कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी को घेरते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को वक्ताओं की सूची में जगह नहीं मिली। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने संवेदनशीलता दिखायी और उन्हें हमारे समय में से बोलने का मौका मिल गया लेकिन गुड़ का गोबर कैसे किया जाता है, ये उसमें माहिर हैं। ...हम अधीर बाबू के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश के जीवन में एक समय ऐसा आता है जिसमें पुरानी बंदिशें तोड़कर नयी ऊर्जा एवं संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी का यह कालखंड भारत के लिए हर सपने सिद्ध करने का अवसर लाया है। यह बहुत अहम कालखंड है और इसमें सिद्ध किये गये संकल्पों का देश के अगले एक हजार साल के कालखंड पर प्रभाव पड़ेगा। लोगों के पुरुषार्थों से एक हजार वर्ष के भारत की नींव रखी जाये, यह सबकी जिम्मेदारी है। हमारी युवा पीढ़ी हमारे इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में समर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 में 30 साल के अंतर के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार आई। हमारे ट्रैक रिकॉर्ड देख कर 2019 में भी फिर एक बार हमें सेवा का मौका मिला। सदन में हमारी जिम्मेदारी को निभाते हुए हमने देशवासियों को एक घोटाला रहित सरकार दी। लोगों को खुले आसमान में उड़ने का अवसर एवं हौसला दिया। हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी साख को ठीक किया। लेकिन आज भी लोग दुनिया में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।
मोदी ने कहा कि ये लोग अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों एवं अनुमानों को साझा करते हुए कहा कि भारत की उपलब्धियों को दुनिया दूर से देख रही है लेकिन ये यहीं रह कर भी नहीं देख पा रहे हैं। अविश्वास एवं घमंड इनकी नसों में रच बस गया है। इनकी शुतुरमुर्ग की एप्रोच से देश का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव देश के लिए उसी प्रकार से मंगलकारी है जैसे किसी सुंदर शुभ चीज़ पर काला टीका लगाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “बीते तीन दिन से मुझे जितने अपशब्द कहे गये, उससे विपक्ष के लोगों के मन का गुबार निकल गया होगा। ये लोग कहते हैं कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी। लेकिन मेरे लिए इनकी गालियों, अपशब्दों, अलोकतांत्रिक भाषा का टॉनिक बना लेता हूं।” उन्होंने कहा, “ये लोग ऐसा क्यों करते हैं इसका एक राज़ है। मेरा विश्वास है कि इन्हें इस बात का वरदान है कि ये जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला हो जाएगा।” मोदी ने बैंकिंग सेक्टर, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और भारतीय जीवनबीमा निगम के बारे में विपक्ष के निष्कर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि शेयर बाजार के लिए उनका गुरुमंत्र है कि जिसे ये लोग बुरा कहें, गाली दें, आप उसी में दांव लगा दें, पक्का फायदा होगा।
ये लोग जिस संस्थान की मृत्यु की घोषणा करते हैं, वे संस्थाएं मजबूत हो रहीं हैं, देश मजबूत हो रहा है। लेकिन विपक्ष के लाेग ऐसे हैं जिन्हें देश के सामर्थ्य, परिश्रम, पराक्रम पर विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अपने तीसरे कार्यकाल में देश को दुनिया में तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत के तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही तो विपक्ष ने कहा कि यह तो स्वाभाविक रूप से हो जाएगा। इसका मतलब विपक्ष के पास कल्पना करने की शक्ति नहीं रह गयी है।
यदि उन्हें देश की शक्ति पर भरोसा होता तो वे पूछते कि कैसे करेंगे, रोडमैप क्या है। लेकिन यदि वे सोचते हैं कि बिना कुछ किये ही हो जाएगा तो इसका मतलब है कि कांग्रेस के पास नीति, ना नीयत, ना विज़न है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारत कंगाली की कगार पर था। देश की अर्थव्यवस्था 10, 11 एवं 12 नंबर के बीच झूलती रहती थी। आज पांचवे नंबर पर आ गयी है। हम अपने परिश्रम से तीसरे नंबर पर भी पहुंचेंगे। वर्ष 2028 में जब विपक्ष फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएगा तो भारत पहले तीन देशों में से एक होगा।
विपक्ष ने शौचालय, जनधन खाते, योग, आयुर्वेद का मखौल उड़ाया। स्टार्ट अप, डिजीटल इंडिया, मेक इन इंडिया, का मज़ाक उड़ाया। वे मानते थे कि पाकिस्तान का आतंकवाद और बातचीत दोनों चलता रहे। उनके पाकिस्तान प्रेम के कारण जम्मू कश्मीर आतंकवाद की आग में सुलगता रहा। उन्हें आम नागरिकों पर नहीं बल्कि हुर्रियत, अलगाववादियों पर भरोसा था। कोई विदेशी एजेंसी कह दे कि भारत किसी कंगाल भुखमरी वाले देश से खराब है तो ये उसे खूब तूल देते थे। मोदी ने कहा, “इन्हें भारत को बदनाम करने में मजा आता है। इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है। इस देश के लाेगों के मन में विपक्ष के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है।”
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लैंडर इमेजर कैमरे से पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीर

भारत का महत्वाकांक्षी 'चंद्रयान-3' मिशन लगातार आगे बढ़ रहा है। चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंच गया है। इस बीच इसरो ने गुरुवार (10 अगस्त) को जानकारी दी कि चंद्रयान के लैंडर इमेजर (LI) कैमरे से धरती और चांद की फोटो भेजी है।
चंद्रयान-3 ने यह फोटो चंद्रमा की तीसरी ऑर्बिट में पहुंचने के एक दिन बाद लैंडर हॉरिज़ोटल विलोसिटी (LHVC) कैमरे से ली है। बात दें कि चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को लॉन्च हुआ था। इसके बाद से ही चंद्रयान-3 एक के बाद एक पड़ाव पार करते जा रहा है। वहीं, चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश किया था।
इतनी रह गई चांद से दूरी-
इसरो ने बुधवार (9 अगस्त) को एक ट्वीट में बताया था कि चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह के और भी करीब पहुंच गया है। आज चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 174 किमी x 1437 किमी रह गई है। उन्होंने कहा कि अगला ऑपरेशन 14 अगस्त 2023 को 11:30 से 12:30 बजे के बीच निर्धारित है।
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भारत अब सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है : सीतारमण

नई दिल्ली (आईएएनएस) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि 2013 में एक नाजुक अर्थव्यवस्था घोषित होने के बाद, भारत अब 2022-23 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत होने के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो अपेक्षित है। चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी।लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था में देखी जा रही मंदी के बिल्कुल विपरीत है।
सीतारमण ने कहा कि नौ वर्षों के भीतर, भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ी है और पर्याप्त आर्थिक विकास का अनुभव किया है, जिसका मुख्य कारण कोविड महामारी के बावजूद सरकार की नीतियां हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने भविष्य के विकास को लेकर आशावाद और सकारात्मकता बनाए रखने की एक अनोखी स्थिति में है।
पूर्व यूपीए शासन पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "हमने केवल 'गरीबी हटाओ' जैसे नारे सुने थे, लेकिन छह दशकों तक ऐसा होते कभी नहीं देखा। हम पोस्ट डेटेड चेक नहीं देते। पहले यह 'मिलेगा' था।" बनेगा' और 'होगा'। अब यह सब 'गया', 'मिल गया' और 'हो गया' पर प्रतिबंध में बदल गया है।"
सभी राजकोषीय पीठों को सीतारमण की टिप्पणियों की प्रतिध्वनि करते देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यूपीए ने भ्रष्टाचार के कारण एक पीढ़ी बर्बाद कर दी। सीतारमण ने कहा, "एनडीए के तहत, हमने उच्च विकास और कम मुद्रास्फीति देखी है। हम सभी को सशक्त बनाने और किसी के तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करते हैं।"
वित्त मंत्री ने इसे विचित्र साझेदारी बताते हुए विपक्षी गुट इंडिया पर भी निशाना साधा.
उन्होंने कहा, "पंजाब में कांग्रेस और आप लड़ रहे हैं। बंगाल में टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस लड़ रहे हैं। केरल में लेफ्ट और कांग्रेस लड़ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी आदि लड़ रहे हैं।"
सीतारमण ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का जिक्र करते हुए कहा कि यह वैश्विक समुदाय के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।
उन्होंने यूपीए द्वारा डीबीटी के कार्यान्वयन को स्वीकार किया, लेकिन बताया कि 2013-14 में केवल 7,367 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए थे। हालाँकि, डीबीटी हस्तांतरण पाँच गुना बढ़ गया है।
उन्होंने बताया कि भारत की यूपीआई अब एक वैश्विक सफलता की कहानी है, जिसका कई देशों द्वारा अनुकरण किया जा रहा है। बैंक अब पेशेवर तरीके से काम कर रहे थे और एनपीए 10 साल पहले की तुलना में काफी कम हो गया था।
"आपका फैलाया रायता हम साफ कर रहे हैं" उन्होंने सत्ता पक्ष की हंसी के बीच चुटकी ली।
यहां तक कि मदुरै में एम्स के बारे में सदन को जानकारी देते समय उनकी डीएमके सांसदों के साथ वाकयुद्ध भी हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि इसमें 900 बिस्तर होंगे, जो ऐसे अन्य संस्थानों की तुलना में 150 अधिक है।
जब द्रमुक सदस्य कनिमोझी और दयानिधि मारन ने जानना चाहा कि सुविधाएं कहां हैं और मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं, तो द्रमुक सांसदों और सीतारमण के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि नए एम्स से तमिलनाडु पर बोझ नहीं पड़ेगा, हालांकि डीएमके सांसद "येप्पो! येप्पो!" चिल्लाने लगे। (कहाँ! कहाँ!")। जवाबी कार्रवाई में, भाजपा सांसदों ने "मोदी! मोदी!"
जब टीएमसी की सौगत रे ने कहा कि वह राज्यसभा से हैं, तो वित्त मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि यूपीए के प्रधान मंत्री भी मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए उच्च सदन से आयातित थे।
इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. स्पीकर ओम बिरला ने सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी न करने का आग्रह किया। मुद्रास्फीति के बारे में बोलते हुए, वित्त मंत्री ने इस पर अंकुश लगाने के उपाय भी बताए, खासकर दालों और टमाटर की कीमतों को नियंत्रित करने पर।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे टमाटर उत्पादक राज्यों से टमाटर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद एनसीसीएफ और एनएएफईडी जैसी सहकारी समितियों के माध्यम से उनका वितरण किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि यह पहल 14 जुलाई से बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान सहित क्षेत्रों में शुरू हो चुकी है और यह जारी रहेगी।
इसके अलावा, दिल्ली में वितरण की सुविधा के लिए एनसीसीएफ, नेफेड और केंद्रीय भंडार के लिए मोबाइल वैन को आउटलेट के रूप में नियोजित किया जा रहा है।
सीतारमण ने आगे बताया कि कई राज्यों में टमाटर की थोक मंडी कीमतें पहले ही कम होनी शुरू हो गई हैं।
इसके अतिरिक्त, आयात प्रतिबंध हटाकर नेपाल से टमाटर आयात करने के प्रयास किए गए हैं, और नेपाल से टमाटर की शुरुआती खेप शुक्रवार तक वाराणसी और कानपुर पहुंचने की उम्मीद है, वित्त मंत्री ने बताया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे लोकसभा

नई दिल्ली। अधीर रंजन ने कहा, देश का मुखिया होने के नाते पीएम मोदी को मणिपुर के लोगों के सामने मन की बात करनी चाहिए थी. ये मांग कोई गलत मांग नहीं थी. ये आम लोगों की मांग थी. उन्होंने कहा, मोदी 100 बार देश के पीएम बनें, हमें कोई लेना देना नहीं. हमें देश के लोगों से लेना देना है.
पीएम मोदी सदन में पहुंच गए हैं. इसी बीच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की ताकत देखिए हम पीएम मोदी को खींचकर सदन में लाए. यही संसदीय परंपराओं की ताकत है. हम चाहते थे कि पीएम मोदी मणिपुर पर चर्चा में हिस्सा लें. लेकिन उन्होंने न जाने क्यों सदन में आ आने की कसम खाई थी. हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने का नहीं सोचा था, लेकिन हमें लाना पड़ा.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ये सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव नहीं, हमें पता है हमारे पास नंबर नहीं है. हम INDIA बनकर इसलिए नहीं आए हैं, क्योंकि इस सरकार को गिराना चाहते हैं. हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकें, इसलिए हम नए विश्वास के साथ आए हैं. मणिपुर के मुद्दे पर जो चुप्पी साधी गई, हम उसके खिलाफ हैं. जहरीले बयान दिए गए. कहा गया कि राजस्थान, बंगाल में रेप के मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं हुई. लेकिन मैं बताना चाहती हूं कि मणिपुर का मुद्दा अलग है. नफरती अपराध एक समुदाय के खिलाफ मणिपुर में हो रहा. वो महिलाएं इंसाफ भी नहीं पा रही हैं. वहां युद्ध चल रहा है, सामुदायों के बीच. 3 महीने में 150 से ज्यादा लोग मारे गए. उन्होंने कहा, अब तक किस राज्य में थानों से हजारों हथियार और लाखों गोलियां लूटी गईं.
महुआ मोइत्रा ने कहा, हम यहां अपने 'तुम अभी चुप रहो' गणतंत्र में सवाल पूछने आए हैं, जहां प्रधानमंत्री एक राज्यपाल से कहते हैं 'चुप रहो'. इस सदन में निर्वाचित सांसद के रूप में हमसे नियमित रूप से कहा जाता है 'चुप रहो'. यह प्रस्ताव मणिपुर में इस मौन संहिता को तोड़ने के लिए है. पीएम मोदी हमारी बात नहीं सुनेंगे, आखिरी दिन आकर भाषण देंगे. मुझे नहीं पता कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या है, हमारे प्रधानमंत्री ने संसद में आने से इनकार कर दिया या उन्होंने मणिपुर जाने से इनकार कर दिया.
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जयपुर-मुंबई ट्रेन में फायरिंग, मणिपुर हिंसा, हिजाब मुद्दा, वर्शिप एक्ट, UCC के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान जेल में बंद है, उसे सरकार क्यों नहीं लाई अभी तक. उन्होंने कहा, आप कह रहे हैं मणिपुर के सीएम सहयोग कर रहे हैं, इसलिए आप उन्हें हटाना नहीं चाहते. ओवैसी ने कहा कि असम राइफल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. किसी शायर ने अच्छा कहा था कि कुर्सी है ये तुम्हारा जनाजा तो नहीं कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते.
ओवैसी ने कहा, ट्रेन के अंदर लोगों की पहचान करके उन्हें मारा जा रहा है और कहा जा रहा है कि देश में रहना है तो मोदी को वोट देना होगा. ये सब क्यों हो रहा है हमारे देश में. लोगों के कपड़े , दाढी देखकर मार डाला. नूंह में मुसलमानों के घरों को गिरा दिया गया. मुसलमानों के लिए नफरत का माहौल बना दिया गया. हिजाब का मुद्दा बनाकर मुस्लिम बच्चियों को पढ़ाई से दूर कर दिया गया. बिलकिस बानो इस देश की बेटी है या नहीं? उसके मुजरिमों को इस सरकार ने रिहा कर दिया. आप चीन पर चुप बैठे हैं. चीन हमारे देश में घुसकर बैठा हुआ है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जनता 2014-2019 में UPA के खिलाफ अविश्वास लाई थी. हमें विश्वास है कि 2024 में भी यही हाल होगा. उन्होंने कहा, गठबंधन का नाम सिर्फ इसलिए बदला गया, क्योंकि जनता को UPA नाम से इनका भ्रष्टाचार याद आ जाता है.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, दुनिया मंदी के संकट का सामना कर रही है. चीन की अर्थव्यवस्था संकट में है. जर्मनी, यूके की अर्थव्यवस्था संकट में है. लेकिन हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हम कोरोना के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस दौरान सीतारमण ने मोदी सरकार की योजनाओं का भी जिक्र किया.
सीतारमण ने कहा, यूपीए सरकार में हम सुनते थे कि गरीबी हटाओ. 6 दशक तक सुनते रहे हैं. लेकिन गरीबी हटी क्या? लेकिन हम गरीबी को कम करने में सफल हुए हैं. इसे और कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं. बिजली आएगी, गैस कनेक्शन मिलेगा. पानी का कनेक्शन मिलेगा. लेकिन अब बिजली मिल गई, गैस कनेक्शन मिल गया. पानी मिल गया. टॉयलेट बन गया. पहले कहते थे गांव में सड़क बनेगी, अब बन गई. पहले कहा जाता था कि पोर्ट बनेगा, एयरपोर्ट बनेगा. अब बन गए.
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राज्यसभा में मणिपुर के साथ-साथ हरियाणा में हुई हिंसा पर भी चर्चा की मांग

नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़ा है। गुरुवार को राज्यसभा में मणिपुर के साथ हरियाणा में हुई हालिया हिंसा पर भी चर्चा कराने की मांग की गई। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के संबंध में टिप्पणी की। इसके बाद सदन में पक्ष व विपक्ष के बीच गतिरोध बढ़ गया व राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री के आने से क्या होने वाला है, क्या वह परमात्मा हैं। वह कोई भगवान नहीं हैं। खड़गे इस बयान पर सत्ता पक्ष ने कड़ा एतराज जताया। गतिरोध के बीच राज्यसभा सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दरअसल, विपक्ष मणिपुर हिंसा पर नियम- 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहा था। बहस के दौरान प्रधानमंत्री की मौजूदगी व मणिपुर पर उनके बयान की मांग करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह टिप्पणी की।
इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। राज्यसभा को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। खड़गे ने आसन से नियम- 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह और पीएम मोदी की उपस्थिति की मांग की थी। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के आने से क्या होने वाला है, क्या परमात्मा हैं वो। वह कोई भगवान नहीं हैं। इस बयान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
इससे पहले सभापति ने कहा कि उन्हें गुरुवार को भी विपक्ष द्वारा नियम- 267 के तहत मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए नोटिस प्राप्त हुए हैं। हालांकि सभापति ने मांग को खारिज कर दी। सभापति ने सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने कड़ा रुख अपनाए रखा है। उन्होंने दोनों पक्ष के नेताओं खड़गे और सदन के नेता पीयूष गोयल से विचार मांगें।
गौरतलब है कि नियम- 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा और पीएम मोदी की मौजूदगी की विपक्ष की मांग को लेकर सदन में गतिरोध है। सरकार जहां नियम- 176 के तहत विस्तृत चर्चा के लिए तैयार है। तो, विपक्ष नियम- 267 से चर्चा की मांग कर रहा है। हालांकि, राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष की ओर से मणिपुर मुद्दे पर नियम- 167 के तहत चर्चा और प्रधानमंत्री के सदन में जवाब देने की मांग की गई।
फिलहाल इस पर भी दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री के जवाब की मांग कर रहा है। जबकि, हमारी ओर से ऐसी कोई सहमति नहीं दी गई। दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मध्यम मार्ग अपनाते हुए हमारी ओर से प्रस्ताव रखा गया कि नियम- 167 के तहत चर्चा की जाए। ऐसे में प्रधानमंत्री के सदन में आकर जवाब देने में क्या आपत्ति है।
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UPA सिर्फ़ वादे करता था, मोदी सरकार काम करती है : निर्मला सीतारमण

  • संसद में बोलीं वित्तमंत्री
नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के ख़िलाफ विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गुरुवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि दुनियाभर में आर्थिक संकट मौजूद है, लेकिन उसके बावजूद भारत इस समय सबसे ज़्यादा तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. प्रमुख विपक्ष दल कांग्रेस पर जन कल्याणकारी योजनाएं घोषित करने और उन्हें लागू कर अधर में छोड़ देने का आरोप लगाते हुए वित्तमंत्री ने दावा किया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद सभी योजनाओं को वास्तविक रूप में लागू करने के नियम से काम किया गया.
केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ल्ड बैंक ने वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट की भविष्यवाणी की है, लेकिन कोविड संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर हुई है. भारतीय अर्थव्यवस्था आज ऐसी आशावान स्थिति में है, जो अन्यत्र दुर्लभ है. दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत की रेटिंग को बेहतर किया है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के चलते ही दुनियाभर में मंदी के बावजूद भारत में तरक्की हो रही है.
उन्होंने कहा, "वर्ष 2013 में मॉर्गन स्टैनली ने भारत को दुनिया की पांच नाज़ुक अर्थव्यवस्थाओं में शुमार किया था, लेकिन आज उसी मॉर्गन स्टैनली ने भारत को अपग्रेड कर ऊंची रेटिंग दी है... केवल 9 वर्ष में हमारी सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था ऊपर उठी और COVID के बावजूद आर्थिक विकास हुआ... आज हम दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं..."
निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2004 से 2014 तक सत्तारूढ़ रहे कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) पर 10 साल का समय बर्बाद करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, "UPA ने पूरा एक दशक बर्बाद कर दिया, क्योंकि वहां बहुत भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद था... आज हर संकट और विपरीत परिस्थिति को सुधार और अवसर में बदल दिया गया है..."
उन्होंने कहा कि UPA के कार्यकाल में कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा ज़रूर होती थी, लेकिन उन्हें सही सलीके से लागू नहीं किया जाता था. निर्मला सीतारमण ने कहा, "UPA के कार्यकाल में काम करने का सिर्फ़ वादा किया जाता था, वास्तव में काम नहीं किया जाता था..."
केंद्रीय वित्तमंत्री ने कांग्रेस पर सिर्फ़ नारेबाज़ी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "हम छह दशक तक 'गरीबी हटाओ' का नारा सुनते रहे, लेकिन गरीबी हटाने के ठोस उपाय सिर्फ़ अब NDA की सरकार के कार्यकाल में किए जा रहे हैं..."
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी वादों को वास्तविकता के धरातल पर पूरा करने की PM नरेंद्र मोदी की नीति ने ही भारत की तस्वीर को बदला है, और हमारी सरकार का विश्वास सबको अधिकार देने में है, जिसकी वजह से पिछले 9 साल के दौरान हुआ बदलाव सभी को साफ़-साफ़ नज़र आ रहा है.
केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा, "अब 'बनेगा, मिलेगा' जैसे शब्द प्रचलन में नहीं हैं... आजकल लोग 'बन गया', 'मिल गया', 'आ गया' का इस्तेमाल कर रहे हैं... UPA के कार्यकाल के दौरान लोग कहते थे - बिजली आएगी... अब लोग कहते हैं - बिजली आ गई... उन्होंने कहा था - गैस कनेक्शन मिलेगा... अब कहा जाता है - गैस कनेक्शन मिल गया... उन्होंने कहा था - एयरपोर्ट बनेगा... अब कहते हैं - एयरपोर्ट बन गया..."
केंद्रीय वित्तमंत्री ने 26 विपक्षी दलों द्वारा बनाए गए I.N.D.I.A. गठबंधन को लेकर भी बात की, और गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच अंदरूनी लड़ाई होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री मोहल्ला क्लीनिक देखने के लिए दिल्ली आए, और फिर कहा कि इनमें कुछ खास नहीं है, हम निराश हैं... यही I.N.D.I.A. गठबंधन की अंदरूनी लड़ाई का उदाहरण है..."
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक

  • अविश्वास प्रस्ताव पर आज शाम 4 बजे देंगे जवाब
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम 4 बजे के लगभग लोकसभा में लगातार तीन दिनों तक विपक्ष द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देंगे। गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की रणनीति और अविश्वास प्रस्ताव पर अब तक हुई चर्चा को लेकर अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ एक बैठक की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद भवन स्थित उनके कार्यालय में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी सहित अन्य कई मंत्री भी मौजूद रहे।
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ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हार्स रेसिंग क्लबों में दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि पर 28 प्रतिशत कर लगाने के लिए जीएसटी कानूनों में बदलाव को बुधवार को मंजूरी दे दी। जीएसटी परिषद ने केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आइजीएसटी) अधिनियमों में संशोधन को पिछले सप्ताह मंजूरी दी थी।
जीएसटी में संशोधन के इस प्रस्ताव को संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपनी बैठक में सीजीएसटी और आइजीएसटी कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। जीएसटी परिषद ने दो अगस्त को अपनी 51वीं बैठक में कैसिनो, हार्स रेसिंग और आनलाइन गेमिंग में आपूर्ति पर कराधान स्पष्ट करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम 2017 की अनुसूची तीन में संशोधन की सिफारिश की थी।
परिषद ने विदेशी संस्थाओं द्वारा संचालित आनलाइन मनी गेमिंग पर जीएसटी तय करने के लिए आइजीएसटी अधिनियम, 2017 में एक प्रविधान जोड़ने की भी सिफारिश की है। ऐसी संस्थाओं को भारत में जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। जीएसटी अधिनियम में संशोधित प्रविधान एक अक्टूबर से लागू होंगे। यह आनलाइन गेमिंग, आनलाइन मनी गेमिंग तथा आनलाइन गेम के भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली डिजिटल संपत्तियों और आनलाइन गेमिंग के मामले में आपूर्तिकर्ताओं को परिभाषित करेगा।
जीएसटी कानून में संशोधन-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की बैठक के बाद कहा था कि सीजीएसटी और आइजीएसटी संशोधनों को मानसून सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है। राज्य अपनी-अपनी विधानसभाओं में राज्य जीएसटी कानून में संशोधन को पारित करेंगे।
भारत के भले ही किसी कोने में आप रह रहे हों, जनता से रिश्ता वेबसाइट पर आपके राज्य की हर छोटी-बड़ी खबर मिलेगी। राजनीति, खेल, चुनाव, बिजनेस, सिनेमा, इस प्लैटफॉर्म पर बस एक क्लिक करते ही हमेशा पाएं ताजा खबरें। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल समेत देश के बाकी राज्यों और शहरों की कोई जानकारी हो, हम आपको देते हैं। सियासी रण हो या बजट का मौसम, कहां चल रहा क्या सियासी दांव-पेच, आपके गांव में किसकी सरकार, हर अपडेट यहां आपको मिलेंगे। तो फिर अपने राज्य की हर हलचल के लिए जुड़े रहिए जनता से रिश्ता के साथ।
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ई-पास जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुरू किया "सुस्वागतम" पोर्टल

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज पोर्टल ‘सुस्वागतम’ शुरू करने की घोषणा की जिससे वकील, अदालत आने वाले लोग, प्रशिक्षु और अन्य लोग ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे और शीर्ष न्यायालय में प्रवेश करने के लिए ई-पास ले सकेंगे। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने जैसे ही संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को रद्द किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की तभी न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस ऑनलाइन सुविधा की घोषणा की।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि सुस्वागतम’ वेब आधारित और मोबाइल अनुकूल ऐप है जिससे उपयोगकर्ता ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं और अदालत की सुनवाई में भाग लेने, वकीलों से मिलने जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए ई-पास का आवेदन कर सकते हैं। सीजेआई ने कहा कि सुस्वागतम’ पोर्टल का 25 जुलाई 2023 से प्रायोगिक आधार पर परीक्षण किया गया और इस पर उपयोगकर्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने बताया कि नौ अगस्त तक इस पोर्टल के जरिए प्रायोगिक आधार पर 10,000 से अधिक ई-पास जारी किए गए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘आपको सुबह कतार में इंतजार करने की जरूरत नहीं है। सभी पास ऑनलाइन दिए जाते हैं। यह सुविधा आज सुबह से उपलब्ध हो गयी है। अदालत कक्ष में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि उच्चतम न्यायालय के काउंटर पर प्रवेश पास पाने के लिए सुबह लंबी कतार हुआ करती थी। सीजेआई ने कहा कि वेबसाइट पर एक वीडियो भी उपलब्ध है जिसमें बताया गया है कि इस ऐप का इस्तेमाल कैसे करना है।
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दिल्ली अध्यादेश बिल के खिलाफ रहे विपक्षी पार्टियों का CM केजरीवाल ने माना आभार

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेवा से जुड़े विधेयक के खिलाफ संसद में मतदान करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखकर दिल्ली के लोगों की ओर सेआभार जताया है। संसद ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी थी। राज्यसभा में इस पक्ष के समर्थन में 131 मत पड़े जबकि 102 सदस्यों ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया था। यह विधेयक दिल्ली सरकार में नौकरशाहों पर केंद्र सरकार के नियंत्रण से संबंधित है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने पत्र में कहा, मैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 के खिलाफ मतदान के लिए दिल्ली के दो करोड़ लोगों की ओर से उनकी पार्टी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
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चंद्रयान-3 को लेकर ISRO ने दी ताजा जानकारी

नई दिल्ली। ISRO ने Chandrayaan-3 को चंद्रमा के तीसरे ऑर्बिट में पहुंचा दिया है. अब चंद्रयान 174 km x 1437 km किलोमीटर वाली छोटी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है. चंद्रयान-3 अपने तय टारगेट से संभवतः आगे चल रहा है. लेकिन इसरो की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं आई है.
इसरो ने 9 अगस्त की दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर ऑर्बिट में बदलाव किया. यानी चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को ऑन किया गया था. 5 अगस्त 2023 को जब चंद्रमा की पहली कक्षा में चंद्रयान-3 पहुंचा था. तब उसने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं.
उस समय चंद्रयान-3 चंद्रमा के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 164 x 18074 KM के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा था. जिसे 6 अगस्त 2023 को घटाकर 170 x 4313 km की ऑर्बिट में डाला गया था. यानी उसे चंद्रमा की दूसरी कक्षा में डाला गया था.
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PM मोदी संत रविदास मंदिर के साथ रिफाइनरी विस्तार परियोजना का भी करेंगे भूमिपूजन

  • CM शिवराज सिंह चौहान ने PM मोदी के कार्यक्रमों की दी जानकारी
भोपाल 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सागर में संत रविदास मंदिर के निर्माण के साथ-साथ केंद्र सरकार की 50,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना बीना रिफाइनरी के विस्तार परियोजना के लिए भूमिपूजन करेंगे. इस रिफाइनरी को पेट्रोलियम, रसायन और पेट्रोकेमिकल निवेश क्षेत्र (पीसीपीआरआई) के रूप में विकसित किया जाना है।
इसी दिन कोटा से बीना के बीच रेल मार्ग के दोहरीकरण के बाद तैयार नये रेल ट्रैक का भी उद्घाटन किया जायेगा. गौरतलब है कि रेल मंत्रालय ने 2 हजार 476 करोड़ की लागत से 283 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाई है, जिसका काम तीन महीने पहले ही पूरा हो चुका है. पीएम का कार्यक्रम तय होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी दी. सीएम ने बताया कि संत रविदास यात्राएं प्रदेशभर में भ्रमण करते हुए 12 अगस्त को सागर के बड़तूमा में समाप्त होंगी। जहां 100 करोड़ रुपये की लागत से संत रविदास मंदिर और स्मारक बनाया जाना है.
बीना रिफाइनरी की स्थापना 2011 में हुई थी-
बीना रिफाइनरी की स्थापना वर्ष 2011 में भारत और ओमान के बीच साझेदारी में की गई थी। रिफाइनरी में बीपीसीएल, ओमान और मध्य प्रदेश सरकार शेयर धारक थे। लेकिन ओमान सरकार ने इस साझेदारी से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद अब रिफाइनरी का पूरा नियंत्रण केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पास है। अब केंद्र सरकार इसका विस्तार कर इसे पेट्रोलियम, केमिकल और पेट्रोकेमिकल निवेश क्षेत्र के रूप में विकसित करने जा रही है।
मप्र सरकार बीपीसीएल को टैक्स में छूट और सुविधाएं देने जा रही है। पूरे प्रोजेक्ट में 50 हजार करोड़ का निवेश होगा, जिसके बाद बीना मध्य प्रदेश का बड़ा औद्योगिक केंद्र बन जाएगा. वर्तमान में इस रिफाइनरी की वार्षिक उत्पादन क्षमता 78 लाख टन कच्चे तेल को परिष्कृत करने की है। कच्चा तेल गुजरात के वाडिनेर से 935 किलोमीटर लंबी भूमिगत पाइपलाइन के जरिए यहां पहुंचता है। यहां से रिफाइंड होने के बाद तेल 257 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए कोटा पहुंचता है.
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स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर लगाया बड़ा आरोप

  • कहा- संसद से जाते वक्त किए फ्लाइंग किस के इशारे
नई दिल्ली। जिनको आज मुझसे पहले(राहुल गांधी) वक्तव्य देने का अधिकार दिया गया उन्होंने जाते-जाते एक अभद्र लक्षण के दर्शन दिए। यह केवल एक स्त्रीद्वेषी व्यक्ति ही हो सकता है जो उस संसद में संसद की महिला सदस्यों के रहते हुए फ्लाइंग किस दे। ऐसे गरिमाविहीन आचरण को इस देश के सदन में कभी नहीं देखा गया। भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने ये बात कही है।
स्मृति ईरानी ने कहा- इनका इतिहास खून से सना है. जिन लोगों की हत्या हुई, वे इन लोगों को न्याय के कटघरे में नहीं ला सके. इसलिए मैं उनका जिक्र सदन में कर रही हूं. ये लोग चाहते हैं कि मणिपुर में चर्चा हो. हमारे नेताओं ने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं. भागे ये, हम नहीं. भागने के पीछे कारण क्या, गृह मंत्री जब बोलने लगेंगे. ये लोग मौन साध लेंगे.
स्मृति ईरानी ने कहा, ये लोग मौन थे, कई चीजों पर. आज भी मौन हैं. अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट कहती है, इनके करप्शन की वजह से जीडीपी पर 9% असर होगा, लेकिन ये चुप थे. आज भी चुप हैं. यूपीए की सरकार को 2005 में ये ज्ञात हो गया था कि खुले में शौच होने की वजह से महिलाओं का रेप हो रहा है. फिर भी ये चुप थे.
भीलवाड़ा में 14 साल की बेटी के साथ गैंगरेप हुआ-
स्मृति ईरानी ने कहा, अभी हाल में राजस्थान के भीलवाड़ा में 14 साल की बेटी के साथ गैंगरेप किया गया. उसके बाद उसे काटा गया. फिर भट्टी में डाला गया. दो महिला सांसद वहां गई थीं. वहां बच्ची का एक हाथ भट्टी के बाहर छूट गया. न्याय की गुहार तब नहीं लगाई, जब बंगाल में 60 साल की महिला के साथ उसके नाती के सामने उसका रेप किया गया. इस पर आप एक शब्द नहीं बोले.
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