हिंदुस्तान

सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला और पुरुष ने खुद को किया आग के हवाले

सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक महिला और एक पुरुष ने खुद की जान देने की कोशिश की है. मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के गेट के बाहर ही खुद को आग लगा ली. दोनों ने गेट नंबर डी से अंदर घुसने की कोशिश की थी. लेकिन पर्याप्त आईडी के बगैर अंदर जाने पर उनको सुरक्षा कर्मियों ने रोक लिया. इसके बाद ही दोनों ने आग लगा ली. उनको फटाफट पुलिस वैन से हॉस्पिटल लेकर जाया गया |

 
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VIDEO : औरेया DM ने उल्टा फहराया तिरंगा, अब कही ये बात

उत्तर प्रदेश के औरैया में 75वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया, लेकिन जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बिना देखे ही उल्टा झंडा फहरा दिया. कलक्ट्रेट भवन ककोर में हुए ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रीय गान गाया गया और उल्टे झंडे को सलामी दी गई. हैरानी की बात तो ये है कि इस दौरान न तो जिलाधिकारी ने इस ओर ध्यान दिया और ना ही मौके पर मौजूद सैकड़ों लोगों की भीड़ ने. इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिस पर लोगों द्वारा कमेंट्स की बारिश की जा रही है. 

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी इस मामले में सफाई देते नजर आ रहे हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि वायरल वीडियो ध्वजारोहण से पहले की गई टेस्टिंग का है. प्रोटोकॉल के तहत सही तरीके से ध्वजारोहण किया गया. वहीं जो वीडियो वायरल हुआ है, उसे लेकर सूचना अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि यह वीडियो भ्रामक है, जो सोशल मीडिया ग्रुप की उपज है. यह वीडियो सुबह आठ बजे से पहले का है, जब ध्वजारोहण से पहले टेस्टिंग की जाती है. उस दौरान देखा गया था कि तिरंगा सही नहीं था, इसके बाद तिरंगे को सीधा कराया गया.

जिलाधिकारी द्वारा जहां उल्टा तिरंगा फहराए जाने को लेकर सफाई दी जा रही है, वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में लोगों द्वारा इस लापरवाही पर खूब कमेंट किए जा रहे हैं. एक यूजर ने तो ट्विटर पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर ये ​तक लिखा है कि "कैसे सिस्टम संभालते होंगे जब राष्ट्रीय ध्वज नहीं संभाल पा रहे" पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा अपने ट्विटर से इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि "DM औरैया सुनील कुमार वर्मा द्वारा राष्ट्रीय ध्वजारोहण में भारी लापरवाही व घोर अपमान." इस वीडियो पर कमेंट्स की भरमार है. हालांकि कुछ लोग इसे मानवीय भूल बताकर डीएम औरैया के पक्ष में भी खड़े नजर आ रहे हैं. एक अन्य यूजर ने लिखा है कि "ये किसी पार्टी का झंडा नहीं है और दिन भी बेहद खास है." एक यूजर ने लिखा है कि ये झंड़ा बांधने वाली की गलती है, तो इसके जवाब में अन्य यूजर ने ​लिखा है कि "ये सही है, तारीफ लेने के लिए अधिकारी और गलती हो तो कर्मचारी."
 

 

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कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी

कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है, जिसपर कांग्रेस पार्टी के अंदर ही सवाल उठ रहे हैं. कार्ति चिदंबरम इसपर विचार करने की बात कर रहे हैं. वहीं कपिल सिब्बल ने युवा नेताओं के इस तरह कांग्रेस छोड़कर जाने पर सवाल उठाए हैं.कार्ति चिदंबरम ने सुष्मिता देव के इस्तीफे पर लिखा, 'हमें इस बात पर गहन विचार करने की जरूरत है कि सुष्मिता देव जैसे लोग पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं. इसपर विचार करने से हटना नहीं चाहिए.

वहीं कपिल सिब्बल ने लिखा, 'सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकत सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. जब युवा नेता छोड़कर जाते हैं तो हम 'बूढ़ों' को इसे मजबूत करने के हमारे प्रयासों के लिए दोषी ठहराया जाता है. पार्टी आगे बढ़ती रहती है. आंख अच्छी तरह बंद करके.' TMC सूत्रों के मुताबिक, सुष्मिता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं और जल्द ही कोलकाता पहुंच कर ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी से मिल सकती हैं. बता दें कि सुष्मिता देव असम बंगाल के बड़े नेता संतोष मोहन देव की बेटी हैं. सुष्मिता देव असम की सिल्चर सीट से सांसद भी चुनी गई थीं. सुष्मिता देव फिलहाल ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष थीं.

TMC या सुष्मिता की तरफ से अभी कुछ साफ नहीं किया गया है, इस बीच उनके बीजेपी में जाने की भी अटकलें थीं. इसपर असम बीजेपी के महासचिव डॉक्टर राजदीप राय ने कहा है कि ऐसा नहीं है. वह बोले, 'सुष्मिता देव बीजेपी जॉइन नहीं कर रही हैं. वह हमारे किसी सीनियर नेता के संपर्क में नहीं हैं.' वहीं कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने सुष्मिता देव से अपने फैसले पर फिर विचार करने की गुजारिश की है. उन्होंने कहा, 'सुष्मिता देव एक समर्पित कांग्रेस नेता थीं. नहीं सोचा था कि वह ऐसा फैसला लेंगी. हम लोग परिवार की तरह थे. अगर उन्हें कोई दिक्कत थी तो बात करनी चाहिए थी. मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि अपने फैसले पर विचार करें.'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से की मुलाकात

दिल्ली: - भारत के नए गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा समेत ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों की जय-जयकार कर रहा है। भारत के नवीनतम खेल आइकन बने इन खिलाड़ियों की देशभर में प्रशंसा हो रही है तो मान सम्मान में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज दिल्ली में अपने आवास पर टोक्यो 2020 ओलंपिक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में भारत ने सात पदक जीते। इसमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य शामिल है। यह ओलंपिक से उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सोमवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी। साथ ही ओलंपिक खिलाड़ियों की तस्वीर साझा की हैं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ट्वीट में लिखा, 'हमारे टोक्यो 2020 ओलंपियन को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज उनके आवास पर सम्मानित किया जाएगा। यहां देखिए इवेंट के लिए रवाना होने वाले एथलीटों की झलकियां।'

रविवार को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में आईओए ने भी टोक्यो के सितारों को सम्मानित किया। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू, रवि दहिया, पीवी सिंधु, लवलीना बोरगोहेन, बजरंग पुनिया और भारतीय पुरुष हॉकी टीम को अशोका होटल में सम्मानित किया। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत का लक्ष्य एक खेल महाशक्ति बनना है। हमें सभी हितधारकों को एक साथ आने की जरूरत है। ठाकुर ने कहा कि खेल एक राज्य का विषय है। पीएम मोदी के तहत, हमने टॉप्स योजना शुरू की है। मुझे खुशी है कि आप में से अधिकांश ने महामारी के दौरान भी इसका लाभ उठाया।

इससे पहले दिन में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में खिलाड़ियों की सराहना करते हुए उन्हें सलाम किया। पीएम मोदी ने देश से अपील की कि 'वे इन एथलीटों की उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना करें।' इस दौरान ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, रजत पदक विजेता मीराबाई चानू, पुरुष और महिला हॉकी टीमें, उनका सहायक स्टाफ और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारी सहित 240 ओलंपियंस प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने के लिए लाल किले पर मौजूद रहे।

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अगस्त यानी मंगलवार को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय पैरा-एथलीट दल के साथ बातचीत करेंगे। कुल 9 खेल स्पर्धाओं के 54 पैरा-एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए टोक्यो जायेंगे। यह पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाला अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल है। इस बातचीत के दौरान केन्द्रीय खेल मंत्री भी मौजूद रहेंगे।
 
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बस कंडक्टर की बेटी ऐसे बनी IPS

हिमाचल प्रदेश के ऊना के छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली शालिनी अग्निहोत्री ने बचपन में ही अपनी मां का अपमान देखकर अफसर बनने का फैसला कर लिया था. पुलिस अफसर बनने के बाद शालिनी ने एक ऐसी पहचान बनाई है कि अपराधी उनके नाम से थर्र-थर्र कांपते हैं. बचपन में एक बार शालिनी अग्निहोत्री अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थी. इस दौरान एक व्यक्ति ने उनकी मां की सीट के पीछे हाथ लगाया हुआ था, जिससे वे ठीक बैठ नहीं पा रही थी. उन्होंने कई बार उस व्यक्ति को हाथ हटाने के लिए कहा, लेकिन उसने एक नहीं सुनी. कई बार कहने के बाद व्यक्ति गुस्सा हो गया और कहा- तुम कहां की डीसी लग रही हो जो तुम्हारी बात मानी जाए. बस यहीं से शालिनी ने तय किया कि वे भी बड़ी होकर अफसर बनेंगी. 

शालिनी अग्निहोत्री ने बताया, 'मुझे 10वीं की परीक्षा में 92 प्रतिशत से ज्यादा नंबर मिले थे, लेकिन 12वीं में सिर्फ 77 प्रतिशत नंबर ही आए. इसके बावजूद मेरे पैरेंट्स ने मुझपर भरोसा जताया और मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया.'  बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शालिनी अग्निहोत्री  ने धर्मशाला के डीएवी स्कूल से 12वीं करने के बाद पालमपुर स्थित हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कृषि में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. शालिनी ने ग्रेजुएशन के साथ ही यूपीएससी की भी तैयारी शुरू कर दी थी. 

शालिनी अग्निहोत्री कॉलेज के बाद यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करती थीं और उन्होंने इसकी जानकारी अपने घरवालों को भी नहीं दी थी. शालिनी को लगता था कि इतनी कठिन परीक्षा है कि अगर पास नहीं हुई तो कहीं घरवाले निराश न हो जाएं. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए उन्होंने ना तो कोचिंग ली और ना ही किसी बड़े शहर का रुख किया शालिनी अग्निहोत्री  ने मई 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी और 2012 में इंटरव्यू का परिणाम भी आ गया. शालिनी ने ऑल इंडिया में 285वीं रैंक हासिल की और उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) चुनी.शालिनी अग्निहोत्री  के पिता रमेश अग्निहोत्री बस कंडक्टर थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर हैं और भाई एनडीए पास करके आर्मी में हैं.|

 
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई लताड़, कही ये बात

देश में ट्रिब्यूनल के सदस्यओं और अध्यक्षों की नियुक्ति में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर गहरी नाराजगी जाहिर की है. सोमवार को एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुझे एक भी ट्रिब्यूनल दिखाइए, जहां नियुक्तियां हुई हो. अदालत ने कहा कि 2017 में ही इस बाबत आदेश आया था तब से ही ये अदालत नियुक्तियों के लिए कई बार आदेश पारित कर चुकी है.  

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर संसद में कुछ ट्रिब्यूनल को समाप्त करने का विधेयक लाने के पीछे उसकी मंशा क्या थी? जबकि सुप्रीम कोर्ट ने वैसे ही एक अध्यादेश को खारिज कर दिया था.चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वो कोर्ट को वो कारण बताएं जो संबंधित मंत्री ने ऐसे विधेयक को सदन के पटल पर रखते हुए बताए थे. सॉलिसिटर जनरल के आग्रह पर कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को हफ्ते की मोहलत दे दी है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि प्रशासनिक पंचाट सहित कुछ ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों पर नियुक्तियां हो रही हैं, इसलिए वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए दो हफ्ते की मोहलत चाहिए.

न्यायधिकरणों में लंबित पड़ी नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप ट्रिब्यूनल्स में खाली पदों पर नियुक्तियां कर रहे हैं या नहीं? सीजेआई की पीठ ने कहा कि पिछली सुनवाई में भी हमने कहा था कि सरकार के बनाए आधे से ज्यादा ट्रिब्यूनल सदस्यों और कार्यकारी अधिकारी के खाली पड़े पदों की वजह से निष्क्रिय पड़े हैं.
कोर्ट ने सरकार से कहा कि हम बारह और दिनों की मोहलत आपको दे रहे हैं. कोर्ट के सभी सवालों के समुचित जवाब के साथ आप 31 अगस्त को अगली सुनवाई पर हाजिर रहें |

 

 

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया ध्वजारोहण

मध्यप्रदेश :- 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इंदौर में गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा, जबलपुर में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव और ग्वालियर में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ध्वजारोहण करके मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करेंगे। रीवा में ध्वजारोहण विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम करेंगे। 

Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan hoists the national flag at CM residence in Bhopal, on #IndependenceDay pic.twitter.com/J4MEKmdiXg

— ANI (@ANI) August 15, 2021

 

 

सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वतंत्रता दिवस पर जिला मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में ध्वजारोहण के लिए मंत्रियों और बीस जिलों में कलेक्टरों को अधिकृत किया है। मंत्रियों में विजय शाह सतना, जगदीश देवड़ा उज्जैन, बिसाहूलाल सिंह मंडला, यशोधरा राजे सिंधिया देवास, भूपेंद्र सिंह सागर, मीना सिंह मांडवे सीधी, कमल पटेल छिंदवाड़ा, गोविंद सिंह राजपूत दमोह, बृजेंद्र प्रताप सिंह होशंगाबाद, विश्वास सारंग विदिश, डॉ.प्रभुराम चौधरी सीहोर, डॉ.महेंद्र सिंह सिसोदिया शिवपुरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर गुना, प्रेम सिंह पटेल बुरहानपुर, ओम प्रकाश सकलेचा सिवनी, उषा ठाकुर खंडवा, अरविंद भदौरिया रायसेन, डॉ.मोहन यादव राजगढ़, हरदीप सिंह डंग बालाघाट, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव आलीराजपुर, भारत सिंह कुशवाह मुरैना, इंदर सिंह परमार झाबुआ, राम खेलावन पटेल शहडोल, राम किशोर कांवरे उमरिया, बृजेंद्र सिंह यादव शाजापुर, सुरेश धाकड़ दतिया और ओपीएस भदौरिया रतलाम में ध्वजारोहण करके मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करेंगे। अन्य जिलों में कलेक्टर ध्वजारोहण करेंगे।

 

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पाकिस्तान के आजादी वाले दिन पर पीएम नरेंद्र मोदी का बड़ा ऐलान

नई दिल्ली:-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त का दिन 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है. ये बात पीएम मोदी ने ट्वीट कर कही है. पीएम मोदी ने इसकी वजह भी बतायी है. उनका कहना है कि इस दिन नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा था. उनकी बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाने का फैसला किया गया है.पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, "देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है. #PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी."  

आपको याद दिला दें, देश के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई है. यही वह दिन था जब देश का विभाजन हुआ और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान व 15 अगस्त 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया था. इस विभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किए गए बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया और बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया, जो 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना. कहने को तो यह एक देश का बंटवारा था, लेकिन दरअसल यह दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. भारत मां के सीने पर बंटवारे का यह जख्म सदियों तक रिसता रहेगा और आने वाली नस्लें तारीख के इस सबसे दर्दनाक और रक्तरंजित दिन की टीस महसूस करती रहेंगी.
 
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राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट ट्विटर ने किया रिस्टोर

ट्विटर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का अकाउंट रिस्टोर कर दिया है. दिल्ली की नौ साल की रेप पीड़िता के परिजनों की तस्वीर पोस्ट करने के बाद ट्विटर ने राहुल गांधी का अकाउंट अस्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिया था. फिर इसे लॉक कर दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक यह तस्वीर साझा करने के लिए कांग्रेस के जिन अन्य नेताओं के ट्विटर हैंडल लॉक किए गए थे, उन्हें भी रिस्टोर कर दिया गया है. 

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी के साथ ही पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने भी यह तस्वीर साझा की थी. इन नेताओं के ट्विटर हैंडल भी ट्विटर ने लॉक कर दिए थे. सभी हैंडल अनलॉक हो गए हैं. गौरतलब है कि राहुल गांधी और अन्य पार्टी नेताओं के हैंडल लॉक होने के बाद कांग्रेस ने भी ट्विटर पर हमला बोला था. कांग्रेस ने राहुल गांधी का ट्विटर हैंडल पहले अस्थायी रूप से सस्पेंड और फिर लॉक किए जाने की जानकारी दी थी |
 
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लालू प्रसाद यादव का इलाज करने वाले डॉक्टर का निधन

 छत्तीसगढ़ :-  रिम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ उमेश प्रसाद का आज अहले सुबह निधन हो गया। डॉ उमेश मल्टीपल मायलोमा बीमारी से जूझ रहे थे। यह एक प्रकार का ब्लड कैंसर है। बीमार होने के बावजूद डॉ उमेश व्हीलचेयर के सहारे हर रोज मरीजों को देखने रिम्स आते थे। डॉ उमेश प्रसाद ने लालू प्रसाद जब रिम्स में थे, तब उनका भी इलाज लंबे समय तक किया था। एम्स रेफर करने से पूर्व भी मेडिकल बोर्ड की टीम में डॉ उमेश प्रसाद का नाम था। डॉ उमेश प्रसाद को एक महीना पूर्व मेडिसिन विभाग का एचओडी बनाया गया था। विभाग के एचओडी डॉ जेके मित्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी। इससे पहले डॉ उमेश मेडिसिन विभाग के यूनिट इंचार्ज थे।  

डॉ प्रसाद की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, रिम्स के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उमेश प्रसाद जी के निधन की दुखद सूचना मिली। उनके निधन पर शोक व्यक्त करता हूं, ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को दुख सहने का साहस दे। ऊं शांति। डॉ उमेश प्रसाद के निधन की सूचना मिलते हैं चिकित्सकों में शोक की लहर फैल गयी। उनके साथ काम करने वाले डॉक्टर उनके साथ बिताए हुए पल को याद कर भावुक हो गए। वही उनकी मौत के बाद रिम्स के चिकित्सकों के अलावा अन्य चिकित्सकों ने भी शोक व्यक्त किया है।
 
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सोना-चांदी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी

राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने और चांदी की कीमत में तेजी आई। आज सोना 422 रुपये बढ़कर 45,560 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, पिछले सत्र में 24 कैरेट सोने का दाम 45,138 रुपये प्रति 10 ग्राम था।चांदी की बात करें, तो इस दौरान चांदी में 113 रुपये की बढ़त आई और इसकी कीमत 61,314 रुपये प्रति किलो हो गई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 61,201 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का दाम बढ़कर 1,756 डॉलर प्रति औंस पर रहा जबकि चांदी का दाम 23.44 डॉलर प्रति औंस पर सपाट था। 


निवेशकों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना सिर्फ पांच दिन के लिए (नौ अगस्त से 13 अगस्त तक) खुली है। इसलिए अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो देर न करें। इसकी बिक्री पर होने वाले लाभ पर आयकर नियमों के तहत छूट के साथ और कई लाभ मिलेंगे। सरकार की ओर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए यह वित्त वर्ष 2021-22 की पांचवीं श्रृंखला है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई से लेकर सितंबर के बीच छह किस्तों में जारी किए जाएंगे। योजना के तहत आप 4,790 रुपये प्रति ग्राम पर सोना खरीद सकते हैं। गोल्ड बॉन्ड की खरीद ऑनलाइन तरीके से की जाती है तो सरकार ऐसे निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट देती है। गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होती है और इस पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है। निवेशकों ने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेट कोषों (ईटीएफ) में जून 2021 को समाप्त तिमाही में 1,328 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में निवेश का यह प्रवाह जारी रहेगी। इस साल जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद के बीच निवेश का प्रवाह कुछ कम रहा है।
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आदि गोदरेज ने गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा

गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन आदि गोदरेज ने शुक्रवार को कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया. अब नादिर गोदरेज के हाथ में कंपनी की कमान होगी. उन्हें कंपनी का नया चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है.कंपनी के बोर्ड की बैठक शुक्रवार को हुई, जिसमें आदि गोदरेज का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया. आदि गोदरेज अभी 1 अक्टूबर 2021 तक अपने पद पर बने रहेंगे. उसके बाद उन्हें कंपनी का मानद चेयरमैन बनाया जाएगा.नादिर गोदरेज अभी कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) हैं. वो अब एमडी पद के साथ-साथ कंपनी के चेयरमैन भी होंगे.

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Hyundai i20 N Line 24 अगस्त को होगा लॉन्च , जानिए क्या हैं कीमत

 Hyundai Motor India ने ऑफीशियल तौर पर पुष्टि की है कि i20 N Line 24 अगस्त को भारतीय बाजार में डेब्यू करेगी. ये नया मॉडल अनिवार्य रूप से i20 हैचबैक का परफॉर्मेंस स्पेशल वेरिएंट होगा, जिसमें स्टैंडर्ड मॉडल पर केवल कुछ बदलाव होंगे. I20 N Line के टीज़र से पता चला है कि इसमें एक नया फ्रंट ग्रिल और एक डुअल-टिप एग्जॉस्ट मिलेगा. एक्सटीरियर डिज़ाइन में अन्य बदलावों में एक रीस्टाइल्ड फ्रंट बंपर, साइड स्कर्ट्स, और एक इंटीग्रेटेड डिफ्यूज़र के साथ एक नया रियर बम्पर शामिल होगा.


Hyundai i20 N में नए मशीन-कट डिज़ाइन के साथ बड़े 17-इंच के अलॉय व्हील भी मिलेंगे. नए बाहरी पेंट ऑप्शन भी पेश किए जाएंगे और निश्चित रूप से, फ्रंट और बैक पर 'एन लाइन' बैज होंगे. हालांकि इंटीरियर स्टाइल में बदलाव उतना अधिक नहीं होगा. डैशबोर्ड का डिज़ाइन पहले जैसा ही रहेगा लेकिन केबिन में एक ऑल-ब्लैक कलर स्कीम होने की संभावना है. एक्सेलेरेटर और ब्रेक पैडल स्पोर्टी दिखने वाले मेटल यूनिट होंगे और स्टीयरिंग व्हील एक नई थ्री-स्पोक यूनिट होगी
दूसरे फीचर्स में एक डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, एक 10.25-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, ब्लू लिंक कनेक्टेड कार टेक, कूल्ड ग्लोवबॉक्स, कीलेस एंट्री, पुश-बटन स्टार्ट / स्टॉप, वायरलेस स्मार्टफोन चार्जिंग आदि शामिल होंगे.

N Line i20 पर एक सिंगल इंजन ऑप्शन 1.0-लीटर टर्बो GDI मोटर का होगा. स्टैंडर्ड मॉडल के समान, ये मोटर 120 पीएस की अधिकतम पावर और 172 एनएम का अधिकतम टॉर्क जनरेट करेगी. ये दो ट्रांसमिशन ऑप्शनों के साथ उपलब्ध होगा, यानी एक 6-स्पीड आईएमटी और एक 7-स्पीड डीसीटी. हालांकि पावर के आंकड़े स्टैंडर्ड i20 से अलग नहीं हैं, एन लाइन वेरिएंट ड्राइव करने के लिए और अधिक मजेदार होगा क्योंकि हुंडई एक स्पोर्टियर राइड-हैंडलिंग बैलेंस के लिए सस्पेंशन को बदल देगा. फील और फीडबैक को बेहतर बनाने के लिए स्टीयरिंग पर भी फिर से काम किया जाएगा और नए एग्जॉस्ट से इंजन की आवाज भी बेहतर होगी.

 

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ओपी चौटाला ने की प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात

हरियाणा :-  पूर्व मुख्यमंत्री व इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला हाल ही में जेल से रिहा होकर बाहर आए हैं, जिसके बाद से उनका विपक्ष के बड़े नेताओं से मिलने का सिलसिला जारी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह के बाद गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक व पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने चौटाला से मुलाकात की है. बादल-चौटाला की बीच हुई मुलाकात से पंजाब और हरियाणा में सियासी सुगबुगाहट तेज हो गई है.ओमप्रकाश चौटाला जेल से बाहर आते ही प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं. चौटाला के अब खुलकर सियासी मैदान में उतरने से हरियाणा की सियासत में नई हलचल पैदा हो गई है. वो एक के बाद एक नेताओं और अपने पुराने सहयोगी नेताओं के साथ मुलाकातें कर रहे हैं. ऐसे में बादल और चौटाला की मुलाकात कई मायने में राजनीतिक रूप से अहम है.दरअसल, ओमप्रकाश चौटाला के जेल में रहने को दौरान ही उनके परिवार में कलह हो गई थी. इसके चलते उनका परिवार और पार्टी दो हिस्सों में बंट गई है. इनेलो से अलग होकर उनके बड़े बेटे अजय चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी का गठन कर लिया है जबकि छोटे बटे अभय चौटाला उनके साथ हैं .

साल 2019 के विधानसभा चुनावों में जेजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 सीटें हासिल की थीं और अब बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार का हिस्सा है. दुष्यंत चौटाला राज्य सरकार में डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जबकि इनेलो महज एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी. इनेलो से अभय चौटाला ही जीत सके थे. ऐसे में ओमप्रकाश चौटाला के सामने अपनी पार्टी को दोबारा से खड़े करने की चुनौती है.वहीं, कृषि कानून के चलते शिरोमणि अकाली दल अब बीजेपी से 25 साल पुराना गठबंधन तोड़कर अलग हो चुकी है. पंजाब की सियासत में अकाली अपने राजनीतिक वजूद को बचाए रखने के लिए बसपा के साथ हाथ मिलाकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में है. इसके बावजूद पंजाब में किसान आंदोलन के चलते अकाली के सामने 2022 का चुनाव काफी चुनौती पूर्ण माना जा रहा है.ओमप्रकाश चौटाला और प्रकाश सिंह बादल के बीच गुरुवार को हुई मुलाकात के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं. यह इसलिए भी क्योंकि हरियाणा व पंजाब की राजनीति में चौटाला और बादल परिवार के रिश्ते हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं. दोनों नेता पार्टी लाइन से हटकर चुनाव के दौरान एक-दूसरे की न केवल मदद करते रहे हैं बल्कि संकट की स्थिति में दोनों परिवार एक-दूसरे के साथ खड़े दिखाई दिए हैं. यह परिवारिक संबंध ताऊ देवीलाल के समय में स्थापित हुए थे.

एक बार बादल ने अपनी बेटी की शादी तय की थी, लेकिन उन्हें जेल जाना पड़ गया था. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति में बेटी का कन्यादान चौधरी देवीलाल ने किया. इसके बाद दोनों पगड़ी बदल भाई बन गए थे. प्रकाश सिंह बादल सत्ता में रहते हुए विदेश दौरे पर गए थे तो उन्होंने संत हरचंद सिंह लोंगोवाल की बरसी के कार्यक्रमों के आयोजन की जिम्मेदारी ओमप्रकाश चौटाला को सौंप दी थी. इसीलिए ओमप्रकाश चौटाला और बादल की मुलाकात काफी अहम है, क्योंकि चौटाला परिवार दो हिस्सों में बंटा हुआ है.ओमप्रकाश चौटाला जेल से रिहा होते ही राजनीतिक में सक्रिय हो गए हैं और अपनी पार्टी के खोए हुए सियासी जनाधार को वापस पाने के साथ-साथ पुराने राजनीतिक संबंध को भी दोबारा से पटरी पर लाने में जुट गए हैं. ऐसे में बादल और चौटाला दोनों एक दूसरे की जरूरत बन सकते हैं. चौटाला पंजाब में बादल की सियासी मददगार साबित हो सकते हैं तो हरियाणा में बादल राजनीतिक रूप से इनोलो के साथ मिलकर पुराने समीकरण को बहाल कर सकते हैं.

ओमप्रकाश चौटाला अपने पिता पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल की जयंती के मौके पर 25 सितंबर को हरियाणा में बड़ा कार्यक्रम करने वाले हैं. चौटाला इस कार्यक्रम में अपनी सियासी ताकत दिखाना चाहते हैं, जिसके लिए अपने पुराने साथियों और देवीलाल के साथियों को इस मंच पर इकट्ठा करने की कवायद में जुटे हैं.
सोमवार को उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से गु्फ्तगू की थी. इसके अलावा पिछले दिनों जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के साथ भी चौटाला की मुलाकात हो चुकी है. बादल, देवगौड़ा, मुलायम, नीतीश और ओमप्रकाश चौटाला आपातकाल के दौर के साथी हैं बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उम्र के ऐसे पड़ाव पर हैं, जहां चौटाला के नेतृत्व वाले इनेलो में बिखराव के बाद उनके सामने अपने पुराने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और राजनीतिक रूप से पार्टी को साबित करने की बड़ी चुनौती है. चौटाला के जेल में रहते हुए उनके छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला ने पार्टी में जान फूंकने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हो सके. ऐसे में ओमप्रकाश चौटाला खुद पार्टी को दोबारा से खड़ा करने के साथ-साथ सियासी समीकरण भी बनाने में जुट गए हैं.
             
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VIDEO : दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर लगा भीषण जाम

आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस आने में सिर्फ दो दिन बचे हैं और दिल्ली में इससे पहले चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर दी गई है. स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम से पहले आज राजधानी दिल्ली में फुल ड्रेस रिहर्सल हो रही है, ऐसे में दिल्ली के कई इलाके आज बंद हैं और कई जगह पर ट्रैफिक रूट में बदलाव किया गया है. इसके कारण दिल्ली के कई इलाकों में जाम की स्थिति है, दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भी जाम है.शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर में भी ट्रैफिक रूट में बदलाव के कारण जाम लग गया. नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार को भीषण जाम लगा. दिल्ली पुलिस सीमाओं पर चेकिंग कर रही है, ऐसे में दिल्ली से आने वाले और दिल्ली जाने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गई है. यहां चिल्ला बॉर्डर से लेकर महामाया फ्लाईओवर तक जाम लगा है. बता दें कि स्वतंत्रता दिवस से पूर्व ही दिल्ली-नोएडा के बड़े बॉर्डर पर भारी वाहनों का प्रवेश बंद हो गया था. 

दिल्ली पुलिस  की एडवाइज़री के मुताबिक, लालकिला वाला एरिया सुबह 4 से 10 बजे तक पूरी तरह से बंद रहेगा, ऐसा ही 15 अगस्त के दिन भी होगा इसके अलावा नेताजी सुभाष मार्ग, लोथियन रोड, एसपी मुखर्जी मार्ग, चांदनी चौक रोड, निषाद राज मार्ग, एसप्लेनेड रोड, रिंग रोड-राजघाट, आउटर रिंग रोड-आईपी फ्लाईओवर भी आम लोगों के लिए सुबह चार से 10 बजे तक बंद रहेंगे.12 अगस्त की रात से 13 अगस्त की सुबह 11 बजे तक और फिर 14 अगस्त की रात से 15 अगस्त की सुबह तक निज़ामुद्दीन ब्रिज और वज़ीराबाद ब्रिज पर सामान वाले वाहनों की एंट्री पर रोक रहेगी. महाराणा प्रताप आईएसबीटी से सराय काले खां आईएसबीटी के बीच बसों का संचालन भी इस टाइमलाइन में बंद किया जाएगा.

इन अहम रास्तों के अलावा पार्किंग से जुड़ी भी एडवाइज़री जारी की गई है. जिन गाड़ियों पर पार्किंग का लेबल नहीं है, उन्हें 15 अगस्त तक कुछ रास्तों में जाने से बचने को कहा गया है. इनमें इंडिया गेट, मंडी हाउस, सिकंदरा रोड, तिलक मार्ग, मथुरा रोड, बहादुर शाह ज़फर मार्ग, सुभाष मार्ग, जवाहरलाल नेहरू मार्ग, रिंग रोड शामिल हैं इनके अलावा दिल्ली मेट्रो के स्टेशन पर मिलने वाली पार्किंग की सुविधा भी 15 अगस्त तक बंद रहेगी. दिल्ली मेट्रो के मुताबिक, 14 अगस्त की सुबह 6 बजे से 15 अगस्त की दोपहर 2 बजे तक सभी स्टेशन पर पार्किंग की सुविधा बंद रहेगी, हालांकि मेट्रो चलती रहेगी |

 
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घरेलु उड़ानों को अब ज्यादा उड़ानों की सरकार ने दी इजाजत

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि एयरलाइंस अब अपनी पूर्व-कोविड घरेलू उड़ानों का अधिकतम 72.5% संचालित कर सकती हैं. इससे पहले अभी तक 65% उड़ानों की इजाजत थी. एयरलाइंस 5 जुलाई से अपनी पूर्व कोविड घरेलू उड़ानों का 65 फीसदी तक संचालन कर रही हैं. इससे पहले 1 जून से 5 जुलाई के बीच उड़ानों की सीमा 50 फीसदी तक थी. मंत्रालय ने गुरुवार को एक नया आदेश जारी करते हुए 65 फीसदी क्षमता को बढ़ाकर 72.5 फीसदी कर दिया है. गुरुवार को जारी किए गाए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उड़ानों की सीमा अगले आदेश जारी रहेगी. सरकार ने देश में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए पिछले साल मार्च में भारत में घरेलू उड़ानों के संचालन को रोक दिया था 

पिछले साल मई में दो महीने के ब्रेक के बाद उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया गया था, जिसमें शुरुआत में सिर्फ 33 फीसदी घरेलु उड़ानों को इजाजत दी गई थी. सरकार ने पिछले साल 25 मई को निर्धारित घरेलू उड़ानों को फिर से शुरू किया था तो मंत्रालय ने पूर्व-कोविड घरेलू सेवाओं के 33% से ज्यादा संचालित नहीं करने को कहा था. जिसके बाद दिसंबर तक कैप को धीरे-धीरे बढ़ाकर 80 फीसदी तक कर दिया गया था. 1 जून तक ये 80 फीसदी कैप बना रहा.
मई में फिर घटाई गई थी उड़ानों की सीमा 28 मई को 1 जून से अधिकतम सीमा को 80 से 50 प्रतिशत तक लाने का फैसला देश भर में एक्टिव COVID-19 मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि के बाद लिया गया. वहीं दूसरी ओर देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 40,120 नए मामले आए हैं. वहीं 42,295 रिकवरी हुई है और 585 लोगों की कोरोना के चलते जान गई है.|
 
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भारत का राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' दो मिनट में बनकर हो जाता है तैयार

Independence Day 2021:- पूरा देश 75वां स्वतंत्रता दिवस को मनाने की तयारी में जुटा हुआ है. पश्चिम बंगाल में दक्षिण कोलकाता करखानो में युद्ध स्तर पर काम हो रहा है. यहां तिरंगा सिलकर उसपे अशोक चक्र की छाप देकर उसे राष्ट्रीय ध्वज बनाया जा रहा है. जानिए भारत का राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' कैसे दो मिनट में बनकर तैयार हो जाता है दक्षिण कोलकाता में झंडा बनाने वाली फैक्ट्रियों की विशेषता यह है कि यहां पश्चिमी राज्यों अहमदाबाद, गुजरात, महाराष्ट्र के विपरीत हस्तशिल्प का प्रयोग ज्यादा होता है, जो झंडों को छापने के लिए स्वचालित मशीनों का उपयोग करते हैं.तिरंगा बनाने के लिए कपड़े के तीन टुकड़ों को संबंधित क्रम में एक साथ सिलाई करके झंडे बनाए जाते हैं. 4 फुट का झंडा बनाने में करीब 4 मिनट और 2 फुट ऊंचे झंडे को बनाने में करीब 2 मिनट का समय लगता है. अशोक चक्र की छपाई में ज्यादा समय नहीं लगता है और यह 10 से 15 सेकेंड के भीतर तैयार हो जाता है. हालांकि इसमें रसायनों और रंगों के मिश्रण में काफी समय लगता है.अशोक चक्र के लिए नीले रंग की सही छाया प्राप्त करने के लिए कई रंगों को एक साथ मिलाया जाता है. फैक्ट्री के एक फ्लैग-मेकर ने कहा, "नीले, नीले, मध्यम, लाल रंग के होते हैं और फिर हमें इसमें तेल मिलाना होता है." 

तेल को रंगों के मिश्रण में डाला जाता है ताकि यह ऑइल पेंट की तरह हो जाए और रंग बारिश और नमी को बनाए रखता है. हालांकि, लाल रंग को नीले रंग के अन्य रंगों के साथ भी मिलाया जाता है ताकि अशोक चक्र का रंग एकदम सही निकले. पूरी प्रक्रिया में प्लास्टिक का उपयोग नहीं होता है और झंडा बनाने की पूरी प्रक्रिया मैन्युअल रूप से की जाती है.भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज को इसके वर्तमान स्‍वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जो 15 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्‍वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी. इसे 15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया हमारे लिए तिरंगा बेहद महत्वपूर्ण और गौरव का विषय है. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफेद और हरा. इसके मौजूदा स्वरूप का विकास भी कई पड़ावों में हुआ है. अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. वहीं क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को फहराने के कुछ नियम भी हैं.किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए. बताया जाता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे. रांची का पहाड़ी मंदिर भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहां तिरंगा फहराया जाता हैं. 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी रांची में ही फहराया गया है.

देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए. प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है. तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा, जिसका अनुपात 3:2 तय है. वहीं जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं. सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है. किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा नहीं लगाया जा सकता. और न ही इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने किया जा सकता है.किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए. यह इसका अपमान होता है. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता. भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है. किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं. 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था. इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी. आम नागरिकों को अपने घरों या ऑफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली. तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति साल 2009 में दी गई.

पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला. राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया है. भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होने और राष्ट्रीय शोक घोषित होने पर कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता है. लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुकाया जाता है जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा है. जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता है, वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता है.देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता है. इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए. शव को जलाने या दफनाने के बाद उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं. कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे को भी सम्मान के साथ जला दिया जाता है या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती है.
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के छोटे भाई का निधन, सीएम ने ट्वीट कर जताया दुख

हरियाणा:-  मुख्यमंत्री मनोहर लाल के छोटे भाई 57 वर्षीय गुलशन खट्टर का फेफड़ों में संक्रमण के चलते शुक्रवार सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 15 दिन से बीमार थे। दो दिन पहले ही उनको रोहतक के पीजीआई से गुरुग्राम के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। दोपहर 3 बजे रोहतक के शीला बाईपास श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सीएम मनोहर लाल के भी रोहतक पहुंचने की संभावना है।सीएम मनोहर का परिवार मूल रूप से कलानौर खंड के गांव बनियानी का रहने वाला है। पांच भाइयों में सीएम मनोहर लाल सबसे बड़े हैं। जबकि उनसे छोटे भाई जगदीश, चरणजीत, गुलशन और विजय खट्टर हैं। परिजनों ने बताया कि गुलशन खट्टर गांव में रहकर खेतीबाड़ी करते थे। 

  आज मैं उनकी अंत्येष्टि में दोपहर 3 बजे रोहतक में शामिल होऊंगा। मैं 14 अगस्त को चंडीगढ़ में और 15 अगस्त को फरीदाबाद में ध्वजारोहण के पश्चात दिल्ली में रहूंगा।

सभी से सादर प्रार्थना है कि एक स्थान पर ज्यादा संख्या में एकत्रित न हों एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें। https://t.co/UqgPzUhLci

— Manohar Lal (@mlkhattar) August 13, 2021

 

 

 हालांकि अब वे रोहतक शहर में भिवानी चुंगी के पास राजेंद्रा कालोनी में परिवार सहित रह रहे थे। उनके दो बेटे व एक बेटी हैं। बेटे प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं।परिजनों ने बताया कि दो सप्ताह पहले गुलशन को निमोनिया की शिकायत हुई। वे पीजीआई में दाखिल रहे। सीएम मनोहर लाल ने भी पीजीआई पहुंच कर उनका हालचाल पूछा था। दो दिन पहले परिजन गुलशन को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ले गए, जहां शुक्रवार सुबह उनका देहांत हो गया। परिजनों ने बताया कि शव को रोहतक लाया जा रहा है। इसके बाद दोपहर 3 बजे के करीब शीला बाईपास स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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