अतीक के दफ्तर में पुलिस का छापा,खून के छीटे और चाकू बरामद
HIGHLIGHTS
- चकिया वाले दफ्तर में पुलिस का छापा
- अतीक के दफ्तर में मिला खून और चाकू
- साड़ी औऱ चूड़ी मिलने से महिला की हत्या की आशंका
HIGHLIGHTS
#यूपी प्रयागराज में अतीक अहमद के दफ्तर में पुलिस को जांच के दौरान खून के धब्बे और चाकू मिला#झूठा_सच pic.twitter.com/8hwaq5y0fB
— Jhutha Sach (@jhuthasach2021) April 24, 2023
झूठा-सच न्यूज़ (बरेली) : प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में बरेली की सेंट्रल जेल का नया वीडियो सामने आया है। सेंट्रल जेल के अंदर लगे CCTV में अतीक के भाई अशरफ से मिलने पहुंचे 9 लोग कैद हुए हैं। ये कोई और नहीं, बल्कि उमेश पाल हत्याकांड के वही शूटर्स थे, जिन्होंने जेल के अंदर बैठकर प्लानिंग की।वीडियो 11 फरवरी का है। 2 घंटे की इस मुलाकात के लिए अतीक के बेटे असद की आईडी का इस्तेमाल हुआ। इसी मुलाकात के 13 दिन बाद 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की बम और गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद मेडिकल कराने के दौरान 15 अप्रैल की रात अतीक और अशरफ की हत्या
ये वीडियो जेल के मेन एंट्री गेट का है। 2 मिनट 10 सेकेंड के इस वीडियो में जेल के कॉन्स्टेबल सामान को रखते हुए नजर आते हैं। गेट से 9 शूटर्स अचानक दाखिल होते हैं। उनकी मुलाकाती रजिस्टर पर एंट्री नहीं कराई जाती है। न ही हाथ पर जेल मुहर लगाई जाती है। करीब 2 घंटे की मुलाकात के बाद वह बाहर निकलते हैं। इसमें अशरफ का साला सद्दाम, उसका साथी लल्लागद्दी, उमेश पाल हत्याकांड का शूटर गुलाम, विजय चौधरी उर्फ उस्मान और गुड्डू मुस्लिम शामिल था,,24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या हुई। हत्या की साजिश में अतीक और उसके भाई अशरफ को नामजद किया गया। अतीक गुजरात की साबरमती जेल जबकि अशरफ बरेली सेंट्रल जेल में उस समय बंद था। हत्या में अतीक का बेटा असद भी शामिल रहा। उसका उमेश पर गोली चलाते हुए वीडियो भी सामने आया था।उमेश पाल हत्याकांड की जांच STF ने शुरू की तो एक आरोपी को STF ने प्रयागराज में पकड़ा,, पूछताछ में खुलासा हुआ कि बरेली जेल से वॉट्सऐप कॉल की गई। वहां इसकी प्लानिंग बनी। जांच हुई तो उमेश हत्याकांड से 13 दिन पहले अतीक के बेटे असद और कुछ शूटर्स से अशरफ से मिलने की बात सामने आई।अशरफ से शूटर्स की मुलाकात के बात सामने आने के बाद बरेली जेल में जेल सिपाही से लेकर अधीक्षक तक 8 कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। इनमें जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर, जेल के वार्डन और जेल के 2 सिपाही शामिल हैं। इन आठों को अभी तक निलंबित किया गया है। जबकि दो सिपाही को जेल भेजा गया है। वहीं, अन्य लोगों को मिलाकर इस मामले में अब तक 11 लोग जेल भेजे गए हैं।<
प्रयागराज (झूठा-सच) | अतीक-अशरफ हत्याकांड में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. शनिवार की रात साढ़े दस बजे के करीब अतीक-अशरफ का शरीर गोलियों से छलनी कर दिया गया. अब इसको लेकर अलग-अलग एंगल सामने आ रहे हैं. हालांकि एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है,,लेकिन माफिया का कथित चैट जो वायरल हो रहा है, उसके मुताबिक अतीक जेल से रहकर भी कांड जारी रखता था. चैट की लिखावट बताती है कि अतीका का लेवल ही अलग था. वो प्रॉपर वॉट्सअप से कारोबारियों को धमकाता था. उनसे वसूली करता था. धमकी देता था,, कि अगर पैसा नहीं पहुंचा तो उसका काम तमाम कर दिया जाएगा.
अतीक का एक वॉट्सअप चैट वायरल हो रहा है. ये चैट 6 और 7 जनवरी 2022 का है. इस वक्त वो साबरमती जेल में बंद था. वहां से वो लखनऊ के किसी बिल्डर को धमका रहा था. इस चैट में मुस्लिम साहब का जिक्र था. अतीक के आतंक की कहानियां प्रयागराज के घर-घर गूंजती थी. उसकी मौत के बाद अब वो एक-एक करके सामने आ रही हैं. एक और चैट में लिखा है कि मेरे बेटे वकील या डॉक्टर नहीं बनेंगे मुस्लिम साहब. माफिया अतीक चुनाव टैक्स भी वसूलता था. बड़े बिल्डर और व्यवसाय से जुड़े बड़े कारोबारियों से चुनाव लड़ने के लिए चुनाव टैक्स लेता था . अतीक के चुनाव लड़ने पर जारी होती थी गुंडा टैक्स वसूली पर्ची. आपको पता है कि गुंडा टैक्स वसूली पर्ची में रंग के हिसाब से पैसे तय होते थे. दो तरह की पर्ची बड़े कारोबारियों और व्यवसाय से जुड़े बड़े कारोबारियों को दी जाती थी. तीन लाख से लेकर 5 लाख तक था गुलाबी पर्ची का रेट, सफेद पर्ची का 5 लाख से ऊपर का रेट था, बहुत सारा पैसा तो कैश आता था मगर बैंक अकाउंट में भी पैसा जमा कराया था. बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एकाउंट नंबर में चुनाव टैक्स के पैसे जमा होते थे. बैंक एकाउंट माफिया अतीक अहमद के नाम का होता था....
शाइस्ता को ढूंढना मुश्किल ही नही नामुमकिन
कोलकत्ता में मिली शाइस्ता की लोकेशन
शाइस्ता की पहचान कर पाना हो रहा मुश्किल
प्रयागराज (झूठा-सच): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार को केल्विन हॉस्पिटल में माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद को सरेराह गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. वहीं इसे पहले गुरुवार को झांसी में यूपी एसटीएफ के साथ हुई अतीक के छोटे बेटे असद और शूटर गुलाम की मुठभेड़ में मौत हो गई थी. पति-बेटे और देवर की मौत के बाद भी माफिया की पत्नी शाइस्ता परवीन इनमें से किसी के भी जनाजे पर नहीं पहुंची, क्योंकि उसे पता था कि वो अगर सामने आएगी तो पुलिस उसे हिरासत में ले लेगी. अब शाइस्ता की तलाश मे जमीन आसमान एक करने वाली पुलिस के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है.
झूठा-सच के लिए वेद संजय की कलम से विशेष : सवाल सिर्फ अतीक की हत्या का नहीं....!
अब पुलिस को सूचना मिली है कि शाइस्ता परवीन कोलकत्ता में है. जिसके बाद यूपी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस ने कलकत्ता में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. अतीक अहमद की पत्नी भी कम शातिर नहीं है. शाइस्ता पर उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग में शामिल होने के आरोप के साथ ही शूटर्स को एक-एक लाख रुपए देने का भी आरोप है. उमेश पाल की हत्या के बाद से ही पुलिस शाइस्ता परवीन की तलाश कर रही है. शाइस्ता परवीन पर 50 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया है. हालांकि पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए शाइस्ता को ढूंढना इतना आसान नहीं है. दरअसल सार्वजनिक रूप से शाइस्ता कभी भी बिना बु्र्के के नजर नहीं आई. जिस कारण उसकी कोई भी लेटेस्ट तस्वीर पब्लिक डोमने में नहीं है. शाइस्ता की एक फोटो इंटरनेट पर मौजूद है जो बहुत पुरानी है. वहीं बसपा ज्वाइन करने के दौरान भी शाइस्ता बुर्के में ही नजर आई थी. ऐसे में अगर वो पुलिस के सामने आ भी जाए तो उसे पहचान पाना पुलिस के लिए एक बड़ा टास्क हो जाएगा.
रायपुर (झूठा-सच) : छत्तीसगढ़ में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत करवट लेने जा रही है इसमें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सात बार के सांसद एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैंस को एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में उतारने की तैयारी कर ली गई है क्योंकि भाजपा हर हर हाल में सत्ता में वापसी की कवायद में जुटी हुई है इस कवायद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए संघ की महत्वपूर्ण भूमिका होने जा रही है वहीं दूसरी तरफ यह भी चर्चा है और विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि आज भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ के कई वरिष्ठ एवं शीर्षस्थ नेताओं को दिल्ली तलब किया गया था और उनकी लंबी चर्चा हुई है इस चर्चा में काफी महत्वपूर्ण बातों में छत्तीसगढ़ की वर्तमान स्थिति पर भी बातचीत हुई है ऐसा जानकारी में आ रहा है कि जिन नेताओं से चर्चा की गई है उनमें छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव डॉ रमन सिंह सरोज पांडे एक साथ कई प्रमुख नेता शामिल हैं जिन्हें चर्चा के लिए बुलाया गया था
साल था 2006, तब के गोरखपुर से लोकसभा सांसद और अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा में यह कहते हुए फूट-फूट कर रो पड़े थे कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और उन्हें जान का खतरा है। समय बदला और अब योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश के दूसरी बार मुख्यमंत्री हैं। हाल ही में एक तरफ मॉफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर की खबर आई तो दूसरी तरफ़ यह भी खबर थी कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक योगी सरकार के 6 सालों में से 3 सालों यानी 2017 से 2020 के बीच ही फर्जी एनकाउंटर्स की 93 शिकायतें उसके पास पहुंचीं। यही नहीं, ऐसे फर्जी एनकाउंटर्स की शिकायतें भाजपा के सत्ता में आते ही 1000 फीसदी बढ़ गई हैं। 2016-17 में फर्जी एनकाउंटर्स की सिर्फ 4 शिकायतें थीं, 2017-18 में ये बढ़कर 44 हो गईं। उधर असम में भाजपा के सत्ता संभालने के बाद फर्जी एनकाउंटर की शिकायतें 41 फीसदी कम हुई हैं। हालांकि असद-गुलाम के एनकाउंटर को लेकर जानकारों के सवाल उठाए जाने के बाद झांसी डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. इस जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी बनाया गया है।
मसला सिर्फ यही नही है, असल मसला तो माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या का है। अतीक और अशरफ को पहली और दूसरी बार गुजरात की साबरमती जेल से जब प्रयागराज लाया गया तब सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी थी लेकिन जब उसे मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया जा रहा था तब सुरक्षा व्यवस्था ऐसी थी कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जिसे उसके नित्यकर्मों से निवृत्त होने के भी जानकारी चाहिए होती है, वह उस से बाइट ले रही है और स्थानीय पत्रकार के रुप में आए तीन युवकों ने एक विशेष नारा लगाते हुए अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी और मौजूद पुलिसकर्मी युवकों के पिस्तौल खाली होते तक हाथ पर हाथ धर कर खड़ी रही। जब युवकों के पिस्तौल की गोलियां खाली हो गई तब पुलिसकर्मियों को समझ में आया कि उन्हें भी प्रतिकार करना है। इसके बाद पुलिसकर्मी वह करते हैं जो उन्हें पहले करना चाहिए था, मतलब आरोपी युवकों पर गोली चलाती है, जिसमें एक आरोपी युवक घायल हुआ। अब इसी बात का ढिंढोरा यूपी पूलिस पीट रही है कि उसकी जवाबी कार्रवाई में एक युवक घायल हुआ है। आरोपियों के बैकग्राउंड की बात करें जैसा कि यूपी पुलिस बता रही है कि तीनों आरोपी शातिर बदमाश हैं और जेल यात्रा भी कर आए हैं। इनमें से मुख्य आरोपी लवलेश के फ़ेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, वो अपने आप को बजरंग दल का जिला सह सुरक्षा प्रमुख बताता है। संभवत: इसीलिए हत्या करते समय उसने एक खास नारा लगाया। हालांकि यूपी पुलिस की मानें तो तीनों ने अपने कबूलनामे में कहा है कि वे अतीक की हत्या कर फेमस होना चाहते थे।
सवाल सिर्फ एनकाउंटर या हत्या का नहीं है, सवाल है तो यह है कि क्या अतीक को मेडिकल चेकअप के दौरान ले जाते वक्त सुरक्षा में लापरवाही बरती गई? सवाल यह भी है कि मौजूद पुलिसकर्मियों ने आरोपी को अतीक के इतने करीब कैसे जाने दिया कि वह अपनी पिस्तौल उसकी कनपटी से सटा सके? यहां यह भी बताना लाजिमी है कि माफिया अतीक ने पुलिस सुरक्षा में गोली मारकर हत्या किए जाने के दो सप्ताह पहले, सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए याचिका दायर की थी कि यूपी पुलिस की हिरासत के दौरान उसकी जान को खतरा है। तब सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। अब राज्य की योगी सरकार ने जिम्मेदारी निभाते हुए अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्य न्यायिक आयोग बनाया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अरविंद कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में न्यायिक आयोग का गठन किया है। यूपी के पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड जज बृजेश कुमार सोनी भी आयोग के सदस्य होंगे। तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग 2 महीने के भीतर संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा.
हालांकि इन दो हत्याओं के बाद मोदी-योगी समर्थक सोशल मीडिया पर लहालोट हुए पड़े हैं सोशल मीडिया में जो जय-जयकार हो रही है उसे देखकर तो यही प्रतीत होता है कि अब समय आ गया है कि देश में न्यायिक व्यवस्था को ही खत्म कर देना चाहिए। लेकिन एक बड़ा सवाल मीडिया के सामने भी खड़ा होता है कि क्या आगे से उसे किसी के भी मुंह में माइक डालकर बाइट लेने मिलेगा या 8-10 कदम की दूरी पर ही रोक दिया जाएगा...?
अब तक करीब 39.76 लाख से अधिक लोगों का हुआ निःशुल्क इलाज
जिला शिक्षा कार्यालय भवन का जीर्णोंद्धार कार्य का लोकार्पण
रायपर (झूठा-सच)। राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष सुश्री अनुसुईया उइके आज रायपुर के नवीन विश्रामभवन में आयोजित छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के 18 वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं। इस अवसर पर राज्यपाल ने आयोग की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि आयोग को राज्य में शिक्षा की स्थिति को बेहतर करने की दिशा में विशेष प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि आयोग को न केवल निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए भी विशेष रूप से कार्य करने की जरूरत है। इस समारोह में राज्यपाल ने आयोग की स्मारिका ‘ज्ञानामृत‘ का विमोचन किया एवं आयोग के हेल्पलाईन नम्बर का भी शुभारंभ किया गया। इसके अलावा राज्यपाल ने भारत से टी.बी. रोग के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे, प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के देशव्यापी प्रचार-प्रसार कर जनजागरूकता का भी आह्वान किया।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले स्ववित्तीय विश्वविद्यालयों की स्थापना, संचालन एवं उनके विनियमन के उद्देश्य से इस आयोग की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 16 निजी विश्वविद्यालय स्थापित हैं एवं इन विश्वविद्यालयों में देश-विदेश के विद्यार्थी बड़ी संख्या में अध्ययनरत् हैं। कुलाध्यक्ष ने कहा कि आयोग निजी विश्वविद्यालयों के निरीक्षण व मार्गदर्शन कर शैक्षणिक जगत में एक उच्च मापदण्ड स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है परंतु अभी भी विद्यार्थियों के हित में आयोग को अनेक कार्य करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त कि आयोग के मार्गदर्शन में निजी विश्वविद्यालयों में अध्ययन अध्यापन और शोध का कार्य उच्च मापदण्डों के साथ स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के साथ-साथ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास की दिशा में भी आयोग को विशेष रूप से प्रयास करना होगा। इसके लिए राज्यपाल ने आयोग को निजी विश्वविद्यालयों और सरकार के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालय पात्रतानुसार नैक और अन्य मूल्यांकन करने वाले नियामक अभिकरणों से अपना परीक्षण करवायें।
राज्यपाल ने कहा कि आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के हितों को ध्यान रखते हुए कई उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। आयोग द्वारा वेब पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के प्रवेश से संबंधित अभिलेख का संधारण किया जा रहा है। साथ ही आयोग द्वारा विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण के लिए हेल्पलाईन नम्बर 18002333375 भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह विद्यार्थियों के हित में नवाचारों को प्रोत्साहन देना होगा और विश्वविद्यालय विनियामक अधिनियम के तहत् बताए गए उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आयोग और विश्वविद्यालयों दोनों को सतत् प्रयत्नशील रहना होगा। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि शोध और पेटेंट प्राप्त करने के क्षेत्र में भी निजी विश्वविद्यालय अग्रसर हों। इस संबंध में आयोग के अध्यक्ष से विशेष प्रयास का आग्रह किया।
राज्यपाल ने कहा कि देश में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में भी अनेक कार्य हो रहे हैं। आयोग को इस संबंध में प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में भी इनको समुचित ढंग से लागू किये जाने के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके लिए निजी विश्वविद्यालयों में इसके प्रावधानों एवं उसके क्रियान्वयन को लेकर निजी विश्वविद्यालयों के साथ बैठकर विमर्श करने की बात कही।
इसके अलावा राज्यपाल ने 2025 तक देश को पूर्णतः टी.बी. के रोग से मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे, प्रधानमंत्री टी.बी.मुक्त भारत अभियान के प्रचार-प्रसार कर, लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों को कई सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए उन्होंने देश-प्रदेश की जनता से इस अभियान के तहत् प्रारंभ किए गए नि-क्षय 2.0 पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर नि-क्षय मित्र के रूप में क्षय रोगियों को गोद लेकर उनके ईलाज में मदद करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री उमेश मिश्रा ने आयोग की गतिविधियों एवं प्रगति के संबंध में जानकारी दी। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री सुशील त्रिवेदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में सभी विश्वविद्यालयों को स्वायत्ता की बेहद जरूरत है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों को एक लीडरशीप डेवलप करते हुए अपने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए एक बेहतर नीति के तहत् कार्य करने की आवश्यकता बताई। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों में लोकतंत्र के लागू करने की आवश्यकता भी बतलाई। श्री त्रिवेदी ने युवाओं को देश के लिए तैयार करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालयों में तकनीकी प्रगति को भी स्वीकारने की बात कही।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री ए.डी.एन. वाजपेयी ने कहा कि राज्य में गुणवत्तपूर्ण शिक्षा के विस्तार के लिए निजी विश्वविद्यालयों को आत्मअवलोकन करते हुए आगे बढ़ना होगा। निजी विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष श्री गजराज पगारिया ने भी सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह,शॉल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.के.एल.वर्मा एवं सी.एस.वी.टी.यू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.मुकेश वर्मा सहित निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के सदस्य, कर्मचारी, निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी गण उपस्थित थे।
वे 4.44 करोड़ रूपए की लागत से धरधरा नाला में उच्चस्तरीय पुल पहुंच मार्ग, ग्राम कोलिहाटोला में 3 करोड़ 30 लाख 58 हजार रूपए की लागत से शासकीय प्राथमिक शाला पहुंचमार्ग नाला पर पुलिया निर्माण कार्य का भूमिपूजन करेंगे। इसी तरह वे 4.57 करोड़ रूपए की लागत से भोलापुर से घुपसाल मार्ग एवं पुल-पुलिया निर्माण तथा मेडिकल बोर्ड में 35 लाख 62 हजार रूपए की लागत से ट्रू नॉट लैब का निर्माण का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल इस अवसर पर 43 हितग्राहियों को 11 लाख 94 हजार 109 रूपए लागत की सामग्री वितरित करेंगे। दो हितग्राहियों को व्यापार एवं आटा चक्की मशीन क्रय के लिए 1-1 लाख रूपए की राशि का चेक, 4 हितग्राहियों को मछली जाल के लिए 10-10 हजार रूपए, 2 हितग्राहियों को आईस बाक्स के लिए 6-6 हजार रूपए, 5 हितग्राहियों को 11 हजार रूपए के बैटरी स्प्रेयर, 5 हितग्राहियों को 3 लाख 76 हजार 109 रूपए के डीजल पंप, विद्युत पंप, मिनी राईस मिल, 25 हितग्राहियों को 5 लाख 55 हजार रूपए के चॉक बोर्ड वितरित करेंगे।
रायपर (झूठा-सच)। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में लोक निर्माण, गृह, जेल, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन विभाग, बीस सूत्रीय कार्यक्रम, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर (जीएसटी), नगरीय प्रशासन एवं विकास, श्रम, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण और सहकारिता विभाग की बजट तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में गृह एवं लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
रायपुर (झूठा-सच)। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए गए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसे निर्मला जी का निर्मम बजट कहा जा सकता है, न इसमें युवाओं के लिए कोई सुविधा है, न किसानों की आय दोगुना करने की बात है, न महिलाओं के लिए है, न अनुसूचित जनजातियों के लिए और ना ही अनुसूचित जातियों के लिए कुछ है। ये बजट केवल चुनाव को देखते हुए बनाया गया बजट है। इसमें एक चीज चौंकाने वाली है, इसमें रेलवे के लिए 2 लाख 35 हजार करोड़ रूपए बजट में रखा गया है। क्या ये कर्मचारियों के लिए है, या नई भर्ती के लिए है, या ऐसा तो नहीं है जैसे एयरपोर्टों को बेचने से पहले सैकड़ों हजारों करोड़ नवीनीकरण के लिए लगा दिया गया और उसके बाद निजी हाथों में बेचा गया। इसी प्रकार की सोच तो नहीं है केन्द्र सरकार की। पहले चकाचक कर दिया जाए, फिर निजी हाथों में बेचा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए भी हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि अम्बिकापुर से चलने वाली ट्रेन मिलेगी, जगदलपुर के लिए भी ट्रेन की व्यवस्था होगी। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हुई। महंगाई और बेरोजगारी को कम करने की कोई व्यवस्था नहीं है। नए लोगों को कैसे रोजगार मिलेगा, इसमें कुछ नहीं है। जितनी भी खाद्य सामग्री है, वो महंगी हो गई है। बजट में श्री अन्न की बात कही गई, कोदो-कुटकी, सांवा तक की बात कही गई, लेकिन इसकी एमएसपी भारत सरकार ने आज तक घोषित नहीं कीे और समर्थन मूल्य पर खरीदने की भी कोई बात किसानों के लिए नहीं कही गई। यह बजट निराशाजनक है।
रायपुर@झूठा-सच : राजधानी रायपुर में अपराध के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू द्वारा 29 जनवरी रविवार को “गृहमंत्री खोजो यात्रा” निकाला जायेगा.इस यात्रा में सैकड़ों जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता टॉर्च लेकर गृहमंत्री को खोजने निकलेंगे। कार्यक्रम की तैयारी को लेकर अजीत जोगी युवा मोर्चा के द्वारा अनुग्रह सागौन बंगला में एक बैठक संपन्न हुआ। इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रदीप साहू ने कहा हमारा शांत रायपुर कांग्रेस के राज में अशांत हो गया है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। बेलगाम अपराध के लिए गृह मंत्री को अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की कार्यप्रणाली को लेकर आरोप लगाया है कि बढ़ते हुए अपराध के कारण छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शहर की छवि राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही है जिसके लिए जितनी जिम्मेदार पुलिस विभाग है उससे कहीं ज्यादा जिम्मेदार प्रदेश के गृह मंत्री भी है।उन्होंने बैठक में कहा बीते 4 सालों में राजधानी रायपुर चाकुपुर बन गया है। शहर का ऐसा कोई वार्ड,कोई थाना क्षेत्र नहीं बचा जहां पर चाकूबाजी की घटना नहीं हुई हो.ऐसे में गृह मंत्री धृतराष्ट्र बनकर बैठे हुए हैं उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा है |इधर,अपराध चरम पर है और अपराधी बेलगाम है.लेकिन गृहमंत्री ने अपराध को लेकर कोई सख्त कदम उठाकर निर्देश नही दिया है।इसलिए अजीत युवा मोर्चा के द्वारा प्रदेश भर में गृहमंत्री खोजो यात्रा निकाला जाएगा । जिसकी शुरुआत रायपुर से किया जायेगा.
बैठक में प्रमुख रूप से पार्टी के प्रदेश महामंत्री महेश देवांगन, मुख्य प्रवक्ता भगवानू नायक, अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू, जनता कांग्रेस रायपुर जिला अध्यक्ष संदीप यदु,विनोद चौहान अनुसूचित जाति विभाग के नेता भगतराम हरवंश, ज़िला अध्यक्ष विनोद चौहान ,हरीश कोठारी, सुजीत डहरिया, डॉ मनमोहन मनहरे, अजय सेन, विवेक बंजारे, संजू गिलहरे, दुर्गेश सारथी, मनीष निषाद, धनुराम सिन्हा, सुजीत गेंद्रे, रोशन साहू, अजय तिवारी, नावेद कुरैशी, अरुण साहू, मनोज बंजारे, बैकुंठ सोना संतोष छतरी, दुर्गेश शास्त्री, थानू धीवर, मनीष धीवर, शिव यादव, देवाशीष नायक सहित बड़ी संख्या में जोगी कांग्रेसी उपस्थित थे
तातापानी@झूठा-सच : आज मकरसक्रांति के अवसर पर तातापानी स्थित तपेश्वर महादेव मंदिर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महादेव की पूजा- अर्चना कर प्रदेशवासियों की समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मांगा । मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रदक्षिणा करने के पश्चात तपेश्वर महादेव के विशाल प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। मुख्यमंत्री बघेल मकर संक्रांति पर सक्रांति परब तातापानी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर तातापानी पहुंचे थे।
Director and Editor : Varsha Yadav
Address : In Front Of Nagar Nigam Zone 4 Baijnathpara Raipur Chhattisgarh
Phone No. : 0771-4043695
Mobile No. : +91 74157 10379
Email : jhuthasachnews24052021@gmail.com
Copyright © 2020-2024. Jhutha-Sach | All Rights Reserved.