धान का कटोरा

वीर जवानों से मिलकर मेरी बड़ी इच्छा पूरी हुई : CM विष्णुदेव साय

रायपुर। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा, जब मैं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में चित्रकोट आया, तो मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं हमारे वीर जवानों से मिलूं। इसी भावना के साथ कल रात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सेडवा कैंप में जाकर इन जांबाज़ जवानों से मुलाकात की और नक्सल मोर्चे पर पिछले 11 महीनों में उनकी अभूतपूर्व सफलता के लिए उनका उत्साहवर्धन किया।
हमारे जाबांज़ जवानों ने न केवल क्षेत्र को सुरक्षित बनाया है, बल्कि बस्तर के लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के 2026 तक प्रदेश से नक्सलवाद के समूल उन्मूलन के संकल्प को साकार करने में हमारे वीर जवानों का साहस और समर्पण अद्वितीय है।
जवानों के विशेष आग्रह पर मैंने उनके साथ कैंप में रात्रि विश्राम करने का निर्णय लिया। यह मेरे लिए एक अनमोल अनुभव था, क्योंकि इस दौरान मैंने न केवल उनके कठिन दिनचर्या को करीब से देखा, बल्कि उनके साहस, अनुशासन और देशभक्ति के जज़्बे का भी अनुभव किया। मैं सभी वीर जवानों के साहस और त्याग को नमन करता हूं।
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CM विष्णुदेव साय ने CRPF के बस्तरिया बटालियन परिसर में लगाया नीम का पौधा

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन 241 वाहिनी के परिसर में नीम का पौधा रोपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनूठा प्रयास है, जिसमें सभी लोग स्वस्फूर्त अपनी भागीदारी दे रहे हैं।
साय ने सभी से एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पौधरोपण से हम न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करते हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ वातावरण का उपहार देते हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री साय बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद अचानक सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के कैंप पहुंचे थे। वृक्षारोपण के दौरान सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे।
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जग्गी हत्याकांड : 6 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

रायपुर। बहुचर्चित रामावतार जग्गी हत्याकांड में आरोपी फ़िरोज सिद्दीकी, पूर्व पुलिस अफसर एएस गिल, वीके पांडेय, अविनाश उर्फ़ लल्लन, विश्वनाथ राजभर और आरसी त्रिवेदी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. इन आरोपियों को 6 माह पहले दोबारा जेल में दाखिल किया गया था. सभी आरोपी पांच साल से अधिक समय तक जेल में बीता चुके हैं. बचे आरोपियों की जमानत ओर 21 को सुनवाई होगी.
वकीलों ने बताया कि आरोपियों की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सुनवाई के बाद मंगलवार को छह आरोपियों की जमानत के आदेश दिए हैं. अब आदेश की मूल प्रति रायपुर की अदालत में जमा की जाएगी, जिसके बाद आरोपियों की जेल से रिहाई के आदेश होगा.
बता दें कि जग्गी हत्याकांड में जमानत निरस्त होने के बाद पुलिसवालों समेत जग्गी हत्याकांड समेत सभी आरोपियों को वापस जेल दाखिल करने के आदेश दिए गए थे. इस आधार पर सभी ने इस साल जून महीने में कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.
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देवरीखुर्द पंचायत के सभी 480 घरों में पहुंचना शुरू हुआ नल से शुद्ध पेयजल

  • सफलता की कहानी
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही। जल जीवन मिशन के तहत जिले में हर घर नल से जल पहुंचाने के मुहिम में पेण्ड्रा विकासखण्ड के देवरीखुर्द पंचायत के सभी 480 घरों में नल से शुद्ध पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। इस योजना का निर्माण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 1 करोड़ 93 लाख 86 हजार रूपए की लागत से की गई है। नल से जल मिलने पर देवरीखुर्द निवासी श्रीमती लीला बाई पोर्ते अपनी खुशी का इजहार करते हुए बताई कि पहले उन्हें दूर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता था, इससे परेशानी होती थी। अब घर पर ही नल से पानी मिलने की सुविधा से मैं बहुत खुश हूं। योजना के संचालन एवं संधारण के लिए ग्राम पंचायत को हस्तातंरण कर दिया गया है। साथ ही ग्रामवासियों से जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के तहत पानी का सीमित मात्रा में उपयोग, जल बचाव, किचन गार्डन जैसे विषयों पर चर्चा उन्हें जागरूक किया गया।
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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित

  • कई मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे : डॉ. चरणदास महंत
रायपुर। विधानसभा परिसर में आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया. इस अवसर पर विधायक संगीता सिन्हा, संदीप साहू, भोलाराम साहू समेत अन्य विधायक और विधानसभा कर्मचारी उपस्थित रहे.
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष महंत ने छत्तीसगढ़ की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, किसी भी प्रशासन या मुख्यमंत्री की पहली जिम्मेदारी राज्य और राजधानी के लोगों को सुरक्षित रखने की होती है. लेकिन बार-बार चेतावनी के बाद भी राजधानी में हत्याएं, लूट, चोरी और नशाखोरी ये सब रुकने का नाम नहीं ले रहा हैं. यह पूरी तरीके से साय सरकार नाकाम साबित हो रही हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने आगामी शीतकालीन विधानसभा सत्र पर कहा कि इस बार 16 से 20 दिसंबर तक सत्र है. चार दिनों का ये सत्र छत्तीसगढ़ के तमाम मुद्दों को उठाने के लिए कम पड़ सकता है.
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छत्तीसगढ़ पुलिस के सहयोग से गढ़चिरौली और गोंदिया में संपन्न होगा मतदान

  • महाराष्ट्र में कल कड़ी सुरक्षा के बीच समूचे राज्य में होगा मतदान
राजनांदगांव। महाराष्ट्र में कल 20 नवंबर को कड़ी सुरक्षा के बीच समूचे राज्य में मतदान होगा। राजनांदगांव रेंज से सटे गढ़चिरौली और गोंदिया में पुख्ता बंदोबस्त के साथ चुनाव संपन्न कराने छत्तीसगढ़ पुलिस पूरा सहयोग कर रही है। इधर गढ़चिरौली में पहला अवसर होगा, जब लोकतंत्र के प्रति गहरी आस्था व्यक्त करते 170 आत्मसमर्पित नक्सली अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
गढ़चिरौली जिले के अहेरी, आर्मोरी और गढ़चिरौली में कड़ी सुरक्षा के बीच वायुसेना के हेलीकाप्टर से मतदान कर्मियों को संवेदनशील बूथों में पहुंचाया गया है। गढ़चिरौली जिले में कुल 16 हजार जवानों को तैनात किया गया है। इसी तरह गोंदिया जिला भी राजनांदगांव जिला की सरहद से सटा हुआ है। ऐसे में गोंदिया जिले के तोयागोंदी, दर्रेकसा, चांद-सूरज, देवरी, चीचगढ़ समेत अन्य संवेदनशील बूथों में भी जवान तैनात किए गए हैं।
गढ़चिरौली और गोंदिया महाराष्ट्र का नक्सल प्रभावित जिला है। माओवादियों के उत्पात से निपटने के लिए गढ़चिरौली पुलिस ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ मोर्चा सम्हाला हुआ है। गढ़चिरौली में उच्च प्रशिक्षित पुलिस अफसरों की 500 सदस्यीय टीम अलग-अलग इलाकों में तैनात की गई है। 700 से ज्यादा स्थानीय होमगार्ड जवान भी चुनाव संपन्न कराने मुस्तैद हैं। इस तरह समूचे गढ़चिरौली जिले में 16 हजार से अधिक जवानों को जिम्मेदारी दी गई है। एक जानकारी के मुताबिक 367 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों में केंद्रीय सुरक्षा बल का पहरा लगाया गया है। वहीं 130 अत्याधुनिक ड्रोन भीतरी इलाकों में उड़ान भरकर हर गतिविधियों पर नजर रखेगी।
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CM विष्णुदेव साय ने CRPF जवानों को परोसा भोजन, कैंप पहुंचकर बढ़ाया हौसला

जगदलपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने बस्तर दौरे के दौरान बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद सोमवार को देर शाम सेड़वा में स्थित सीआरपीएफ 241 बस्तरिया बटालियन के हेड क्वार्टर में पहुंचे. मुख्यमंत्री ने जवानों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई करते हुए उन्हें उपहार भेंट किया.
मुख्यमंत्री साय के बटालियन हेड क्वार्टर पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया. इस दौरान उन्होंने सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर बटालियन में पदस्थ जवानों और अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की. इस अवसर पर बटालियन में तैनात सीआरपीएफ की महिला व पुरुष कमांडो ने सांस्कृतिक पेश किया.
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने जवानों को खाना परोसने के साथ उनके साथ भोजन भी किया, जिसके बाद उन्होंने सीआरपीएफ कैम्प में रात्रि विश्राम किया. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ डीजीपी अशोक जुनेजा, बस्तर आईजी सुंदरराज पी, बस्तर कलेक्टर, बस्तर एसपी के साथ तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे.
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छत्तीसगढ़ में नक्सल आपरेशन में मिल रही सफलता की पूरे देश में हो रही है प्रशंसा : CM विष्णुदेव साय

  • बस्तर प्रवास के दौरान  जवानों का उत्साह बढ़ाने मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे सीआरपीएफ कैंप
  • बस्तर से नक्सल उन्मूलन में सुरक्षा जवानों की है अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका
  • बस्तर प्रवास के दौरान  जवानों का उत्साह बढ़ाने मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे सीआरपीएफ कैंप
  • जवानों के आग्रह पर सीआरपीएफ कैंप सेडवा में मुख्यमंत्री ने किया रात्रि विश्राम
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि पिछले 11 महीनों के दौरान आप लोगों ने जिस तरह नक्सली आतंक को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। आप लोग परिवार से दूर रहकर और सुख-सुविधाओं को त्याग कर बस्तर के विकास में जो योगदान दे रहे हैं, उससे आप लोगों ने यहां के जनजातीय समुदायों के हृदय में अपने लिए हमेशा हमेशा के लिए जगह बना ली है। श्री साय बस्तर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल  के सेडवा कैंप में जवानों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के अचानक सीआरपीएफ कैंप पहुंचने पर आश्चर्यमिश्रित खुशी के साथ ही जवानों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सुरक्षा बलों के जवानों से आत्मीयतापूर्वक संवाद करते हुए कहा कि जब मैं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में चित्रकोट आया था, तो मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं आप सब जवानों से मिलूं। पिछले 11 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर जो सफलता मिली है, उसमें आप सभी का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है। मैं आप सभी के साहस को नमन करता हूं। नक्सल अभियान में आप सभी को जो सफलता मिल रही है, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से जब भी मेरी मुलाकात होती है तो वे नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ को मिल रही सफलता का जिक्र जरूर करते हैं। गृह मंत्री श्री अमित शाह का नक्सल ऑपरेशन में सतत मार्गदर्शन और सहयोग मिलते रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में हमने नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह का भी यही संदेश है।
बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने अल्प अवधि में ही 200 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। 740 से ज्यादा माओवादी कैडर्स ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वे हिंसा त्याग कर लोकतंत्र की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं। शासन ने हिंसा का त्याग करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए ऐसी नीति बनाई है कि आने वाले दिनों में और भी बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे।
सुरक्षा बल के जवानों द्वारा कैंप में रात्रि विश्राम करने के आग्रह पर उन्होंने कैंप में रात्रि विश्राम भी किया।
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सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में पहले दिन हुई लगभग 1500 क्विंटल धान खरीदी

सारंगढ़ बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ शासन और कलेक्टर धर्मेश साहू के आदेश पर 14 नवंबर को धान खरीदी की प्रारंभ की गई, जिसमें जिला खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह ने बताया कि जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में कुल पंजीकृत किसानों की संख्या 89442 है, जिसमें 43 किसानों ने 1485  क्विंटल लगभग (1500) धान विक्रय किये है। 4 किसानों के द्वारा बिलाईगढ़ में धान खरीदी केंद्र में 159 क्विंटल 60 किलो मोटा धान विक्रय किया गया, वहीं भटगांव में 13 किसानों के द्वारा 288 क्विंटल धान मोटा और 152 क्विंटल 40 किलो धान सरना विक्रय किया गया है। सरसीवा धान खरीदी केंद्र में 23 किसानों के द्वारा मोटा धान 329 क्विंटल 20 किलो वहीं सरना धान 351क्विंटल 20 किलो विक्रय किया गया वहीं सारंगढ़ के तीन किसानों के द्वारा 178 क्विंटल धान मोटा का विक्रय किया गया।
जिला खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह ने बताया कि कलेक्टर धर्मेश साहू के निर्देश पर धान खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रॉनिक कांटा बांट, बारदाना, किसानों के लिए बैठक एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। धान उपार्जन केंद्रों में शिकायत एवं निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर भी चस्पा कर दिए गए हैं।
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स्टॉक से अधिक अवैध भंडारण होने पर 3 गोदामों से 190 क्विंटल धान जप्त

  • तुलेश्वर निषाद से 24 क्विंटल अवैध धान जप्त
गौरेला पेंड्रा मरवाही। राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर वास्तविक किसानों से धान खरीदी किया जा रहा है। इस दौरान धान की अवैध भंडारण, परिवहन एवं बिक्री आदि पर विशेष निगरानी रखने के साथ ही कार्रवाई करने निर्देशित किया गया है। निर्देशानुसार कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने विशेष निगरानी दलों एवं उड़नदस्तों का गठन किया है। खाद्य एवं मण्डी विभाग के संयुक्त दल द्वारा स्टॉक से अधिक अवैध भंडारण होने पर 3 गोदामों से कुल 190 क्विंटल धान जप्त किया है, जिनके विरूद्ध मण्डी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिला खाद्य अधिकारी ने बताया की जय मां काली ट्रेडिंग कम्पनी पेण्ड्रा के गोदाम में स्टॉक अभिलेख से अधिक अवैध रूप से भण्डारित 90 क्विंटल तथा निलेश एण्ड कम्पनी और साक्षी ट्रेडर्स गौरेला के गोदाम से 50-50 क्विंटल धान जप्त किया गया है।
तुलेश्वर निषाद से 24 क्विंटल अवैध धान जप्त
अवैध धान के भंडारण एवं परिवहन पर कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू के द्वारा कार्रवाई के लिए दिए गए निर्देश के पालन में सारंगढ़ के मंडी सचिव राजेंद्र धुर्वे एवं मंडी कर्मचारी अर्जुन सिंह ठाकुर के द्वारा सारंगढ़ ब्लॉक के ग्राम धुता में तुलेश्वर निषाद के प्रतिष्ठान में अवैध रूप से भंडारित 24.80 क्विंटल धान का जप्ती प्रकरण बनाया गया।
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बड़ेझार कट्टा एनीकट के कार्याे के लिए 3.70 करोड़ रुपये स्वीकृत

रायपुर। राज्य शासन ने कांकेर जिले के विकासखंड कोयलीबेड़ा के बडे़झारकट्टा एनीकट कम काजवे के निर्माण कार्य के लिए 3 करोड़ 70 लाख पांच हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन द्वारा मुख्य अभियंता महानदी परियोजना रायपुर को कार्य कराने के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।
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विधानसभा का चतुर्थ सत्र 16 दिसम्बर से 20 दिसम्बर तक

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का चतुर्थ सत्र सोमवार 16 दिसम्बर से प्रारंभ होकर शुक्रवार 20 दिसम्बर तक चलेगा। इस सत्र में कुल 04 बैठकें होंगी। 18 दिसम्बर को गुरु घासीदास जयंती पर अवकाश रहेगा। सत्र के दौरान सरकार एक-दो संशोधित विधेयक सदन में पेश कर सकती है।
इसके अलावा इस सत्र में दूसरा अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। इसमें निकाय चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती है। इस सत्र में जमकर हंगामा होने के आसार है। विपक्ष प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा।
इन मुद्दों पर उठेंगे सवाल-
धान खरीदी, सरकार के आधे-अधूरे वादों, शराबबंदी, रेडी-टू-ईट जैसे अन्य मुद्दों को भी विपक्ष प्रमुखता से उठाएगा। सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री, वन मंत्री और राजस्व मंत्री सत्ता और विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे।
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गुरू घासीदास-तमोर पिंगला बना देश का 56वां टाइगर रिजर्व

  • मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव के प्रति जताया आभार
रायपुर। छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव को धन्यवाद दिया है। यह टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व होगा। गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर होगा। इनमें आरक्षित वन 1254.586 वर्ग किलोमीटर, संरक्षित वन 1438.451 वर्ग किलोमीटर तथा राजस्व क्षेत्र 136.35 वर्ग किलोमीटर शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की जानकारी राष्ट्र को दी है। उन्होंने कहा कि भारत बाघ संरक्षण में नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है, इसी क्रम में हमने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं, और इसका बफर क्षेत्र 780.15 वर्ग किलोमीटर का है। यह इसे आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश में अधिसूचित होने वाला 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है।
भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव योजना में परिकल्पित संरक्षण के लिए परिदृश्य दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, नव अधिसूचित बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश में संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से सटा हुआ है, जो लगभग 4500 वर्ग किलोमीटर का परिदृश्य परिसर बनाता है। इसके अलावा, यह अभयारण्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य और पूर्व में झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।
छोटा नागपुर पठार और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित यह बाघ अभयारण्य विविध भूभागों, घने जंगलों, नदियों और झरनों से समृद्ध है, जो समृद्ध जीव विविधता के लिए अनुकूल हैं और इसमें बाघों के लिए महत्वपूर्ण आवास मौजूद हैं।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है। अकशेरुकी जीवों का प्रतिनिधित्व ज्यादातर कीट वर्ग द्वारा किया जाता है। कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें दोनों समूहों की कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ शामिल हैं।
इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी।
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सिमगा नगर पालिका गठित, राज्य शासन ने जारी की अधिसूचना

रायपुर। राज्य शासन द्वारा बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा नगर पंचायत को नगर पालिका गठित करने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राजपत्र में इस संबंध में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार नगर पंचायत सिमगा की सीमाएं ही नगर पालिका परिषद सिमगा की सीमाएं होंगी।
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एमसीबी : बिहान योजना से निर्मला मौर्य बनी आत्मनिर्भर

  • लखपति दीदी बनने संघर्ष की कहानी, निर्मला मौर्य की जुबानी
एमसीबी। बिहान योजना ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में एक अहम भूमिका निभाई है। इस योजना ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। इसी क्रम में जिले के मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के चनवारीडांड निवासी श्रीमती निर्मला मौर्य की प्रेरणादायक कहानी एक मिसाल बनकर उभरी है। उनकी दृढ़ता और मेहनत ने उन्हें एक सफल उद्यमी के रूप में स्थापित किया है, और आज निर्मला मौर्य "लखपति दीदी" के नाम से जानी जाती हैं।
निर्मला मौर्य का प्रेरणादायक संघर्ष-
श्रीमती निर्मला मौर्य का जीवन पहले आर्थिक तंगी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संघर्ष में बीत रहा था। उनके परिवार की आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं था, और परिस्थितियां बेहद कठिन था। इसी बीच उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने इस योजना से जुड़ने का निर्णय लिया, जो उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
बिहान योजना से मिली नई दिशा-
बिहान योजना के अंतर्गत निर्मला मौर्य ने अपने कच्चे मकान में एक छोटी सी किराने की दुकान शुरू की। कठिन परिश्रम और अदम्य इच्छाशक्ति के कारण उनकी दुकान चल निकला और उनका आत्मविश्वास बढ़ा। लगातार बैंक से लेन-देन के कारण उनका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर हुआ। इससे उन्होंने बैंक से लोन लेकर अपने व्यवसाय को और अधिक विस्तार किया। निर्मला मौर्य के प्रयास और बिहान योजना की सहायता से उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ। आज श्रीमती निर्मला मौर्य की सालाना बचत एक लाख रुपए तक पहुंच गई है। उनका जीवन न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा में भी वृद्धि हुई है। उनकी इस सफलता ने क्षेत्र की अन्य महिलाओं को प्रेरणा दी है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का किया आभार व्यक्त
श्रीमती निर्मला मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि सरकारी योजनाएं केवल योजनाएं नहीं होती, बल्कि वे समाज में बदलाव लाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करती हैं। हम सब को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं लाभ अधिक-अधिक उठाना चाहिए। जिससे हम अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकें।
अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
निर्मला मौर्य की सफलता की कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। बिहान योजना से जुड़कर वे न केवल अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती हैं, बल्कि अपने बच्चों का भविष्य भी उज्ज्वल बना सकती हैं। इस योजना से महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करती है और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाती है, जिससे वे समाज में अपनी एक नई पहचान बना सकें। बिहान योजना वास्तव में महिलाओं के जीवन को संवारने और उनके सपनों को साकार करने का एक सशक्त माध्यम है। श्रीमती निर्मला मौर्य की सफलता इस बात का प्रमाण है कि इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन के बल पर किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी यह यात्रा उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती है जो महिलाएं बेहतर भविष्य का सपना देखती है।
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रायपुर : ई-रिक्शा ने संवारा संगीता का जीवन

रायपुर। दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पेडनरावन की संगीता सिन्हा को जब दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत काम करना शुरू कर दिया। अपने पति के साथ कई सालों तक मेहनत-मजदूरी वाली नौकरियों में काम करने के बाद, उन्हें पता था कि इस अवसर का समझदारी से इस्तेमाल करके उनकी ज़िंदगी बदली जा सकती है।
जिस क्षण से उसने वाहन चलाना शुरू किया, उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया। ई-रिक्शा चलाने की आसानी और इसके लचीलेपन ने संगीता को अपने नए पेशे और घरेलू जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक संभालने का साधन प्रदान किया। अब उसकी दैनिक आय 300-400 रुपये के बीच है, संगीता की नई भूमिका रोशन की आय में वृद्धि करती है और उसके परिवार के लिए जीवन स्तर को बेहतर बनाती है।
संगीता और उनके पति रोशन मजदूरी करते थे और हर महीने करीब 8,000 रुपये कमाते थे। अपनी तनख्वाह को बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश करने के बावजूद, यह पैसा दंपति और उनके तीन बच्चों के लिए बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं था। सालों तक संगीता और उनके पति ने बिना किसी सफलता के तिनके का सहारा लिया, लेकिन इस बार जब उन्हें दीदी ई-रिक्शा पहल के बारे में पता चला, तो उन्हें उम्मीद की किरण दिखी। इस बार, उन्हें लगा कि वे गरीबी को हरा सकते हैं। दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे में पता चलने पर संगीता ने बिना समय गंवाए इसके लिए आवेदन कर दिया। उसने तुरंत ही योजना के तहत मिलने वाली सहायता के अलावा अतिरिक्त धनराशि प्राप्त कर ली और एक ई-रिक्शा खरीद लिया।
छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना 18 से 50 वर्ष की आयु की पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों के लिए अवसर का एक स्रोत है। यह योजना पात्र महिला श्रमिकों को ई-रिक्शा खरीदने और नया जीवन शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
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आदिवासी अँचलों में 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने का कार्य प्रगति पर

  • CM विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के दिए निर्देश
  • 8,091 किलोमीटर लाइनें, 2217 ट्रांसफॉर्मर, 7950 बसाहटें
रायपुर। आदिवासी अँचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश दिए है। वहीं छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष श्री रोहित यादव ने तीनों योजनाओं की प्रगति की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जनमन) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की अति पिछड़ी 7 जनजातियों जिनमें अबुझमाड़िया, बैगा, भारिया, पहाड़ी कोरवा, कमार तथा बिरहोर शामिल हैं, इन 7 जनजातियों के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रिड से विद्युतीकृत गांवों के 7,077 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 37 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1,087 बसाहटों में 363.24 किलोमीटर 11 के.वी. लाइन, 267 नग 25 के.वी.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफॉर्मर तथा 650 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जा रही है। पीएम जनमन के तहत अभी तक 4,500 घरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा हाल ही में की गई है जिसके अंतर्गत 919 गांवों के 65,711 अविद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 323 करोड़ 63 लाख रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति मिली है। जिसके अंतर्गत 6,863 बसाहटों में 1889.56 किलोमीटर लाइनें, 25 के.वी.ए. क्षमता के 1950 वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए जाएंगे तथा 5,188 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जाएंगी।
आदिवासी बहुल गांवों में बिजली पहुंचाने में सबसे बड़ी समस्या वहां के सघन वन क्षेत्र होते हैं। घने जंगलों में बहुत से क्षेत्र पहुंच विहीन होती हैं। इसके अलावा बस्तर के सघन वन क्षेत्रों में विरासत में मिली नक्सलवाद की समस्या भी है जिसके समाधान की दिशा में राज्य सरकार द्वारा केंद्र की मदद से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मोर्चे पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कार्यकाल में बड़ी सफलताएं भी मिल रही हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती केंद्र तथा राज्य शासन द्वारा की गई है। जिसके लिए सुरक्षा कैम्प बनाए गए है। सुरक्षा कैम्पों के समीप 5 किलोमीटर के दायरे में बहु-आयामी विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा नियद नेल्लानार योजना प्रांरभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत 24 सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में 96 गांवों में घरों को रोशन करने की कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। इसमें ग्रिड से विद्युतीकृत 8 गांवों के 105 आवासों तथा ऑफग्रिड विद्युतीकृत 61 गांवों के 4,399 आवासों को ग्रिड से विद्युतीकृत करने की योजना प्रचलन में है। 61 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के अंतर्गत उपकेंद्रों, वितरण लाइनों की स्थापना की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बीजापुर जिले के यथागुण्डम तथा चिन्तावागु गांवों का विद्युतीकरण किया गया है तथा 60 आवासों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष श्री रोहित यादव के निर्देशानुसार इन तीनों योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाना है। एम.डी. डिस्ट्रीब्यूशन श्री भीमसिंह कंवर द्वारा नियमित तौर पर क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है।
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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का महाअभियान

  • मुख्यमंत्री साय की पहल पर सुगमता से हो रही है धान की खरीदी
  • प्रदेश में पांचवें दिन तक लगभग 2.6 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
  • अब तक 46,967 किसानों ने बेचा धान
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर धान खरीदी का महाअभियान सुगमता से जारी है। प्रदेश में धान खरीदी के सोमवार को पांचवें दिन तक लगभग 2.6 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य के 46967 किसानों ने अब तक धान बेच चुके है। धान खरीदी का यह महाअभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज लगभग 1 लाख 12 हजार मीटरिक टन धान की खरीदी हुई है। आज 24582 किसानों ने धान बेचा है। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल है। 18 नवम्बर के लिए कुल 27111 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 23791 टोकन जारी किए गए है।
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