धान का कटोरा

बसना के ग्राम अंकोरी में 879 कट्टा धान जब्त

महासमुंद। बसना अनुविभागीय अधिकारी मनोज खांडे के निर्देशन में देर रात बसना के ग्राम अंकोरी मे विशाल गजेंद्र और जगदीश सिदार घर मे क्रमशः 479 और 400 कट्टा धान के अवैध भंडारण पर सख्ती बरतते हुए कुल 879 कट्टा धान जब्त कर मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई किया गया। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि अंकोरी विशाल गजेंद्र और जगदीश सिदार के घर में बिना पर्याप्त दस्तावेज के धान का भंडारण किया गया है। तत्पश्चात राजस्व की टीम ने छापामार कार्रवाई की और दस्तावेज मांगे, परंतु पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे।
इस मामले में प्रशासन द्वारा धान को जब्त कर मंडी अधिनियम के तहत करवाई कर जब्त किया गया। ज्ञात है कि कलेक्टर श्री लंगेह ने निर्देश दिए हैं कि अवैध परिवहन और भण्डारण पर सख्ती जारी रहेगी, और जांच में दोषी पाए जाने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई मे अनुविभागीय अधिकारी श्री मनोज खांडे, तहसीलदार ममता ठाकुर, फ़ूड इंस्पेक्टर, मंडी उपनिरीक्षक, पटवारी मौजूद थे।
उल्लेखित है कि प्रशासन द्वारा पहले दिन ही सरायपाली, पिथौरा मे बड़ी कारवाई की गई है। जिसमे ट्रक मे अवैध परिवहन करते और 1000 कट्टा धान का भण्डारण किया गया था। जिसे जप्त किया गया।
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20 लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया आत्म समर्पण

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल 20 लाख की इनामी नक्सली मंजुला उर्फ निर्मला ने आज तेलंगाना के वारंगल में पुलिस के पास आत्म समर्पण कर दिया है. मंजुला ने वारंगल में पुलिस कमिश्नर के पास जाकर सरेंडर कर दिया है.
मंजुला कुख्यात नक्सली लीडर कोडी कुमार स्वामी उर्फ आनंद एवं कोडी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना की बहन है और साथ ही दंडकरण स्पेशल जोनल कमिटी, साउथ सब डिविजन ब्यूरो की मेंबर है. वह 1994 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी और आज 15 नवंबर 2024 को उसने पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है.
बता दें, यह घटना 25 मई 2013 की है, जब छत्तीसगढ़ में एक खौ़फनाक और भयावह हत्याकांड हुआ था, जिसे राज्य का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है. इस हमले में दिग्गज कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 30 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. इस हमले के बाद, भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में जांच का सिलसिला चलता रहा, लेकिन इस हत्याकांड के अपराधियों का पर्दाफाश और इसके पीछे के रहस्यों को अब तक नहीं सुलझाया जा सका है.
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भिलाई निगम के नए आयुक्त राजीव पांडेय ने संभाला पदभार

दुर्ग। नगर निगम भिलाई के नए आयुक्त राजीव पांडेय ने पदभार ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा चलाए जा रहे जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना ही उनका मुख्य उद्देश्य है। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करें। समय अवधि में सभी कार्यों का निराकरण हो।
जनता को संतुष्टि मिले। सभी सुविधाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचे। फिर उन्होंने निगम के अधिकारियों से निगम के संबंध में जानकारी ली। फिर रात में 7:30 बजे डी मार्ट के सामने शहरी गौठान का औचक निरीक्षण करने गए। वहां मवे​शियों के लिए यहां पर चारा पानी की व्यवस्था देखी। टैंकर से पानी पहुंचाने की बात सामने आने पर उन्होंने बोर खनन करने को कहा। अभियंता अखिलेश चंद्राकर को निर्देश दिए कि किसी प्रकार की कमी नहीं होना चाहिए।
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22 नवंबर से 2 दिसंबर तक अलग-अलग तिथि में 24 ट्रेनें रहेंगी रद्द

  • यात्रियों को होगी परेशानी
बिलासपुर। बिलासपुर रेल मंडल अंतर्गत नौरोजाबाद स्टेशन को तीसरी लाइन से जोड़ने के लिए कवायद तेज कर दी है। इसके लिए स्टेशन के यार्ड का मॉडिफिकेशन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए रेलवे ने 22 नवंबर से 2 दिसंबर तक अलग-अलग तिथि में 24 ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है। इससे यात्रियों को परेशानी होगी। हालांकि जब कार्य पूरा हो जाएगा, उसके बाद ट्रेनों की गति बढ़ेगी और यात्रियों को परिचालन को लेकर आने दिक्कत नहीं होगी। 22 से 30 नवंबर तक 18234 बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस
23 नवंबर से 01 दिसंबर तक 18233 इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस।
21 से 30 नवंबर तक 18236 बिलासपुर–भोपाल एक्सप्रेस।
23 नवंबर से 02 दिसंबर तक 18235 भोपाल- बिलासपुर एक्सप्रेस।
23 से 30 नवंबर तक 11265 जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस। 24 नवंबर से 01 दिसंबर तक 11266 अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस।
22 से 30 नवंबर तक 18247 बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस।
23 नवंबर से 01 दिसंबर तक 18248 रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस।
25, 27 व 29 नवंबर को 11751 रीवा-चिरमिरी पैसेंजर स्पेशल। 26, 28 व 30 नवंबर को 11752 चिरमिरी-रीवा पैसेंजर स्पेशल।
25 व 28 नवंबर को 12535 लखनऊ-रायपुर गरीब रथ एक्सप्रेस।
26 व 29 नवंबर को 12536 रायपुर-लखनऊ गरीब रथ एक्सप्रेस।
26 व 29 नवंबर को 22867 दुर्ग-निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस।
27 व 30 नवंबर को 22868 निज़ामुद्दीन-दुर्ग एक्सप्रेस।
24 व 26 नवंबर को 18203 दुर्ग-कानपुर एक्सप्रेस।
25 व 27 नवंबर को 18204 कानपुर-दुर्ग एक्सप्रेस।
24 नवंबर को 18213 दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस।
25 नवंबर को 18214 अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस।
24 से 30 नवंबर तक 08269 चिरमिरी-चंदिया रोड पैसेंजर स्पेशल।
24 से 30 नवंबर तक 08270 चंदिया रोड-चिरमिरी- पैसेंजर स्पेशल।
26, 28 व 30 नवंबर को 05755 चिरमिरी-अनूपपुर पैसेंजर स्पेशल।
26, 28 व 30 नवंबर को 05756 अनूपपुर- चिरमिरी पैसेंजर स्पेशल।
23 से 30 नवंबर तक 06617 कटनी-चिरमिरी मेमू स्पेशल।
24 नवंबर से 01 दिसंबर तक 06618 चिरमिरी-कटनी मेमू स्पेशल।
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पहले दिन 162 उपार्जन केन्द्रों में 2151 किसानों से एक लाख 945 क्विंटल धान की होगी खरीदी

  • धान खरीदी पारदर्शिता और नियमों के दायरे में हो रही
  • खरीदी केन्द्रों में आने वाले किसानों में खासा उत्साह
  • कलेक्टर लंगेह ने किया धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया
  • केन्द्रों में पेयजल, छाया, शौचालय सहित अन्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था
महासमुंद। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में प्रदेश सहित जिले में कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी का कार्य 14 नवम्बर से प्रारम्भ हो गया है। धान खरीदी केन्द्रों में पहुंचे किसानों को मुंह मीठा कराकर और तौल बाट की पूजा अर्चना कर खरीदी की शुरूआत की गई। जिले के कुल उपार्जन केंद्र 182 में से पहले दिन 162 उपार्जन केंद्रां में 2 हजार 151 किसानों से एक लाख 945 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। खरीदी केन्द्रों में आने वाले किसानों में खासा उत्साह देखने को मिला। किसान अपनी मेहनत का वाजिब दाम मिलने से बहुत खुश है। जिले में सहकारी समितियों में बनाए गए खरीदी एवं उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं और सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। धान खरीदी पूरी पारदर्शिता और शासन के नियमों के दायरे में हो रही है।
कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने गुरुवार को प्राथमिक क़ृषि एवं साख समिति गांजर और मुनगासेर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने धान उपार्जन केंद्रों में धान बेचने आए किसानों से चर्चा कर उनसे धान उपार्जन केंद्र में लाये गये धान की मात्रा, धान का उत्पादन, धान का समर्थन मूल्य इत्यादि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मॉइश्चर मीटर से धान की नमी भी जांच की। उन्होंने धान खरीदी केंद्रों में किसानों की सुविधा हेतु स्थल की साफ-सफाई, पेयजल, किसानों के बैठने हेतु छायादार स्थान, त्रुटिरहित धान खरीदी हेतु कांटा-बांट अथवा इलेक्ट्रॉनिक कांटा का सत्यापन आदि का जायजा लिया। साथ ही उपार्जन केंद्रों में कैप कवर, बारदाने की व्यवस्था, कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, इंटरनेट सुविधा सहित अन्य व्यवस्थाएं भी देखी। कलेक्टर ने सभी नोडल अधिकारियों को धान खरीदी केन्द्र में उपस्थित रहकर धान खरीदी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को धान खरीदी कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी की सतत निगरानी रखने तथा कोचियों एवं बिचौलियों से अवैध धान की खरीदी-बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री उमेश साहू, खाद्य अधिकारी श्री अजय यादव, डीमएओ एवं नोडल अधिकारी मौजूद थे।
धान के समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने आए ग्राम मुनगासेर के किसान भारत पटेल ने दीपावली पर एक नया ट्रैक्टर खरीदा है। उन्होंने बताया कि फसल का अच्छा समर्थन मूल्य मिलने से उन्होंने ट्रैक्टर खरीदने का साहस किया। उनका मानना है कि इस ट्रैक्टर से खेती के काम में अधिक सहूलियत होगी, और किश्तें भी आराम से भरी जा सकेंगी। ग्राम फिरगी के निवासी गंगाराम रैदास 100 कट्टा धान बेचने के लिए मुनगासेर मंडी पहुंचे। गंगाराम ने बताया कि खेती के लिए उन्होंने ट्रैक्टर खरीदा था और इसके लिए ऋण भी लिया था, जिसकी किश्तें समय पर भरनी हैं। मंडी में धान की उचित कीमत मिलने पर उन्हें ट्रैक्टर की किश्त भरने में आसानी होगी। सरकार द्वारा बेहतर समर्थन मूल्य मिलने से ट्रैक्टर की लागत भी जल्दी से जल्दी ही निकल जाएगी। ग्राम मुनगासेर के किसान छन्नू लाल साहू बहुत खुश हैं, उन्होंने बताया कि धान की उचित मूल्य मिलने से आमदनी में इजाफा होगा। जिससे मैं अपने टेंट का कारोबार को और बढ़ाऊंगा। इसी तरह किसान नीलकंठ, हरिराम, छन्नू, मुकेश और भरतनाथ सहित सभी किसानों ने भी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
कलेक्टर श्री लंगेह के निर्देश पर सभी नोडल अधिकारी धान खरीदी केन्द्रों में पहुंचकर स्वयं की निगरानी में धान खरीदी का कार्य प्रारम्भ किए हैं। जिला खाद्य अधिकारी श्री अजय यादव ने बताया कि जिले में इस वर्ष शासन द्वारा कुल पंजीकृत किसान 1 लाख 62 हजार 33 है। उन्होंने बताया कि जिले में 130 समिति के माध्यम से 182 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की जाएगी। इस खरीफ विपणन वर्ष 2024-2025 में जिले में 227994 हेक्टेयर रकबा अंतर्गत 12,45,963 मे.टन अनुमानित धान उपार्जन का लक्ष्य प्रदान किया गया है।
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विशेष लेख : प्रदेश सहित कांकेर जिले में धान खरीदी का हुआ आगाज़

  • उपार्जन केंद्रों में लगा किसानों का तांता, कांटा-बांट की पूजा अर्चना कर धान तौला गया
  • 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल मिलने से किसानों के चेहरे पर आई खुशी और संतुष्टि की चमक
उत्तर बस्तर कांकेर। किसानों को उनकी मेहनत की पाई-पाई का हिसाब देने कृत संकल्पित प्रदेश सरकार गुरुवार से 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है। जिन किसानों ने टोकन कटाया, वे उपार्जन केंद्रों में ले जाकर धान को बोरियों में भरते, छल्ली मारते और तौल कराते हुए नजर आए। प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदने सहित 31 सौ रुपए की प्रोत्साहन राशि के मान से धान खरीदे जाने पर किसानों के चेहरे पर खुशी और संतुष्टि के भाव परिलक्षित हो रहे हैं। उपार्जन केंद्रों में धान बेचने आए किसानों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि साय सरकार ने पहली बार उनके खून पसीने की कमाई का मोल चुकाया है। उन्होंने सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस ऐतिहासिक कार्य के लिए भूरि भूरि सराहना की।
पहली बार किसी सरकार ने माटीपुत्रों का किया सच्चा सम्मान
जिले की नगर पंचायत चारामा स्थित कृषि उपज मंडी में आज सुबह 9.00 बजे से ही धान बेचने वाले किसानों का तांता लग गया। वहां पर धान बेचने आए चारामा विकासखण्ड के ग्राम जैसाकर्रा के 58 वर्षीय किसान श्री राजेंद्र साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार 31 सौ रुपए में किसानों से धान खरीद रही है यह माटीपुत्रों का सच्चा सम्मान है। इतने सालों की किसानी में पहली बार धान के एक-एक दाने का मोल चुकाने वाली साय सरकार ने सही मायने में किसानों का दर्द पहचाना है। इसी तरह ग्राम दल्लीडीह से आए युवा किसान श्री जगदीश राम साहू ने खुशी-खुशी बताया कि वे पहले ही दिन आज मंडी में 25 क्विंटल धान बेचने आए हैं और इसके एवज में एकमुश्त पैसा मिलेगा जिसका उपयोग खेत के सुधार कार्य में लगाएंगे। इसी मंडी में ग्राम चारभाटा से आई महिला किसान श्रीमती गोदावरी साहू ने भी कहा कि 31 सौ रुपए मिलने से उनके बहुत से पारिवारिक जरूरतों के काम पूरे हो जाएंगे। समिति प्रबंधक ने बताया कि चारामा मंडी में आज पहले दिन धान बेचने के लिए 31 किसानों को टोकन ऑनलाइन प्राप्त हुआ है।
किसी सपने को साकार करने जैसा है 3100 रूपए में धान बेचना- श्री सोनसाय
भानुप्रतापपुर ब्लॉक के कोरर धान उपार्जन केंद्र में ग्राम रानवाही से आए किसान श्री सोनसाय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि उनके पास 06 एकड़ खेत है और आज 95 कट्टा धान बेचने कोरर मंडी में आए हैं। उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने ऑनलाइन टोकन ले लिया था और पहले दिन के लिए टोकन मिल गया। श्री सोनसाय ने कहा- ‘‘31 सौ रुपए क्विंटल में धान बेचना किसानों के लिए किसी सपने के जैसा है, जिसे साय सरकार ने पूरा किया है।‘‘ इसी मंडी में धान बेचने आए किसान श्री पूरण सिंह नायक, रामचरण कुंजाम, गुड्डी बाई और सुमित्रा साहू ने भी किसानों की दशा और दिशा संवारने के क्षेत्र में प्रदेश सरकार का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कार्य बताया। उक्त समिति में धान बेचने आज प्रथम दिवस 10 किसानों को टोकन मिला था।
इसी तरह कांकेर ब्लॉक के ग्राम मरकाटोला लैंपस में धान बेचने आए 59 वर्षीय किसान श्री कंसलाल रावटे ने बताया कि उनकी 13 एकड़ की खेती है और आज वे अपना धान बेचने आए हैं। उन्होंने साय सरकार द्वारा 31 सौ रुपए में धान खरीदने के लिए आभार जताया। इसी मंडी में ग्राम बाबूदबेना से धान बेचने आईं श्रीमती प्रभा बाई गंवर ने कहा कि समिति में अच्छी व्यवस्था के साथ आज से धान खरीदी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि वह 103 क्विंटल धान बेचने आई है और इस राशि को भविष्य के लिए बचत करने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इसी प्रकार कांकेर के ग्राम बारदेवरी के बुजुर्ग किसान श्री बृजलाल कवाची ने बताया कि 06 एकड़ खेत का 100 कट्टा धान बेचने आए हैं और 3100 रुपए में धान खरीदने के सरकार के इस अभूतपूर्व कदम के लिए प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया।
उल्लेखनीय है कि देश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने ’मोदी की गारंटी’ के तहत किसानों से 31 सौ रुपए के मान से धान खरीदने की घोषणा 2023 में की थी, जिसके तहत आज से प्रदेश भर में उत्सवपूर्ण वातावरण में किसानों से धान खरीदा जा रहा है। कलेक्टर श्री निलेश महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले के सभी 149 धान उपार्जन केन्द्रों में आज से धान की खरीदी प्रारम्भ हो चुकी है। सभी केन्द्रों में नापतौल मशीन, कांटा-बांट, बारदाने तथा औजारों आदि की विधिवत पूजा-अर्चना करके धान खरीदी शुरू की गई। शासन द्वारा किसानों के बैंक खातों में राशि एकमुश्त अंतरित की जाएगी।

 

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स्वस्थ मानसिकता से होगा जनजातीय समाज की भावी-पीढ़ी का समुचित विकास

  • जनजातीय समुदायों के युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां विषय पर परिचर्चा
रायपुर। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस 2024 एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन केवल आदिवासी लोक नृत्य तक ही सम्बन्धित नहीं है, बल्कि साइंस कॉलेज मैदान में आदिवासियों से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों से जुड़े कार्यक्रम भी यहां आयोजित किए गए हैं। गुरुवार को पहले दिन ’जनजातीय समुदायों के युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी-परिचर्चा के प्रमुख वक्ता छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के सीईओ एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी श्री विजय दयाराम के. ने कहा कि जनजातीय समुदाय के भावी पीढ़ियों के युवाओं के मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बस्तर के कलेक्टर के रूप में जनजातीय क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए ’मनोबस्तर’ कार्यक्रम की शुरुआत की। उनके इस अभियान का मूल उद्देश्य था जनजातीय लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए न केवल मनोबस्तर पर काम करना बल्कि छत्तीसगढ़ के सभी जनजातीय समाज के साथ जुड़कर उन सभी युवाओं से संपर्क करना है जो अपनी बातों को किसी दूसरे तक पहुंचा नहीं पाते हैं। श्री विजय दयाराम के, ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार अपने देश के युवाओं के मेंटल हेल्थ को लेकर बेहद चिंतित है और अपनी नई नीतियों से सभी राज्यों के युवाओं के मेंटल हेल्थ पर ध्यान केंदित करने जा रही है।
दूसरे वक्ता के रूप में डॉ. सचिन बर्बड़े ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ जनजातीय क्षेत्रों में सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य में अपने 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर कहा कि आदिवासी समुदाय के युवाओं के मानसिक स्वास्थ को लेकर उनकी टीम ’सुखू दुखू’ नाम से एक ऐसी योजना का संचालन करती है जिसमें आदिवासी युवक-युवती अपने सुख-दुख को अपने हमउम्र के लोगों के साथ बांट सकते हैं।
तीसरे वक्ता के रूप में एमएचआई की सीईओ सुश्री प्रीति श्रीधर मारीवाला ने जनजातीय समुदाय के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर अपने 25 वर्षों के अनुभव के आधार पर कहा कि जनजातीय युवक-युवतियों के मानसिक स्वास्थ को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि उनकी स्थानीय भाषा में उनसे जुड़ा जाए और उनके साथ बातचीत कर उनकी मनःस्थिति को समझा जाए।
चौथी एवं अंतिम वक्ता बस्तर विश्वविद्यालय में बी.एससी. जूलॉजी की छात्रा मनीषा नाग मनोबस्तर कार्यक्रम में स्वयंसेवक हैं। मनीषा अपने समुदाय के जनजातीय युवाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और सहायता का कार्य अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय के युवक-युवतियों के मानसिक स्वास्थ्य को समझने के साथ-साथ उनके विकास को लेकर भी हमें गम्भीर होना होगा और हमें जमीनी स्तर पर जनजातीय समुदाय के लोगों के साथ जुड़ना होगा, तभी हम उनके विकास में सहभागी बन पाएंगे।
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गिद्ध संरक्षण पर आज रायपुर में कार्यशाला का आयोजन

  • कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के गिद्ध विशेषज्ञ होंगे शामिल
  • बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और बर्ड काउंट इंडिया के प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे वन्य जीव प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वन विभाग द्वारा आज 15 नवम्बर 2024 को नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में गिद्ध संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न राज्यों में गिद्ध संरक्षण हेतु कार्य कर रहे विशेषज्ञ राजधानी रायपुर में गिद्धों के संरक्षण पर चर्चा करने के लिए  एकत्रित होंगे। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ और शोधार्थी अपने अनुभव साझा करेंगे और मध्य भारत में विशेषकर छत्तीसगढ़ में गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), बर्ड काउंट इंडिया और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस कार्यशाला में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व, अचानकमार टाइगर रिजर्व, बस्तर और गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व और अन्य वन्यजीव अभ्यारण्यों में गिद्धों की छह प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिसमे लॉन्ग बिल्ड वल्चर, व्हाइट रम्प्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन वल्चर, और सिनेरियस वल्चर शामिल हैं। जंगल सफारी के संचालक श्री धम्म्शील गणवीर ने बताया कि गिद्ध जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, वे पर्यावरण में प्राकृतिक सफाईकर्मी के रूप में कार्य करते हैं और संक्रमण फैलने से रोकने में सहायक होते हैं। गिद्धों की संख्या में कमी के कारण पर्यावरण में जैविक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि संपूर्ण देश में गिद्ध संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और गिद्ध संरक्षण में सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना है।
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जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव-2024

  • एक मंच पर दिखी विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों की अनूठी झलक
  • देशभर से आए नर्तक दलों ने बिखेरी आदिवासी लोक नृत्यों की छटा
रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ। महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए लोक नर्तक दलों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर सिक्किम, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, नागालैण्ड, उत्तरांचल, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दमन दीव, गुजरात और राजस्थान के जनजातीय समूह ने पारंपरिक लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी।
लोक नृत्य महोत्सव में पहली सांस्कृतिक प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के माड़िया जनजाति ने गौर माड़िया नृत्य के माध्यम से दी। गौर माड़िया नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में गौर माड़िया जनजाति द्वारा किया जाता है। इस जनजाति का यह नृत्य बहुत ही हर्षाेल्लास से परिपूर्ण, सजीव एवं सशक्त होता है। सिक्किम के लिम्बू जनजाति समुदाय के लोक नर्तक दल ने प्रकृति पूजा, फसल और प्राणियों के संरक्षण में किए जाने वाला नृत्य चासोक तांगनाम नृत्य प्रस्तुत किया। गुजरात से आए लोकनर्तक दल ने सिद्दी गोमा नृत्य और राठवा नृत्य की प्रस्तुति दी। अरुणाचल प्रदेश से आए नर्तक समूह ने गेह पदम ए ना-न्यी की प्रस्तुति दी। इसके उपरांत मध्यप्रदेश के डिंडौरी से आए गोंड जनजाति समूह ने सैला-रीना नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। सैला-रीना नृत्य एवं गीत बहु जनजातीय नृत्य है। जम्मू कश्मीर के गुज्जर जनजातीय समुदाय के नर्तक दल ने मनमोहक गोजरी नृत्य की प्रस्तुति से खूब तालियां बंटोरी। जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन उत्तराखंड के जनजातीय समुदाय द्वारा दिया बाती नृत्य, तेलंगाना के द्वारा मथुरी नृत्य, उत्तर प्रदेश के द्वारा कर्मा नृत्य, कर्नाटक के द्वारा सुगाली नृत्य , आंध्र प्रदेश के द्वारा ढीमसा नृत्य, दमन दीव द्वारा तारपा नृत्य तथा राजस्थान के जनजातीय कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के जनजातीय कलाकारों द्वारा अलग-अलग तीज त्यौहारों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई।
साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन कलाकारों के साथ ही उपस्थित दर्शकों में भी जबरदस्त उत्साह का माहौल था।दर्शकों ने विभिन्न प्रदेशों से आए जनजातीय कलाकारों के नृत्य पर तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
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मुख्यमंत्री साय की पहल पर केंद्र सरकार से 230 करोड़ की मिली मंजूरी

  • सभी नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अधोसंरचना को किया जाएगा मजबूत
  • उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल से मिलकर राशि स्वीकृत करने का किया था अनुरोध
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 230 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत स्वीकृत इस राशि से सभी नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अधोसंरचना और तकनीकी व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाएगा। इससे राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन और ज्यादा पुख्ता तथा टिकाऊ होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के इस सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस राशि से शहरों में स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों को नया आयाम मिलेगा। यह राज्य के प्रत्येक नगरीय निकाय को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत इस राशि से प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अपशिष्ट प्रबंधन के इन्फ्रॉस्ट्रक्चर को बेहतर और स्थाई बनाया जाएगा। इससे राज्य में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक तकनीकी, भौतिक और मानव संसाधन जुटाए जाएंगे, जिससे न केवल स्वच्छता की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को भी बेहतर पर्यावरणीय सुविधाएं मिलेंगी।
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने विगत दिनों अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल से मुलाकात कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों के लिए राशि मंजूर करने का आग्रह किया था। उन्होंने राज्य के शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को और अधिक सुगम तथा प्रभावी बनाने केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया था। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग के प्रस्तावों के आधार पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 230 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने में सहायता मिलेगी।  उन्होंने स्वच्छता को हर नागरिक के दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए कहा कि संपूर्ण स्वच्छता के लिए सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राही सर्वेक्षण का शुभारंभ आज

  • राज्य के शहरी आवासहीनों को मिलेगा स्वयं का पक्का आवास
  • 189 नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के साथ ही ऑनलाइन आवेदन की भी सुविधा
रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव राज्य के शहरी आवासहीनों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राही सर्वेक्षण का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे। वे आज 15 नवम्बर को दोपहर ढाई बजे मुंगेली के स्वामी आत्मानंद स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में इसकी शुरूआत करेंगे। श्री साव कार्यक्रम में मौजूद हितग्राहियों का सर्वेक्षण प्रपत्र सांकेतिक रूप से भरकर छत्तीसगढ़ में इसकी विधिवत शुरूआत करेंगे।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के प्रथम चरण में आवासहीन हितग्राहियों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ऐसे हितग्राही जिन्हें प्रथम चरण में आवास की सुविधा नहीं मिल पाई है, और जो अभी तक आवास की सुविधा से वंचित है, उन्हें द्वितीय चरण [प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0] में सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हांकित करते हुए आवास के लिए आवेदन की प्रक्रिया और आवास उपलब्ध कराए जाने की कार्यवाही की जाएगी। राज्य के शहरों में आबादी बढ़ने के साथ ही आवास की मांग भी लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के माध्यम से ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी परिवारों को उनके पहले पक्के आवास के सपने को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे कि वे सम्मानजक जीवन व्यतीत करने के साथ ही खुद के आवास के सपने को भी साकार कर सकें।
पिछले 11 महीनों में पूर्ण किए गए 49,834 आवास-
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में ’’हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे’’ के ध्येय वाक्य पर त्वरित अमल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पिछले 11 महीनों में 49 हजार 834 आवासों का निर्माण पूर्ण किया है। राज्य में योजना के साथ भागीदारी में किफायती आवास परियोजना (एएचपी) के तहत 38 हजार 097 आवास एवं हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) के तहत दो लाख 11 हजार 069 यानि कुल दो लाख 49 हजार 166 आवास स्वीकृत हैं। वर्तमान सरकार के गठन के बाद बीते 11 महीनों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए एएचपी घटक के अंतर्गत 5415 आवास पूर्ण करते हुए कुल 21 हजार 600 आवास पूर्ण किए गए हैं। वहीं बीएलसी घटक के तहत 44 हजार 419 आवास पूर्ण करते हुए कुल एक लाख 74 हजार 967 आवास पूर्ण किए गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में तीन आय वर्गों को किया गया है शामिल-
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए योजना को चार श्रेणियों लाभार्थी आधारित निर्माण, भागीदारी में किफायती आवास, किफायती किराया आवास तथा ब्याज सब्सिडी योजना में विभाजित किया गया है। भारत सरकार ने योजना का दायरा बढ़ाते हुए तीन आय वर्गों के हितग्राहियों को इसमें शामिल किया है। तीन लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडल्ब्यूएस), छह लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले निम्न आय वर्ग (एलआईजी) एवं नौ लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) को भी योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
योजना के तहत पात्रता-
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का लाभ लेने के लिए एक लाभार्थी परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित बेटे और अविवाहित बेटियों को शामिल किया गया है। लाभार्थी परिवार का देश में कहीं भी कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड/वर्चुअल आधार अनिवार्य है। आवेदक/हितग्राही परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अथवा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में से किसी एक योजना का ही लाभ ले सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राही परिवार को 31 अगस्त 2024 के पूर्व स्थानीय निकाय क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य है।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा हितग्राहियों की सुविधा के लिए आवास हेतु आवेदन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। आवास के आवेदन सरलतापूर्वक ऑनलाईन माध्यम से भारत सरकार के अधिकृत पोर्टल पर स्वयं हितग्राही द्वारा दर्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 189 अधिसूचित नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के माध्यम से भी आवेदन की प्रक्रिया संपादित की जा सकती है।

 

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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ का स्टॉल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र

  • 14 से 27 नवंबर तक होगा आयोजन
रायपुर। नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ का स्टॉल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां ढोकरा कला, कोसा सिल्क, बस्तर के बांस शिल्प और अन्य पारंपरिक शिल्पों की झलक देखने को मिलती है। इसके साथ ही, राज्य ने अपने औद्योगिक उत्पादों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और हर्बल उत्पादों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है। इस वर्ष की थीम “विकसित भारत @ 2047” को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ ने अपने स्टॉल को तैयार किया है। राज्य ने हाल के वर्षों में अपने आदिवासी क्षेत्रों के विकास, रोजगार सृजन, और औद्योगिक निवेश में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने एक मजबूत औद्योगिक और सामाजिक आधार तैयार किया है, जिसने देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित किया है।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से प्रारंभ हो गया है। इस वर्ष मेले की थीम “विकसित भारत @ 2047” है, जिसमें देश के सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेश अपनी प्रगति और उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ भवन की आवासीय आयुक्त श्रीमती श्रुति सिंह ने छत्तीसगढ़ के पवेलियन का उद्घाटन किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने करमा नृत्य की प्रस्तुति दी।  ‘विकसित छत्तीसगढ़@2047' की अवधारणा पर छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग, स्वयं सहायता समूह, हैंडलूम, हस्तशिल्प, हर्बल, कृषि विभाग आदि के स्टॉल लगाए गए हैं। 20 नवंबर को राज्य सांस्कृतिक दिवस मनाया जाएगा जहां लोक कलाकार प्रदेश की समृद्ध लोक कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।
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CM विष्णुदेव साय ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें किया नमन

  • मुख्यमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस की दी बधाई
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई दी है। उन्होंने देश के अमर नायकों और बलिदानियों को नमन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल से भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर हर साल 15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जननायक थे। उन्होंने आदिवासी समुदाय को जल, जंगल, जमीन के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने हक की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा मुंडा जी ने तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य की नीतियों का विरोध किया और आदिवासियों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए जीवन भर काम किया। उनके क्रांतिकारी विचार और देश प्रेम की भावना आज भी हम सभी को प्रेरित करती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज के उत्थान के लिए  अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। भगवान बिरसा मुंडा जी से प्रेरणा लेकर हमारा प्रदेश आगे बढ़े और विकास के पथ पर सतत अग्रसर रहे, इस के प्रयास हम सभी को मिलजुलकर करने हैं।
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CM विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को गुरुनानक देव जयंती 'प्रकाश पर्व' की दी बधाई

  • मुख्यमंत्री ने कार्तिक पूर्णिमा की दी बधाई और शुभकामनाएं

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गुरुनानक देव की जयंती पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को विशेषकर सिख समुदाय के लोगों को गुरू नानक जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि  गुरू नानकदेव की जयंती को गुरूपरब और प्रकाश पर्व के रूप में उल्लास के साथ मनाया जाता है।  गुरूनानक देव जी ने विश्व को प्रेम, एकता, समानता और भाईचारे का संदेश दिया है। गुरु नानक देव जी के उपदेश हम सभी को प्रेम और सद्भाव के साथ सेवाभाव से जीवन जीने के लिए  प्रेरित करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्तिक पूर्णिमा की दी बधाई और शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्तिक पूर्णिमा पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दानपुण्य करने और भगवान शिव की आराधना करने की परंपरा है। इस दिन भगवान विष्णु की भी आराधना की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा पर छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों में पवित्र नदियों और देवालयों के समीप मेला लगता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों के सुख,समृद्धि और खुशहाली की कामना की है।

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मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य के नई औद्योगिकी नीति 2024-30 को किया लांच

  • राज्य की नई औद्योगिक नीति को हमने रोजगार परक बनाया है : CM विष्णुदेव साय 
  • इस नीति में निर्धारित है विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का लक्ष्य    
  • रोजगार प्रशिक्षण के लिए प्रति माह प्रतिव्यक्ति 15 हजार रूपए का मिलेगा अनुदान राज्य के युवाओं को उद्योगों में रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन 
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार शाम नवा रायपुर के मेफेयर रिसार्ट में छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को लांच किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने इस नई नीति को रोजगार परक और विजन-2047 के अनुरूप विकसित भारत के निर्माण की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। 
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यदि कोई उद्योग एक हजार से अधिक युवाओं को रोजगार देता है तो हम उसे बी-स्पोक पॉलिसी के तहत और अधिक रियायतें देंगे। युवाओं को रोजगार मूलक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने पर हमने इस नीति में प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपये प्रतिमाह तक का अनुदान देने का प्रावधान भी किया है। हमने पहली बार इस नीति के माध्यम से राज्य में पर्यटन एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं में निवेश को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। हमारा राज्य देश के मध्य में स्थित है, आने वाले वर्षों में हम अपनी भौगोलिक स्थिति, आवागमन के आधुनिक साधनों और आप सबकी भागीदारी से प्रदेश को देश का ‘‘हेल्थ हब’’ बनाने में सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जगदलपुर के नजदीक हम लगभग 118 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण प्रारंभ करने जा रहे हैं। पूर्व के ‘‘न्यूनतम 20 एकड़ भूमि’’ के स्थान पर अब हमने ‘‘15 एकड़ भूमि’’ पर निजी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क की स्थापना की अनुमति देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ संभवतः देश में पहला राज्य है, जिसने युवा अग्निवीरों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों को स्वयं के रोजगार धन्धे स्थापित करने पर विशेष अनुदान एवं छूट का प्रावधान किया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्वयं का रोजगार उपलब्ध कराने हेतु भी कटिबद्ध हैं। इसके लिए हम इन वर्गों के उद्यमियों को मात्र 1 रूपये प्रति एकड़ की दर पर औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि दे रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि उद्योग स्थापना एवं संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो एवं यथासंभव सेल्फ सर्टिफिकेशन अथवा ऑनलाइन माध्यम से हो ताकि आपके उद्योग हेतु आपको सरकार के पास आने की आवश्यकता ना हो
उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमने ऐसी उद्योग नीति तैयार की है जो प्रदेश के उद्योग जगत के सभी जरूरतों को पूरा करेगा। हमारा प्रयास था कि ऐसी नीति बने जिससे  प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगे और निवेश को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि नई नीति से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा और वे प्रदेश को आगे ले जाने में अपनी भूमिका निभाएंगे। मंत्री श्री देवांगन ने उद्योग नीति के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु और उसके क्रियान्वयन के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की। 
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा और मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन श्री अमर परवानी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और उद्योगपति मौजूद रहे। नई औद्योगिक नीति के लांचिंग अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार ने नवीन औद्योगिक विकास नीति का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के विशेष प्रावधान-
छत्तीसगढ़ की औद्यौगिक विकास नीति 2024-30 को राज्य में 01 नवबंर 2024 से लागू किया गया है। यह नीति उद्योगों को निवेश करने, नये रोजगार सृजन करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिये एक मजबूत आधार प्रदान करेगी। 
इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सूजन करते हुये अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए औपचारिक क्षेत्र के रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति मैं स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण कर प्रोत्साहन का प्रावधान करते हुये 1000 से अधिक रोजगार प्रदाय करने वाली इकाईयों को प्रोत्साहन के अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान में सहभागिता के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिकों (जिनमें पैरा मिलेट्री फोर्स भी सम्मिलित है), नक्सल प्रभावित, आत्म-समर्पित नक्सलियों एवं तृतीय लिंग के उद्यमों का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को भारत सरकार द्वारा परिभाषित एम.एस.एम.ई. के अनुरुप किया गया है। इसी के अनुसार ही इन उद्यमों को प्राप्त होने वाले प्रोत्साहनों को अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धी बनाया गया है।
राज्य सरकार द्वारा देश में सेवा गतिविधियों के बढ़ते हुये। रुझान को दृष्टिगत रखते हुये इस नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। सेवा क्षेत्र अंतर्गत इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेव्हलपमेंट, स्वास्थ्य सेक्टर, पर्यटन एवं मनोरंजन सेक्टर आदि से संबंधित गतिविधियों को सम्मिलित किया गया है।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशिष्ट श्रेणी के उद्योगों जैसे फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोंपज प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जी.पी.यू), आई.टी., आई.टी.ई.एस./डेटा सेंटर जैसे नवीन सेक्टरों के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान है। इसके साथ ही थ्रस्ट सेक्टर के ऐसे उद्योग जहां राज्य का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है और जहां भविष्य के रोजगार आ रहे हैं, उन क्षेत्रों के लिये अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान है।
नीति में प्रोत्साहनों की दृष्टि से राज्य के विकासखण्डों को 03 समूहों में रखा गया है। समूह-1 में 10. समूह 2 में 61 एवं समूह 3 में 75 विकासखण्डों को वर्गीकृत किया गया है।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विनिर्माण के लिए स्थाई पूंजी निवेश का 100 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र के लिए स्थाई पूंजी निवेश का 150 प्रतिशत तक का समग्र प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। नीति के माध्यम से एक ओर जहां राज्य के युवाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मनिर्भर बनाने के लिये उद्यम कांति योजना का प्रावधान किया गया है, वहीं दूसरी ओर देश में बन रहे बड़े इण्डस्ट्रीयल कॉरीडोर के अनुरुप ही राज्य में भी NICDC के माध्यम से इण्डस्ट्रीयल कॉरीडोर औद्योगिक नगरी कोरबा-बिलासपुर-रायपुर की परिकल्पना की गई है। जो कि राज्य के औद्योगिक विकास में एक महत्तवपूर्ण कदम है।
इस नीति में प्रथम बार उद्यमों में राज्य के निवासियों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिये स्थानीय रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर 1000 अथवा इससे अधिक रोजगार सृजन के आधार पर विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान साथ ही उद्योगों में नियोजित राज्य के निवासी के प्रशिक्षण पर प्रति व्यक्ति रूपये 15,000 रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति एवं कर्मचारियों पर होने वाले ई.पी.एफ. व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। 
पहली बार ग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने के लिये पर्यावरण संरक्षण उपायों को अपनाने के लिये औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन इनवायरमेंट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट अनुदान (पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान), जल एवं उर्जा दक्षता (एनर्जी ऑडिट) व्यय प्रतिपूर्ति, गैर काष्ठ वनोपज प्रसंस्करण एवं ग्रीन हाइड्रोजन/कम्प्रेस्ड बॉयोगैस सेक्टर के वृहद उद्यम हेतु औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
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वन मंत्री केदार कश्यप ने नवीन शासकीय आवास में किया गृह प्रवेश

रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन, जलसंसाधन, कौशल विकास, सहकारिता और संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप ने नया रायपुर स्थित नवनिर्मित शासकीय आवास में अपने परिजनों के साथ विधिवत पूजा-अर्चना कर गृह प्रवेश किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मंत्री श्री कश्यप को उनके नए आवास में प्रवेश के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
गृह प्रवेश समारोह में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा, महिला बाल विकास श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, सांसद श्री संतोष पाण्डेय, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, विधायक सर्वश्री राजेश मूणत, रोहित साहू, संपत अग्रवाल, रोहित साहू,रिकेश सेन, इंद्र कुमार साहू, धर्मजीत सिंह, पुरंदर मिश्रा, योगेश्वर राजू सिन्हा और आशाराम नेताम, सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण ने भी वन मंत्री श्री केदार कश्यप को अपनी शुभकामनाएं और बधाई दी।
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केंद्र एवं राज्य सरकार जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित : CM विष्णुदेव साय

  • जनजाति गौरव दिवस एवं कंवर समाज सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जनजाति समाज के समग्र विकास के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। श्री साय गुरुवार को बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम भाठागांव (बी) में आयोजित जनजाति गौरव दिवस एवं कंवर समाज के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के शौर्य और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी अस्मिता, संस्कृति एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लड़ाई लड़ी और 25 वर्ष की अल्पायु ने ही शहीद हो गए थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम भाठागांव बी में कंवर समाज द्वारा संचालित हायर सेकंडरी स्कूल का शासकीयकरण करने तथा शाला भवन के जीर्णाेद्धार हेतु 25 लाख रुपए, गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम रेंगाकठेरा में आदिवासी पैंकरा कंवर समाज के सामाजिक भवन निर्माण हेतु 50 लाख रुपए एवं गुण्डरदेही के वार्ड नंबर 10 में राम मंदिर के राम सत्ता स्थल के निर्माण हेतु 10 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कंवर समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री हरबंश मिरी ने की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भगवान बिरसा मुंडा एवं संत गहिरा गुरु को नमन करते हुए कहा कि स्वाधीनता संग्राम के साथ साथ राष्ट्र व समाज के नवनिर्माण में जनजाति समाज की विभूतियों का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पूरे देश एवं दुनिया के साथ साथ भावी पीढ़ी को जनजाति समाज एवं जनजाति नायकों के गौरव गाथा का बोध कराने के लिए भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई है। इससे जनजातीय समाज का गौरव बढ़ा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम भाठागांव (बी) के शहीद ठामन सिंह ठाकुर एवं जमींदार स्व दाऊ गिरधारी सिंह का गांव में शिक्षा के प्रसार के लिए उनके योगदान की सराहना की और कार्यक्रम में पहुंचने से पूर्व उनकी समाधि पर गए और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर श्री साय ने कार्यक्रम स्थल में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए स्टालों का अवलोकन कर सराहना की। कार्यक्रम में सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में कंवर समाज के लोग उपस्थित थे।
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दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय लोक नृत्य महोत्सव का भव्य शुभारंभ

  • धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान से बदलेगी छत्तीसगढ़ के आदिवासी गांवों की तस्वीर : CM विष्णुदेव साय
  • राज्य के साढ़े छह हजार गांवों का होगा समग्र विकास
  • रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शुरू हुआ राज्य स्तरीय रंगा-रंग आयोजन
  • देश के 21 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल देंगे मनोहारी प्रस्तुति
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जन्म जयंती के अवसर पर गुरुवार को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का देवगुड़ी में पूजा-अर्चना और दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ किया। इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत दो दिनों तक विभिन्न विषयों पर संगोष्ठी, जनजातीय चित्रकला प्रदर्शनी के साथ-साथ देश के 21 राज्यों के 28 आदिवासी नर्तक दलों द्वारा मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने लोगों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा सहित शहीद वीर नारायण सिंह, शहीद गेंद सिंह, गुण्डाधुर को नमन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करके जनजातीय समुदाय का गौरव बढ़ाया है। इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का आभार जताया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव दिवस की भव्य शुरूआत 13 नवम्बर से जशपुर से हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय समुदाय की जितनी चिंता की है, उतनी किसी ने नहीं की है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश की 10 करोड़ जनजातीय आबादी के कल्याण के लिए पृथक मंत्रालय बनाया।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय के गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बिहार के जमुई से कल 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आदिवासी गांवों के समग्र विकास के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए 80 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान है। इससे छत्तीसगढ़ राज्य के 6,691 आदिवासी गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास और जनजातीय समुदाय के कल्याण के काम होंगे। कार्यक्रम के आरंभ में सभी 21 राज्यों के आदिवासी नर्तक दलों के आकर्षक मार्चपास्ट के दौरान लोगों ने करतल ध्वनि कर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने स्वागत उद्बोधन दिया और कहा कि यह आयोजन कला, संस्कृति, परंपरा और देश की रक्षा के लिए प्राणों का न्यौछावर करने वाले महापुरूषों को नमन करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गाें के बेहतरी के काम तेजी से कराए जा रहे हैं।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा, राज्यसभा सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, विधायक सर्व श्री पुरंदर मिश्रा, गुरू खुशवंत सिंह साहब, श्री मोती लाल साहू, श्री इंद्र कुमार साहू, श्री अनुज शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग श्री सोनमणि बोरा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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